Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003892 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-८ |
Translated Chapter : |
शतक-८ |
Section : | उद्देशक-२ आशिविष | Translated Section : | उद्देशक-२ आशिविष |
Sutra Number : | 392 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] निरयगतिया णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? गोयमा! नाणी वि, अन्नाणी वि। तिन्नि नाणाइं नियमा, तिन्नि अन्नाणाइं भयणाए। तिरियगतिया णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? गोयमा! दो नाणा, दो अन्नाणा नियमा। मनुस्सगतिया णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? गोयमा! तिन्नि नाणाइं भयणाए, दो अन्नाणाइं नियमा। देवगतिया जहा निरयगतिया। सिद्धगतिया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। सइंदिया णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? गोयमा! चत्तारि नाणाइं, तिन्नि अन्नाणाइं–भयणाए। एगिंदिया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा पुढविकाइया। बेइंदिय-तेइंदिय-चउरिंदिया णं दो नाणा, दो अन्नाणा नियमा। पंचिंदिया जहा सइंदिया। अनिंदिया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। सकाइया णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? गोयमा! पंच नाणाइं, तिन्नि अन्नाणाइं–भयणाए। पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया नो नाणी, अन्नाणी, नियमा दुअन्नाणी, तं जहा–मइअन्नाणी य सुयअन्नाणी य। तसकाइया जहा सकाइया। अकाइया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। सुहुमा णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा पुढविक्काइया। बादरा णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सकाइया। नोसुहुमा-नोबादरा णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। पज्जत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सकाइया। पज्जत्ता णं भंते! नेरइया किं नाणी? तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा नियमा। जहा नेरइया एवं थणियकुमारा। पुढविकाइया जहा एगिंदिया। एवं जाव चउरिंदिया। पज्जत्ता णं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया किं नाणी? अन्नाणी? तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा–भयणाए। मनुस्सा जहा सकाइया। वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा नेरइया। अपज्जत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा–भयणाए। अपज्जत्ता णं भंते! नेरइया किं नाणी? अन्नाणी? तिन्नि नाणा नियमा, तिन्नि अन्नाणा भयणाए। एवं जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइया जाव वणस्सइकाइया जहा एगिंदिया। बेइंदियाणं पुच्छा। दो नाणा, दो अन्नाणा–नियमा। एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं। अपज्जत्तगा णं भंते! मनुस्सा किं नाणी? अन्नाणी? तिन्नि नाणाइं भयणाए, दो अन्नाणाइं नियमा। वाणमंतरा जहा नेरइया। अपज्जत्तगाणं जोइसिय-वेमाणियाणं तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा-नियमा। नोपज्जत्तगा-नोअपज्जत्तगा णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। निरयभवत्था णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? जहा निरयगतिया। तिरियभवत्था णं भंते! जीवा किं नाणी? अन्नाणी? तिन्नि नाणा, तिन्नि अन्नाणा–भयणाए। मनुस्सभवत्था? जहा सकाइया। देवभवत्था णं भंते! जहा निरयभवत्था। अभवत्था जहा सिद्धा। भवसिद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सकाइया। अभवसिद्धियाणं पुच्छा। गोयमा! नो नाणी, अन्नाणी; तिन्नि अन्नाणाइं भयणाए। नोभवसिद्धिया-नोअभवसिद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी? जहा सिद्धा। सण्णीणं पुच्छा। जहा सइंदिया। असण्णी जहा बेइंदिया। नोसण्णी-नोअसण्णी जहा सिद्धा। