Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1003902
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-८

Translated Chapter :

शतक-८

Section : उद्देशक-५ आजीविक Translated Section : उद्देशक-५ आजीविक
Sutra Number : 402 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] तस्स णं भंते! तेहिं सीलव्वय-गुण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववासेहिं सा जाया अजाया भवइ? हंता भवइ से केणं खाइ णं अट्ठेणं भंते एवं वुच्चइजायं चरइ? नो अजायं चरइ? गोयमा! तस्स णं एवं भवइनो मे माता, नो मे पिता, नो मे भाया, नो मे भगिनी, नो मे भज्जा, नो मे पुत्ता, नो मे धूया, नो मे सुण्हा; पेज्जबंधने पुण से अव्वोच्छिन्ने भवइ से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चइजायं चरइ, नो अजायं चरइ समणोवासगस्स णं भंते! पुव्वामेव थूलए पाणाइवाए अपच्चक्खाए भवइ, से णं भंते! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेइ? गोयमा! तीयं पडिक्कमति, पडुप्पन्नं संवरेति, अनागयं पच्चक्खाति तीयं पडिक्कममाणे किं . तिविहं तिविहेणं पडिक्कमति? . तिविहं दुविहेणं पडिक्कमति? . तिविहं एगविहेणं पडिक्कमति? . दुविहं तिविहेणं पडिक्कमति? . दुविहं दुविहेणं पडिक्कमति? . दुविहं एगविहेणं पडिक्कमति? . एगविहं तिविहेणं पडिक्कमति? . एगविहं दुविहेणं पडि-क्कमति? . एगविहं एगविहेणं पडिक्कमति? गोयमा! तिविहं वा तिविहेणं पडिक्कमति, तिविहं वा दुविहेणं पडिक्कमति, एवं चेव जाव एगविहं वा एगविहेणं पडिक्कमति. तिविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा कायसा . तिविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा . अहवा करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे कायसा . अहवा करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा . तिविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे . अहवा करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा . अहवा करेइ, कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा . दुविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, कारवेइ मनसे वयसा कायसा . अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा कायसा १०. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा कायसा ११. दुविहं दुविहेणं पडि-क्कममाणे करेइ, कारवेइ, मनसे वयसा १२. अहवा करेइ, कारवेइ मनसे कायसा १३. अहवा करेइ, कारवेइ वयसा कायसा १४. अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा १५. अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे कायसा १६. अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा १७. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा १८. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे कायसा १९. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा २०. दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, कारवेइ मनसे २१. अहवा करेइ, कारवेइ वयसा २२. अहवा करेइ, कारवेइ कायसा २३. अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे २४. अहवा करेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा २५. अहवा करेइ, करेंतं नाणु जाणइ कायसा २६. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मनसे २७. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा २८. अहवा कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा २९. एगविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे करेइ, मनसे वयसा कायसा ३०. अहवा कारवेइ मनसे वयसा कायसा ३१. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा कायसा ३२. एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे करेइ मनसे वयसा ३३. अहवा करेइ मनसे कायसा ३४. अहवा करेइ वयसा कायसा ३५. अहवा कारवेइ मनसे वयसा ३६. अहवा कारवेइ मनसे कायसा ३७. अहवा कारवेइ मणस कायसा ३८. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मनसे वयसा ३९. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मनसे कायसा ४०. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा कायसा ४१. एगविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे करेइ मनसे ४२. अहवा करेइ वयसा ४३. अहवा करेइ कायसा ४४. अहवा कारवेइ मनसे ४५. अहवा कारवेइ वयसा ४६. अहवा कारवेइ कायसा ४७. