Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003914 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-८ |
Translated Chapter : |
शतक-८ |
Section : | उद्देशक-८ प्रत्यनीक | Translated Section : | उद्देशक-८ प्रत्यनीक |
Sutra Number : | 414 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कतिविहे णं भंते! बंधे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे बंधे पन्नत्ते, तं जहा–इरियावहियबंधे य, संपराइयबंधे य। इरियावहियं णं भंते! कम्मं किं नेरइओ बंधइ? तिरिक्खजोणिओ बंधइ? तिरिक्खजोणिणी बंधइ? मनुस्सो बंधइ? मनुस्सी बंधइ? देवो बंधइ? देवी बंधइ? गोयमा! नो नेरइओ बंधइ, नो तिरिक्खजोणिओ बंधइ, नो तिरिक्खजोणिणी बंधइ, नो देवो बंधइ, नो देवी बंधइ। पुव्व पडिवन्नए पडुच्च मनुस्सा य मनुस्सीओ य बंधंति, पडिवज्जमाणए पडुच्च १. मनुस्सो वा बंधइ २. मनुस्सी वा बंधइ ३. मनुस्सा वा बंधंति ४. मनुस्सीओ वा बंधंति ५. अहवा मनुस्सो य मनुस्सी य बंधइ ६. अहवा मनुस्सो य मनुस्सीओ य बंधंति ७. अहवा मनुस्सा य मनुस्सी य बंधंति ८. अहवा मनुस्सा य मनुस्सीओ य बंधंति। तं भंते! किं इत्थी बंधइ? पुरिसो बंधइ? नपुंसगो बंधइ? इत्थीओ बंधंति? पुरिसा बंधंति? नपुंसगा बंधंति? नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसगो बंधइ? गोयमा! नो इत्थी बंधइ, नो पुरिसो बंधइ, नो नपुंसगो बंधइ, नो इत्थीओ बंधंति, नो पुरिसा बंधंति, नो नपुंसगा बंधंति, नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसगो बंधइ–पुव्वपडिवन्नए पडुच्च अवगयवेदा बंधंति, पडिवज्जमाणए पडुच्च अवगयवेदो वा बंधइ अव-गयवेदा वा बंधंति। जइ भंते! अवगयवेदो वा बंधइ, अवगयवेदा वा बंधंति तं भंते! किं १. इत्थीपच्छाकडो बंधइ? २. पुरिसपच्छाकडो बंधइ? ३. नपुंसगपच्छाकडो बंधइ? ४. इत्थीपच्छाकडा बंधंति? ५. पुरिसपच्छा-कडा बंधंति? ६. नपुंसगपच्छाकडा बंधंति? उदाहु इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ ४? उदाहु इत्थीपच्छाकडो य नपुंसगपच्छाकडो य। बंधइ ४? उदाहु पुरिसपच्छाकडो य नपुंसग-पच्छाकडो य बंधइ ४? उदाहु इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य नपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ८ एवं एते छव्वीसं भंगा जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति? गोयमा! १. इत्थीपच्छाकडो वि बंधइ २. पुरिसपच्छाकडो वि बंधइ ३. नपुंसगपच्छाकडो वि बंधइ ४. इत्थीपच्छाकडा वि बंधंति ५. पुरिसपच्छाकडा वि बंधंति ६. नपुंसगपच्छाकडा वि बंधंति ७. अहवा इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ, एवं एए चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव २६. अहवा इत्थीपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति। तं भंते! किं १. बंधी बंधइ बंधिस्सइ? २. बंधी बंधइ न बंधिस्सइ? ३. बंधी न बंधइ बंधिस्सइ? ४. बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ? ५. न बंधी बंधइ बंधिस्सइ? ६. न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ? ७. न बंधी न बंधइ बंधिस्सइ? ८. न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ? गोयमा! भवागरिसं पडुच्च अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ, एवं तं चेव सव्वं जाव अत्थेगतिए न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ। गहणागरिसं पडुच्च अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, एवं जाव अत्थेगतिए न बंधी बंधइ बंधिस्सइ, नो चेव णं न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ, अत्थेगतिए न बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ। तं भंते! किं सादीयं सपज्जवसियं बंधइ? सादीयं अपज्जवसियं बंधइ? अनादीयं सपज्जवसियं बंधइ? अनादीयं अपज्जवसियं बंधइ? गोयमा! सादीयं सपज्जवसियं बंधइ, नो सादीयं अपज्जवसियं बंधइ, नो अनादीयं सपज्जवसियं बंधइ, नो अनादीयं अपज्जवसियं बंधइ। तं भंते! किं देसेणं देसं बंधइ? देसेणं सव्वं बंधइ? सव्वेणं देसं बंधइ? सव्वेणं सव्वं बंधइ? गोयमा! नो देसेणं देसं बंधइ, नो देसेणं सव्वं बंधइ, नो सव्वेणं देसं बंधइ, सव्वेणं सव्वं बंधइ। