Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1004420 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-२५ |
Translated Chapter : |
शतक-२५ |
Section : | उद्देशक-६ निर्ग्रन्थ | Translated Section : | उद्देशक-६ निर्ग्रन्थ |
Sutra Number : | 920 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] पुलाए णं भंते! किं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा? हायमाणपरिणामे होज्जा? अवट्ठियपरिणामे होज्जा? गोयमा! वड्ढमाणपरिणामे वा होज्जा, हायमाणपरिणामे वा होज्जा, अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा। एवं जाव कसायकुसीले। नियंठे णं–पुच्छा। गोयमा! वड्ढमाणपरिणामे होज्जा, नो हायमाणपरिणामे होज्जा, अवट्ठियपरिणामे वा होज्जा। एवं सिणाए वि। पुलाए णं भंते! केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। केवतियं कालं हायमाणपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं सत्त समया। एवं जाव कसायकुसीले। नियंठे णं भंते! केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। सिणाए णं भंते! केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। केवतियं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! पुलाक, वर्द्धमानपरिणामी होता है, हीयमानपरिणामी होता है अथवा अवस्थितपरिणामी होता है? तीनों में होता है। इसी प्रकार यावत् कषायकुशील तक जानना। भगवन् ! निर्ग्रन्थ ? गौतम ! वह वर्द्धमान और अवस्थित परिणाम वाला होता है। इसी प्रकार स्नातक के। भगवन् ! पुलाक कितने काल तक वर्द्धमान – परिणाम में होता है ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त। भगवन् ! वह कितने काल तक हीयमान परिणामी होता है ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त। भगवन् ! वह कितने काल तक अवस्थित परिणामी होता है ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट सात समय। इसी प्रकार कषायकुशील तक जानना। भगवन् ! निर्ग्रन्थ कितने काल तक वर्द्धमानपरिणामी होता है ? गौतम ! जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त। भगवन् ! निर्ग्रन्थ कितने काल तक अवस्थितपरिणामी होता है ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्त – र्मुहूर्त्त। भगवन् ! स्नातक कितने काल तक वर्द्धमानपरिणामी होता है ? गौतम ! जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त। भगवन् ! स्नातक कितने काल तक अवस्थितपरिणामी रहता है ? जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि वर्ष। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] pulae nam bhamte! Kim vaddhamanapariname hojja? Hayamanapariname hojja? Avatthiyapariname hojja? Goyama! Vaddhamanapariname va hojja, hayamanapariname va hojja, avatthiyapariname va hojja. Evam java kasayakusile. Niyamthe nam–puchchha. Goyama! Vaddhamanapariname hojja, no hayamanapariname hojja, avatthiyapariname va hojja. Evam sinae vi. Pulae nam bhamte! Kevatiyam kalam vaddhamanapariname hojja? Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam amtomuhuttam. Kevatiyam kalam hayamanapariname hojja? Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam amtomuhuttam. Kevatiyam kalam avatthiyapariname hojja? Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam satta samaya. Evam java kasayakusile. Niyamthe nam bhamte! Kevatiyam kalam vaddhamanapariname hojja? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosena vi amtomuhuttam. Kevatiyam kalam avatthiyapariname hojja? Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam amtomuhuttam. Sinae nam bhamte! Kevatiyam kalam vaddhamanapariname hojja? Goyama! Jahannena vi amtomuhuttam, ukkosena vi amtomuhuttam. Kevatiyam kalam avatthiyapariname hojja? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam desuna puvvakodi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Pulaka, varddhamanaparinami hota hai, hiyamanaparinami hota hai athava avasthitaparinami hota hai? Tinom mem hota hai. Isi prakara yavat kashayakushila taka janana. Bhagavan ! Nirgrantha\? Gautama ! Vaha varddhamana aura avasthita parinama vala hota hai. Isi prakara snataka ke. Bhagavan ! Pulaka kitane kala taka varddhamana – parinama mem hota hai\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta antarmuhurtta. Bhagavan ! Vaha kitane kala taka hiyamana parinami hota hai\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta antarmuhurtta. Bhagavan ! Vaha kitane kala taka avasthita parinami hota hai\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta sata samaya. Isi prakara kashayakushila taka janana. Bhagavan ! Nirgrantha kitane kala taka varddhamanaparinami hota hai\? Gautama ! Jaghanya aura utkrishta antarmuhurtta. Bhagavan ! Nirgrantha kitane kala taka avasthitaparinami hota hai\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta anta – rmuhurtta. Bhagavan ! Snataka kitane kala taka varddhamanaparinami hota hai\? Gautama ! Jaghanya aura utkrishta antarmuhurtta. Bhagavan ! Snataka kitane kala taka avasthitaparinami rahata hai\? Jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta deshona purvakoti varsha. |