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मनसे ४८. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा ४९. अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा पडुप्पन्नं संवरेमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ? एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगूणपन्नं भंगा भणिया एवं संवरमाणेण वि एगूणपन्नं भंगा भाणियव्वा अनागयं पच्चक्खमाणे किं तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ? एवं एते चेव भंगा एगूणपन्नं भाणियव्वा जाव अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा समणोवासगस्स णं भंते! पुव्वामेव थूलए मुसावाए अपच्चक्खाए भवइ, से णं भंते! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेइ? एवं जहा पाणाइवायस्स सीयालं भंगसयं भणियं, तहा मुसावायस्स वि भाणियव्वं एवं अदिन्नादाणस्स वि, एवं थूलगस्स वि मेहुणस्स, थूलगस्स वि परिग्गहस्स जाव अहवा करेंतं नाणुणाजइ कायसा एते खलु एरिसगा समणोवासगा भवंति, नो खलु एरिसगा आजीविओवासगा भवंति
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! उन शीलव्रत, गुणव्रत, विरमणव्रत, प्रत्याख्यान और पोषधोपवास को स्वीकार किये हुए श्रावक का वह अपहृत भाण्ड उसके लिए तो अभाण्ड हो जाता है ? हाँ, गौतम ! वह भाण्ड उसके लिए अभाण्ड हो जाता है भगवन्‌ ! तब आप ऐसा क्यों कहते हैं कि वह श्रावक अपने भाण्ड का अन्वेषण करता है, दूसरे के भाण्ड का नहीं ? गौतम ! सामायिक आदि करने वाले उस श्रावक के मन में हिरण्य मेरा नहीं है, सुवर्ण मेरा नहीं है, कांस्य मेरा नहीं है, वस्त्र मेरे नहीं हैं तथा विपुल धन, कनक, रत्न, मणि, मोती, शंख, शिलाप्रवाल एवं रक्तरत्न इत्यादि विद्यमान सारभूत द्रव्य मेरा नहीं है किन्तु ममत्वभाव का उसने प्रत्याख्यान नहीं किया है इसी कारण हे गौतम ! मैं ऐसा कहता हूँ भगवन्‌ ! सामायिक करके श्रमणोपाश्रय में बैठे हुए श्रावक की पत्नी के साथ कोई लम्पट व्यभिचार करता है, तो क्या वह (व्यभिचारी) श्रावक की पत्नी को भोगता है, या दूसरे की स्त्री को भोगता है ? गौतम ! वह उस श्रावक की पत्नी को भोगता है, दूसरे की स्त्री को नहीं भगवन्‌ ! शीलव्रत, गुणव्रत, विरमण, प्रत्याख्यान और पोषधोपवास कर लेने से क्या उस श्रावक की वह जाया अजाया हो जाती है ? हाँ, गौतम ! हो जाती है भगवन्‌ तब आप ऐसा क्यों कहते हैं कि वह लम्पट उसकी जाया को भोगता है, अजाया को नहीं भोगता गौतम ! शील व्रतादि को अंगीकार करने वाले उस श्रावक के मन में ऐसे परिणाम होते हैं कि माता मेरी नहीं है, पिता मेरे नहीं है, भाई मेरा नहीं है, बहन मेरी नहीं है, भार्या मेरी नहीं है, पुत्र मेरे नहीं हैं, पुत्री मेरी नहीं है, पुत्रवधू मेरी नहीं है; किन्तु इन सबके प्रति उसका प्रेम बन्धन टूटा नहीं है इस कारण हे गौतम ! मैं ऐसा कहता हूँ भगवन्‌ ! जिस श्रमणोपासक ने (पहले) स्थूल प्राणातिपात का प्रत्याख्यान नहीं किया, वह पीछे उसका प्रत्याख्यान करता हुआ क्या करता है ? गौतम ! अतीत काल में किए हुए प्राणातिपात का प्रतिक्रमण करता है तथा वर्तमानकालीन प्राणातिपात का संवर करता है एवं अनागत प्राणातिपात का प्रत्याख्यान करता है भगवन्‌ ! अतीतकालीन प्राणातिपात आदि का प्रतिक्रमण करता हुआ श्रमणोपासक, क्या . त्रिविध त्रिविध (तीन करण, तीन योग से), . त्रिविध द्विविध, . त्रिविध एकविध, . द्विविध त्रिविध, . द्विविध द्विविध, . द्विविध एकविध, . एकविध विविध, . एकविध द्विविध, . एकविध एकविध प्रतिक्रमण करता है ? गौतम ! वह त्रिविध त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, अथवा यावत्‌ एकविध एकविध प्रतिक्रमण करता है. जब वह त्रिविध त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब मन से, वचन से और काया से . स्वयं करता नहीं, दूसरे से करवाता नहीं और करते हुए का अनुमोदन करता नहीं . जब त्रिविध द्विविध प्रतिक्रमण करता है तब मन से और वचन से; करता नहीं, करवाता नहीं और अनुमोदन नहीं करता, . अथवा वह मन से और काया से करता नहीं, कराता नहीं और अनुमोदन नहीं करता, . या वह वचन से और काया से करता, कराता और अनुमोदन करता नहीं, जब त्रिविध एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब . मन से करता नहीं, करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, . अथवा वचन से नहीं करता, नहीं करवाता और अनुमोदन नहीं करता, . अथवा काया से नहीं करता, नहीं कराता और अनुमोदन नहीं करता जब द्विविध त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब . मन, वचन और काया से करता नहीं, करवाता नहीं, . अथवा मन वचन काया से करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १०. अथवा करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं जब द्विविध द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब ११. मन और वचन से करता नहीं, करवाता नहीं, १२. अथवा मन और काया से करता नहीं, करवाता नहीं, १३. अथवा वचन और काया से करता नहीं, करवाता नहीं, १४. अथवा मन और वचन से, करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १५. अथवा मन और काया से, करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १६. वचन और काया से करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १७. मन और वचन से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १८. मन और काया से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, १९. अथवा वचन और काया से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं जब द्विविध एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब २०. मन से करता नहीं, करवाता नहीं, २१. वचन से करता नहीं, करवाता नहीं, २२. काया से करता नहीं, करवाता नहीं, २३. मन से करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, २४. वचन से करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, २५. काया से करता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, २६. मन से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, २७. वचन से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं, २८. अथवा काया से करवाता नहीं, अनुमोदन करता नहीं जब एकविध त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब २९. करता नहीं, मन, वचन और काया से; ३०. मन, वचन और काया से करवाता नहीं, ३१. मन, वचन और काया से अनुमोदन करता नहीं जब एकविध द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब ३२. मन और वचन से करता नहीं, ३३. मन और काया से करता नहीं, ३४. अथवा वचन और काया से करता नहीं, ३५. अथवा मन और वचन से करवाता नहीं, ३६. अथवा मन और काया से करवाता नहीं, ३७. अथवा वचन और काया से करवाता नहीं, ३८. अथवा मन और वचन से अनुमोदन करता नहीं, ३९. अथवा मन और काया से अनुमोदन करता नहीं, ४०. अथवा वचन और काया से अनुमोदन करता नहीं जब एकविध एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब ४१. मन से स्वयं करता नहीं, ४२. अथवा वचन से करता नहीं, ४३. अथवा काया से करता नहीं, ४४. अथवा मन से करवाता नहीं, ४५. अथवा वचन से करवाता नहीं, ४६. अथवा काया से करवाता नहीं, ४७. अथवा मन से अनुमोदन करता नहीं, ४८. अथवा वचन से अनुमोदन करता नहीं, ४९. अथवा काया से अनुमोदन करता नहीं भगवन्‌ ! वर्तमानकालीन संवर करता हुआ श्रावक त्रिविध त्रिविध संवर करता है ? गौतम ! जो उनचास भंग प्रतिक्रमण के विषय में कहे गए हैं, वे ही संवर के विषय में कहना भगवन्‌ ! भविष्यत्‌ काल का प्रत्याख्यान करता हुआ श्रावक क्या त्रिविध त्रिविध प्रत्याख्यान करता है ? गौतम ! पहले कहे अनुसार यहाँ भी उनचास भंग कहना भगवन्‌ ! जिस श्रमणोपासक ने पहले स्थूल मृषावाद का प्रत्याख्यान नहीं किया, किन्तु पीछे वह स्थूल मृषावाद का प्रत्याख्यान करता हुआ क्या करता है ? गौतम ! प्राणातिपात के समान मृषावाद के सम्बन्ध में भी एक सौ सैंतालीस भंग कहना इसी प्रकार स्थूल अदत्तादान के विषय में, स्थूल मैथुन के विषय में एवं स्थूल परिग्रह के विषय में भी पूर्ववत्‌ प्रत्येक के एक सौ सैंतालीस एक सौ सैंतालीस त्रैकालिक भंग कहना श्रमणोपासक ऐसे होते हैं, किन्तु आजीविकोपासक ऐसे नहीं होते