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! बंध कितने प्रकार का है ? गौतम ! बंध दो प्रकार का – ईर्यापथिकबंध और साम्परायिकबंध। भगवन् ! ईर्यापथिककर्म क्या नैरयिक बाँधता है, या तिर्यंचयोनिक या तिर्यंचयोनिक स्त्री बाँधती है, अथवा मनुष्य, या मनुष्य – स्त्री बाँधती है, अथवा देव या देवी बाँधती है ? गौतम ! ईर्यापथिककर्म न नैरयिक बाँधता है, न तिर्यंच – योनिक, न तिर्यंचयोनिक स्त्री बाँधती है, न देव और न ही देवी बाँधती है, किन्तु पूर्वप्रतिपन्नक की अपेक्षा इसे मनुष्य पुरुष और मनुष्य स्त्रियाँ बाँधती हैं; प्रतिपद्यमान की अपेक्षा मनुष्य – पुरुष अथवा मनुष्य स्त्री बाँधती है, अथवा बहुत – से मनुष्य – पुरुष या बहुत – सी मनुष्य स्त्रियाँ बाँधती हैं, अथवा एक मनुष्य और एक मनुष्य – स्त्री बाँधती है, या एक मनुष्य – पुरुष और बहुत – सी मनुष्य – स्त्रियाँ बाँधती हैं, अथवा बहुत – से मनुष्यपुरुष और एक मनुष्य – स्त्री बाँधती है, अथवा बहुत – से मनुष्य – नर और बहुत – सी मनुष्य – नारियाँ बाँधती हैं। भगवन् ! ऐर्यापथिक बंध क्या स्त्री बाँधती है, पुरुष बाँधता है, नपुंसक बाँधता है, स्त्रियाँ बाँधती हैं, पुरुष बाँधते हैं या नपुंसक बाँधते हैं, अथवा नोस्त्री – नोपुरुष – नोनपुंसक बाँधता है ? गौतम ! इसे स्त्री नहीं बाँधती, पुरुष नहीं बाँधता, नपुंसक नहीं बाँधता, स्त्रियाँ नहीं बाँधती, पुरुष नहीं बाँधते और नपुंसक भी नहीं बाँधते, किन्तु पूर्व – प्रतिपन्न की अपेक्षा वेदरहित (बहु) जीव अथवा प्रतिपद्यमान की अपेक्षा वेदरहित (एक) या (बहु) जीव बाँधते हैं। भगवन् ! यदि वेदरहित एक जीव अथवा वेदरहित बहुत जीव ऐर्यापथिक बंध बाँधते हैं तो क्या – १. स्त्री – पश्चात्कृत जीव बाँधता है; अथवा २ – पुरुष – पश्चात्कृत जीव; या ३ – नपुंसक – पश्चात्कृत जीव बाँधता है ? अथवा ४ – स्त्रीपश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, या ५ – पुरुष – पश्चात्कृत जीव, या ६ – नपुंसकपश्चात्कृत जीव ? अथवा ७ – एक स्त्री – पश्चात्कृत् जीव और एक पुरुषपश्चात्कृत जीव बाँधता है, या ८ – एक स्त्री – पश्चात्कृत जीव बहुत पुरुषपश्चात्कृत जीव यावत् २६ – बहुत स्त्रीपश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुषपश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसकपश्चात्कृत जीव बाँधते हैं? गौतम! ऐर्यापथिक कर्म (१) स्त्रीपश्चात्कृत जीव भी बाँधता है, (२) पुरुषपश्चात्कृत जीव भी बाँधता है, (३) नपुंसकपश्चात्कृत जीव भी बाँधता है, (४) स्त्री पश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं, (५) पुरुषपश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं, (६) नपुंसकपश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं; अथवा (७) एक स्त्रीपश्चात्कृत जीव और एक पुरुषपश्चात्कृत जीव भी बाँधता है अथवा यावत् (२६) बहुत स्त्रीपश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुषपश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक – पश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं। भगवन् ! क्या जीव ने (ऐर्यापथिक कर्म) १ – बाँधा है, बाँधता है और बाँधेगा; अथवा २ – बाँधा है, बाँधता है, नहीं बाँधेगा; या ३ – बाँधा है, नहीं बाँधता है, बाँधेगा; अथवा ४ – बाँधा है, नहीं बाँधता है, नहीं बाँधेगा, या ५ – नहीं बाँधा, बाँधता है, बाँधेगा, अथवा ६ – नहीं बाँधा, बाँधता है, नहीं बाँधेगा, या ७ – नहीं बाँधा, नहीं