Mool Sutra Transliteration : [sutra] tassa nam bhamte! Tehim silavvaya-guna-veramana-pachchakkhana-posahovavasehim sa jaya ajaya bhavai? Hamta bhavai. Se kenam khai nam atthenam bhamte evam vuchchaijayam charai? No ajayam charai? Goyama! Tassa nam evam bhavaino me mata, no me pita, no me bhaya, no me bhagini, no me bhajja, no me putta, no me dhuya, no me sunha; pejjabamdhane puna se avvochchhinne bhavai. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchaijayam charai, no ajayam charai. Samanovasagassa nam bhamte! Puvvameva thulae panaivae apachchakkhae bhavai, se nam bhamte! Pachchha pachchaikkhamane kim karei? Goyama! Tiyam padikkamati, paduppannam samvareti, anagayam pachchakkhati. Tiyam padikkamamane kim 1. Tiviham tivihenam padikkamati? 2. Tiviham duvihenam padikkamati? 3. Tiviham egavihenam padikkamati? 4. Duviham tivihenam padikkamati? 5. Duviham duvihenam padikkamati? 6. Duviham egavihenam padikkamati? 7. Egaviham tivihenam padikkamati? 8. Egaviham duvihenam padi-kkamati? 9. Egaviham egavihenam padikkamati? Goyama! Tiviham va tivihenam padikkamati, tiviham va duvihenam padikkamati, evam cheva java egaviham va egavihenam padikkamati. 1. Tiviham tivihenam padikkamamane na karei, na karavei, karemtam nanujanai manase vayasa kayasa. 2. Tiviham duvihenam padikkamamane na karei, na karavei, karemtam nanujanai manase vayasa. 3. Ahava na karei, na karavei, karemtam nanujanai manase kayasa. 4. Ahava na karei, na karavei, karemtam nanujanai vayasa kayasa. 5. Tiviham egavihenam padikkamamane na karei, na karavei, karemtam nanujanai manase. 6. Ahava na karei, na karavei, karemtam nanujanai vayasa. 7. Ahava na karei, na karavei, karemtam nanujanai kayasa. 8. Duviham tivihenam padikkamamane na karei, na karavei manase vayasa kayasa. 9. Ahava na karei, karemtam nanujanai manase vayasa kayasa. 10. Ahava na karavei, karemtam nanujanai manase vayasa kayasa. 11. Duviham duvihenam padi-kkamamane na karei, na karavei, manase vayasa. 12. Ahava na karei, na karavei manase kayasa. 13. Ahava na karei, na karavei vayasa kayasa. 14. Ahava na karei, karemtam nanujanai manase vayasa. 15. Ahava na karei, karemtam nanujanai manase kayasa. 16. Ahava na karei, karemtam nanujanai vayasa kayasa. 17. Ahava na karavei, karemtam nanujanai manase vayasa. 18. Ahava na karavei, karemtam nanujanai manase kayasa. 19. Ahava na karavei, karemtam nanujanai vayasa kayasa. 20. Duviham ekkavihenam padikkamamane na karei, na karavei manase. 21. Ahava na karei, na karavei vayasa. 22. Ahava na karei, na karavei kayasa. 23. Ahava na karei, karemtam nanujanai manase. 24. Ahava na karei, karemtam nanujanai vayasa. 25. Ahava na karei, karemtam nanu janai kayasa. 26. Ahava na karavei, karemtam nanujanai manase. 27. Ahava na karavei, karemtam nanujanai vayasa. 28. Ahava na karavei, karemtam nanujanai kayasa. 29. Egaviham tivihenam padikkamamane na karei, manase vayasa kayasa. 30. Ahava na karavei manase vayasa kayasa. 31. Ahava karemtam nanujanai manase vayasa kayasa. 32. Ekkaviham duvihenam padikkamamane na karei manase vayasa. 33. Ahava na karei manase kayasa. 34. Ahava na karei vayasa kayasa. 35. Ahava na karavei manase vayasa. 36. Ahava na karavei manase kayasa. 37. Ahava na karavei manasa kayasa. 38. Ahava karemtam nanujanai manase vayasa. 39. Ahava karemtam nanujanai manase kayasa. 40. Ahava karemtam nanujanai vayasa kayasa. 41. Egaviham egavihenam padikkamamane na karei manase. 42. Ahava na karei vayasa. 43. Ahava na karei kayasa. 44. Ahava na karavei manase. 45. Ahava na karavei vayasa. 46. Ahava na karavei kayasa. 47. Ahava karemtam nanujanai manase. 48. Ahava karemtam nanujanai vayasa. 