बाँधता, बाँधेगा; अथवा ८ – न बाँधा, न बाँधता है, न बाँधेगा ? गौतम ! भवाकर्ष की अपेक्षा किसी एक जीव ने बाँधा है, बाँधता है और बाँधेगा; किसी एक जीव ने बाँधा है, बाँधता है, और नहीं बाँधेगा; यावत् किसी एक जीव ने नहीं बाँधा, नहीं बाँधता है, नहीं बाँधेगा। इस प्रकार सभी (आठों) भंग यहाँ कहने चाहिए। ग्रहणाकर्ष की अपेक्षा (१) किसी एक जीव ने बाँधा, बाँधता है, बाँधेगा; यावत् (५) किसी एक जीव ने नहीं बाँधा, बाँधता है, बाँधेगा यहाँ तक कहना। इसके पश्चात् छठा भंग – नहीं बाँधा, बाँधता नहीं है, बाँधेगा; नहीं कहना चाहिए। (तदनन्तर सातवा भंग) – किसी एक जीव ने नहीं बाँधा, नहीं बाँधता है, बाँधेगा और आठवा भंग एक जीव ने नहीं बाँधा, नहीं बाँधता, नहीं बाँधेगा (कहना)। भगवन् ! जीव ऐर्यापथिक कर्म क्या सादि – सपर्यवसित बाँधता है, या सादिअपर्यवसित बाँधता है, अथवा अनादि – सपर्यवसित बाँधता है, या अनादि – अपर्यवसित बाँधता है ? गौतम ! जीव ऐर्यापथिक कर्म सादि – सपर्यवसित बाँधता है, किन्तु सादि – अपर्यवसित नहीं बाँधता, अनादि – सपर्यवसित नहीं बाँधता और न अनादि – अपर्यवसित बाँधता है। भगवन् ! जीव ऐर्यापथिक कर्म देश से आत्मा के देश को बाँधता है, देश से सर्व को बाँधता है, सर्व से देश को बाँधता है या सर्व से सर्व को बाँधता है ? गौतम ! वह ऐर्यापथिक कर्म देश से देश को नहीं बाँधता, देश से सर्व को नहीं बाँधता, सर्व से देश को नहीं बाँधता, किन्तु सर्व से सर्व को बाँधता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kativihe nam bhamte! Bamdhe pannatte? Goyama! Duvihe bamdhe pannatte, tam jaha–iriyavahiyabamdhe ya, samparaiyabamdhe ya. Iriyavahiyam nam bhamte! Kammam kim neraio bamdhai? Tirikkhajonio bamdhai? Tirikkhajonini bamdhai? Manusso bamdhai? Manussi bamdhai? Devo bamdhai? Devi bamdhai? Goyama! No neraio bamdhai, no tirikkhajonio bamdhai, no tirikkhajonini bamdhai, no devo bamdhai, no devi bamdhai. Puvva padivannae paduchcha manussa ya manussio ya bamdhamti, padivajjamanae paduchcha 1. Manusso va bamdhai 2. Manussi va bamdhai 3. Manussa va bamdhamti 4. Manussio va bamdhamti 5. Ahava manusso ya manussi ya bamdhai 6. Ahava manusso ya manussio ya bamdhamti 7. Ahava manussa ya manussi ya bamdhamti 8. Ahava manussa ya manussio ya bamdhamti. Tam bhamte! Kim itthi bamdhai? Puriso bamdhai? Napumsago bamdhai? Itthio bamdhamti? Purisa bamdhamti? Napumsaga bamdhamti? Noitthi nopuriso nonapumsago bamdhai? Goyama! No itthi bamdhai, no puriso bamdhai, no napumsago bamdhai, no itthio bamdhamti, no purisa bamdhamti, no napumsaga bamdhamti, noitthi nopuriso nonapumsago bamdhai–puvvapadivannae paduchcha avagayaveda bamdhamti, padivajjamanae paduchcha avagayavedo va bamdhai ava-gayaveda va bamdhamti. Jai bhamte! Avagayavedo va bamdhai, avagayaveda va bamdhamti tam bhamte! Kim 1. Itthipachchhakado bamdhai? 2. Purisapachchhakado bamdhai? 3. Napumsagapachchhakado bamdhai? 4. Itthipachchhakada bamdhamti? 5. Purisapachchha-kada bamdhamti? 6. Napumsagapachchhakada bamdhamti? Udahu itthipachchhakado ya purisapachchhakado ya bamdhai 4? Udahu itthipachchhakado ya napumsagapachchhakado ya. Bamdhai 4? Udahu purisapachchhakado ya napumsaga-pachchhakado ya bamdhai 4? Udahu itthipachchhakado ya purisapachchhakado ya napumsagapachchhakado ya bamdhai 8 evam ete chhavvisam bhamga java udahu itthipachchhakada ya purisapachchhakada ya napumsagapachchhakada ya bamdhamti? Goyama! 