49. Ahava karemtam nanujanai kayasa. Paduppannam samvaremane kim tiviham tivihenam samvarei? Evam jaha padikkamamanenam egunapannam bhamga bhaniya evam samvaramanena vi egunapannam bhamga bhaniyavva. Anagayam pachchakkhamane kim tiviham tivihenam pachchakkhai? Evam ete cheva bhamga egunapannam bhaniyavva java ahava karemtam nanujanai kayasa. Samanovasagassa nam bhamte! Puvvameva thulae musavae apachchakkhae bhavai, se nam bhamte! Pachchha pachchaikkhamane kim karei? Evam jaha panaivayassa siyalam bhamgasayam bhaniyam, taha musavayassa vi bhaniyavvam. Evam adinnadanassa vi, evam thulagassa vi mehunassa, thulagassa vi pariggahassa java ahava karemtam nanunajai kayasa. Ete khalu erisaga samanovasaga bhavamti, no khalu erisaga ajiviovasaga bhavamti.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Una shilavrata, gunavrata, viramanavrata, pratyakhyana aura poshadhopavasa ko svikara kiye hue shravaka ka vaha apahrita bhanda usake lie to abhanda ho jata hai\? Ham, gautama ! Vaha bhanda usake lie abhanda ho jata hai. Bhagavan ! Taba apa aisa kyom kahate haim ki vaha shravaka apane bhanda ka anveshana karata hai, dusare ke bhanda ka nahim\? Gautama ! Samayika adi karane vale usa shravaka ke mana mem hiranya mera nahim hai, suvarna mera nahim hai, kamsya mera nahim hai, vastra mere nahim haim tatha vipula dhana, kanaka, ratna, mani, moti, shamkha, shilapravala evam raktaratna ityadi vidyamana sarabhuta dravya mera nahim hai. Kintu mamatvabhava ka usane pratyakhyana nahim kiya hai. Isi karana he gautama ! Maim aisa kahata hum. Bhagavan ! Samayika karake shramanopashraya mem baithe hue shravaka ki patni ke satha koi lampata vyabhichara karata hai, to kya vaha (vyabhichari) shravaka ki patni ko bhogata hai, ya dusare ki stri ko bhogata hai\? Gautama ! Vaha usa shravaka ki patni ko bhogata hai, dusare ki stri ko nahim. Bhagavan ! Shilavrata, gunavrata, viramana, pratyakhyana aura poshadhopavasa kara lene se kya usa shravaka ki vaha jaya ajaya ho jati hai\? Ham, gautama ! Ho jati hai. Bhagavan taba apa aisa kyom kahate haim ki vaha lampata usaki jaya ko bhogata hai, ajaya ko nahim bhogata. Gautama ! Shila vratadi ko amgikara karane vale usa shravaka ke mana mem aise parinama hote haim ki mata meri nahim hai, pita mere nahim hai, bhai mera nahim hai, bahana meri nahim hai, bharya meri nahim hai, putra mere nahim haim, putri meri nahim hai, putravadhu meri nahim hai; kintu ina sabake prati usaka prema bandhana tuta nahim hai. Isa karana he gautama ! Maim aisa kahata hum. Bhagavan ! Jisa shramanopasaka ne (pahale) sthula pranatipata ka pratyakhyana nahim kiya, vaha pichhe usaka pratyakhyana karata hua kya karata hai\? Gautama ! Atita kala mem kie hue pranatipata ka pratikramana karata hai tatha vartamanakalina pranatipata ka samvara karata hai evam anagata pranatipata ka pratyakhyana karata hai. Bhagavan ! Atitakalina pranatipata adi ka pratikramana karata hua shramanopasaka, kya 1. Trividha trividha (tina karana, tina yoga se), 2. Trividha dvividha, 3. Trividha ekavidha, 4. Dvividha trividha, 5. Dvividha dvividha, 6. Dvividha ekavidha, 7. Ekavidha vividha, 8. Ekavidha dvividha, 9. Ekavidha ekavidha pratikramana karata hai\? Gautama ! Vaha trividha trividha pratikramana karata hai, athava yavat ekavidha ekavidha pratikramana karata hai. 1. Jaba vaha trividha trividha pratikramana karata hai, taba mana se, vachana se aura kaya se. 1. Svayam karata nahim, dusare se karavata nahim aura karate hue ka anumodana karata nahim. 2. Jaba trividha dvividha pratikramana karata hai taba mana se aura vachana se; karata nahim, karavata nahim aura anumodana nahim karata, 3. Athava vaha mana se aura kaya se karata nahim, karata nahim aura anumodana nahim karata, 4. Ya vaha vachana se aura kaya se karata, karata aura anumodana karata nahim, jaba trividha ekavidha pratikramana karata hai, taba 5. Mana se karata nahim, na karavata nahim, anumodana karata nahim, 6. Athava vachana se nahim karata, nahim karavata aura anumodana nahim karata, 7. Athava kaya se nahim karata, nahim karata aura anumodana nahim karata. Jaba dvividha trividha pratikramana karata hai, taba 8. Mana, vachana aura kaya se karata nahim, karavata nahim, 9. Athava mana vachana kaya se karata nahim, anumodana karata nahim, 10. Athava karavata nahim, anumodana karata nahim. Jaba dvividha dvividha pratikramana karata hai, taba 11. Mana aura vachana se karata nahim, karavata nahim, 12. Athava mana aura kaya se karata nahim, karavata nahim, 13. Athava vachana aura kaya se karata nahim, karavata nahim, 14. Athava mana aura vachana se, karata nahim, anumodana karata nahim, 15. Athava mana aura kaya se, karata nahim, anumodana karata nahim, 16. Vachana aura kaya se karata nahim, anumodana karata nahim, 17. Mana aura vachana se karavata nahim, anumodana karata nahim, 18. Mana aura kaya se karavata nahim, anumodana karata nahim, 19. Athava vachana aura kaya se karavata nahim, anumodana karata nahim. Jaba dvividha ekavidha pratikramana karata hai, taba 20. Mana se karata nahim, karavata nahim, 21. Vachana se karata nahim, karavata nahim, 22. Kaya se karata nahim, karavata nahim, 23. Mana se karata nahim, anumodana karata nahim, 24. Vachana se karata nahim, anumodana karata nahim, 25. Kaya se karata nahim, anumodana karata nahim, 26. Mana se karavata nahim, anumodana karata nahim, 27. Vachana se karavata nahim, anumodana karata nahim, 28. Athava kaya se karavata nahim, anumodana karata nahim. Jaba ekavidha trividha pratikramana karata hai, taba 29. Karata nahim, mana, vachana aura kaya se; 30. Mana, vachana aura kaya se karavata nahim, 31. Mana, vachana aura kaya se anumodana karata nahim. Jaba ekavidha dvividha pratikramana karata hai, taba 32. Mana aura vachana se karata nahim, 33. Mana aura kaya se karata nahim, 34. Athava vachana aura kaya se karata nahim, 35. Athava mana aura vachana se karavata nahim, 36. Athava mana aura kaya se karavata nahim, 37. Athava vachana aura kaya se karavata nahim, 38. Athava mana aura vachana se anumodana karata nahim, 39. Athava mana aura kaya se anumodana karata nahim, 40. Athava vachana aura kaya se anumodana karata nahim. Jaba ekavidha ekavidha pratikramana karata hai, taba 41. Mana se svayam karata nahim, 42. Athava vachana se karata nahim, 43. Athava kaya se karata nahim, 44. Athava mana se karavata nahim, 45. Athava vachana se karavata nahim, 46. Athava kaya se karavata nahim, 47. Athava mana se anumodana karata nahim, 48. Athava vachana se anumodana karata nahim, 49. Athava kaya se anumodana karata nahim. Bhagavan ! Vartamanakalina samvara karata hua shravaka trividha trividha samvara karata hai\? Gautama ! Jo unachasa bhamga pratikramana ke vishaya mem kahe gae haim, ve hi samvara ke vishaya mem kahana. Bhagavan ! Bhavishyat kala ka pratyakhyana karata hua shravaka kya trividha trividha pratyakhyana karata hai\? Gautama ! Pahale kahe anusara yaham bhi unachasa bhamga kahana. Bhagavan ! Jisa shramanopasaka ne pahale sthula mrishavada ka pratyakhyana nahim kiya, kintu pichhe vaha sthula mrishavada ka pratyakhyana karata hua kya karata hai\? Gautama ! Pranatipata ke samana mrishavada ke sambandha mem bhi eka sau saimtalisa bhamga kahana. Isi prakara sthula adattadana ke vishaya mem, sthula maithuna ke vishaya mem evam sthula parigraha ke vishaya mem bhi purvavat pratyeka ke eka sau saimtalisa eka sau saimtalisa traikalika bhamga kahana. Shramanopasaka aise hote haim, kintu ajivikopasaka aise nahim hote.