1. Itthipachchhakado vi bamdhai 2. Purisapachchhakado vi bamdhai 3. Napumsagapachchhakado vi bamdhai 4. Itthipachchhakada vi bamdhamti 5. Purisapachchhakada vi bamdhamti 6. Napumsagapachchhakada vi bamdhamti 7. Ahava itthipachchhakado ya purisapachchhakado ya bamdhai, evam ee cheva chhavvisam bhamga bhaniyavva java 26. Ahava itthipachchhakada ya purisapachchhakada ya napumsagapachchhakada ya bamdhamti. Tam bhamte! Kim 1. Bamdhi bamdhai bamdhissai? 2. Bamdhi bamdhai na bamdhissai? 3. Bamdhi na bamdhai bamdhissai? 4. Bamdhi na bamdhai na bamdhissai? 5. Na bamdhi bamdhai bamdhissai? 6. Na bamdhi bamdhai na bamdhissai? 7. Na bamdhi na bamdhai bamdhissai? 8. Na bamdhi na bamdhai na bamdhissai? Goyama! Bhavagarisam paduchcha atthegatie bamdhi bamdhai bamdhissai, atthegatie bamdhi bamdhai na bamdhissai, evam tam cheva savvam java atthegatie na bamdhi na bamdhai na bamdhissai. Gahanagarisam paduchcha atthegatie bamdhi bamdhai bamdhissai, evam java atthegatie na bamdhi bamdhai bamdhissai, no cheva nam na bamdhi bamdhai na bamdhissai, atthegatie na bamdhi na bamdhai bamdhissai, atthegatie na bamdhi na bamdhai na bamdhissai. Tam bhamte! Kim sadiyam sapajjavasiyam bamdhai? Sadiyam apajjavasiyam bamdhai? Anadiyam sapajjavasiyam bamdhai? Anadiyam apajjavasiyam bamdhai? Goyama! Sadiyam sapajjavasiyam bamdhai, no sadiyam apajjavasiyam bamdhai, no anadiyam sapajjavasiyam bamdhai, no anadiyam apajjavasiyam bamdhai. Tam bhamte! Kim desenam desam bamdhai? Desenam savvam bamdhai? Savvenam desam bamdhai? Savvenam savvam bamdhai? Goyama! No desenam desam bamdhai, no desenam savvam bamdhai, no savvenam desam bamdhai, savvenam savvam bamdhai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Bamdha kitane prakara ka hai\? Gautama ! Bamdha do prakara ka – iryapathikabamdha aura samparayikabamdha. Bhagavan ! Iryapathikakarma kya nairayika bamdhata hai, ya tiryamchayonika ya tiryamchayonika stri bamdhati hai, athava manushya, ya manushya – stri bamdhati hai, athava deva ya devi bamdhati hai\? Gautama ! Iryapathikakarma na nairayika bamdhata hai, na tiryamcha – yonika, na tiryamchayonika stri bamdhati hai, na deva aura na hi devi bamdhati hai, kintu purvapratipannaka ki apeksha ise manushya purusha aura manushya striyam bamdhati haim; pratipadyamana ki apeksha manushya – purusha athava manushya stri bamdhati hai, athava bahuta – se manushya – purusha ya bahuta – si manushya striyam bamdhati haim, athava eka manushya aura eka manushya – stri bamdhati hai, ya eka manushya – purusha aura bahuta – si manushya – striyam bamdhati haim, athava bahuta – se manushyapurusha aura eka manushya – stri bamdhati hai, athava bahuta – se manushya – nara aura bahuta – si manushya – nariyam bamdhati haim. Bhagavan ! Airyapathika bamdha kya stri bamdhati hai, purusha bamdhata hai, napumsaka bamdhata hai, striyam bamdhati haim, purusha bamdhate haim ya napumsaka bamdhate haim, athava nostri – nopurusha – nonapumsaka bamdhata hai\? Gautama ! Ise stri nahim bamdhati, purusha nahim bamdhata, napumsaka nahim bamdhata, striyam nahim bamdhati, purusha nahim bamdhate aura napumsaka bhi nahim bamdhate, kintu purva – pratipanna ki apeksha vedarahita (bahu) jiva athava pratipadyamana ki apeksha vedarahita (eka) ya (bahu) jiva bamdhate haim. Bhagavan ! Yadi vedarahita eka jiva athava vedarahita bahuta jiva airyapathika bamdha bamdhate haim to kya – 1. Stri – pashchatkrita jiva bamdhata hai; athava 2 – purusha – pashchatkrita jiva; ya 3 – napumsaka – pashchatkrita jiva bamdhata hai\? Athava 4 – stripashchatkrita jiva bamdhate haim, ya 5 – purusha – pashchatkrita jiva, ya 6 – napumsakapashchatkrita jiva\? Athava 7 – eka stri – pashchatkrit jiva aura eka purushapashchatkrita jiva bamdhata hai, ya 8 – eka stri – pashchatkrita jiva bahuta purushapashchatkrita jiva yavat 26 – bahuta stripashchatkrita jiva, bahuta purushapashchatkrita jiva aura bahuta napumsakapashchatkrita jiva bamdhate haim? Gautama! Airyapathika karma (1) stripashchatkrita jiva bhi bamdhata hai, (2) purushapashchatkrita jiva bhi bamdhata hai, (3) napumsakapashchatkrita jiva bhi bamdhata hai, (4) stri pashchatkrita jiva bhi bamdhate haim, (5) purushapashchatkrita jiva bhi bamdhate haim, (6) napumsakapashchatkrita jiva bhi bamdhate haim; athava (7) eka stripashchatkrita jiva aura eka purushapashchatkrita jiva bhi bamdhata hai athava yavat (26) bahuta stripashchatkrita jiva, bahuta purushapashchatkrita jiva aura bahuta napumsaka – pashchatkrita jiva bhi bamdhate haim. Bhagavan ! Kya jiva ne (airyapathika karma) 1 – bamdha hai, bamdhata hai aura bamdhega; athava 2 – bamdha hai, bamdhata hai, nahim bamdhega; ya 3 – bamdha hai, nahim bamdhata hai, bamdhega; athava 4 – bamdha hai, nahim bamdhata hai, nahim bamdhega, ya 5 – nahim bamdha, bamdhata hai, bamdhega, athava 6 – nahim bamdha, bamdhata hai, nahim bamdhega, ya 7 – nahim bamdha, nahim bamdhata, bamdhega; athava 8 – na bamdha, na bamdhata hai, na bamdhega\? Gautama ! Bhavakarsha ki apeksha kisi eka jiva ne bamdha hai, bamdhata hai aura bamdhega; kisi eka jiva ne bamdha hai, bamdhata hai, aura nahim bamdhega; yavat kisi eka jiva ne nahim bamdha, nahim bamdhata hai, nahim bamdhega. Isa prakara sabhi (athom) bhamga yaham kahane chahie. Grahanakarsha ki apeksha (1) kisi eka jiva ne bamdha, bamdhata hai, bamdhega; yavat (5) kisi eka jiva ne nahim bamdha, bamdhata hai, bamdhega yaham taka kahana. Isake pashchat chhatha bhamga – nahim bamdha, bamdhata nahim hai, bamdhega; nahim kahana chahie. (tadanantara satava bhamga) – kisi eka jiva ne nahim bamdha, nahim bamdhata hai, bamdhega aura athava bhamga eka jiva ne nahim bamdha, nahim bamdhata, nahim bamdhega (kahana). Bhagavan ! Jiva airyapathika karma kya sadi – saparyavasita bamdhata hai, ya sadiaparyavasita bamdhata hai, athava anadi – saparyavasita bamdhata hai, ya anadi – aparyavasita bamdhata hai\? Gautama ! Jiva airyapathika karma sadi – saparyavasita bamdhata hai, kintu sadi – aparyavasita nahim bamdhata, anadi – saparyavasita nahim bamdhata aura na anadi – aparyavasita bamdhata hai. Bhagavan ! Jiva airyapathika karma desha se atma ke desha ko bamdhata hai, desha se sarva ko bamdhata hai, sarva se desha ko bamdhata hai ya sarva se sarva ko bamdhata hai\? Gautama ! Vaha airyapathika karma desha se desha ko nahim bamdhata, desha se sarva ko nahim bamdhata, sarva se desha ko nahim bamdhata, kintu sarva se sarva ko bamdhata hai. |