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! निरयगतिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी। जो ज्ञानी हैं, वे नियमतः तीन ज्ञान वाले हैं और जो अज्ञानी हैं, वे भजना से तीन अज्ञान वाले हैं। भगवन् ! तिर्यंचगतिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें नियमतः दो ज्ञान या दो अज्ञान होते हैं। भगवन् ! मनुष्यगतिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं? गौतम ! उनके भजना से तीन ज्ञान होते हैं और नियमतः दो अज्ञान होते हैं। देवगतिक जीवों में ज्ञान और अज्ञान का कथन निरयगतिक जीवों के समान समझना। भगवन् ! सिद्धगतिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी? गौतम ! सिद्ध समान जानना। भगवन् ! इन्द्रिय वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनके चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। भगवन् ! एक इन्द्रिय वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! पृथ्वीकायिक जीवों की तरह कहना। विकले – न्द्रियों में दो ज्ञान या दो अज्ञान नियमतः होते हैं। पाँच इन्द्रियों वाले जीवों को सेन्द्रिय जीवों के समान जानना। भगवन् ! अनिन्द्रिय जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी ? गौतम ! सिद्धों की तरह जानना। भगवन् ! सकायिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! सकायिक जीवों के पाँच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। पृथ्वीकायिक से वनस्पतिकायिक जीव तक ज्ञानी नहीं, अज्ञानी होते हैं। वे नियमतः दो अज्ञान वाले होते हैं। त्रसकायिक जीवों का कथन सकायिक जीवों के समान समझना चाहिए। भगवन् ! अकायिक जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनके विषय में सिद्धों की तरह जानना चाहिए। भगवन् ! सूक्ष्म जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनके विषय में पृथ्वीकायिक जीवों के समान कथन करना चाहिए। भगवन् ! बादर जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनके विषय में सकायिक जीवों के समान कहना चाहिए। भगवन् ! नोसूक्ष्म – नोबादर जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! इनका कथन सिद्धों की तरह समझना। भगवन् ! पर्याप्तक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! सकायिक जीवों के समान जानना। भगवन् ! पर्याप्तक नैरयिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! इनमें नियमतः तीन ज्ञान या तीन अज्ञान होते हैं। पर्याप्त नैरयिक जीवों की तरह पर्याप्त स्तनितकुमारों का कथन करना। (पर्याप्त) पृथ्वीकायिक जीवों का कथन एकेन्द्रिय जीवों की तरह करना। इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय तक समझना। भगवन् ! पर्याप्त पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। पर्याप्त मनुष्यों सम्बन्धी कथन सकायिक जीवों की तरह करना। पर्याप्त वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिकों का कथन नैरयिक जीवों की तरह समझना। भगवन् ! अपर्याप्तक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? उनमें तीन ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। भगवन् अपर्याप्त नैरयिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान नियमतः होते हैं, तीन अज्ञान भजना से होते हैं। नैरयिक जीवों की तरह अपर्याप्त स्तनितकुमार देवों तक इसी प्रकार कथन करना। (अपर्याप्त) पृथ्वीकायिक से लेकर वनस्पतिकायिक जीवों तक का कथन एकेन्द्रिय जीवों की तरह करना। भगवन् ! अपर्याप्त द्वीन्द्रिय ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनमें दो ज्ञान अथवा दो अज्ञान नियमतः होते हैं। इसी प्रकार (अपर्याप्त) पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों तक जानना। भगवन् ! अपर्याप्तक मनुष्य ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान भजना से होते हैं और दो अज्ञान नियमतः होते हैं। अपर्याप्त वाणव्यन्तर जीवों का कथन नैरयिक जीवों की तरह समझना। भगवन् ! अपर्याप्त ज्योतिष्क और वैमानिक ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान या तीन अज्ञान नियमतः होते हैं। भगवन् ! नोपर्याप्त – नोअपर्याप्त जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! सिद्ध जीवों के समान जानना। भगवन् ! निरयभवस्थ जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनके विषय में निरयगतिक जीवों के समान कहना। भगवन् ! तिर्यंचभवस्थ जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! उनमें तीन ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। भगवन् ! मनुष्यभवस्थ जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! इनका कथन सकायिक जीवों की तरह करना। भगवन् ! देवभवस्थ जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! निरयभवस्थ जीवों के समान इनके विषय में कहना। अभवस्थ जीवों के विषय में सिद्धों की तरह जानना। भगवन् ! भवसिद्धिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! सकायिक जीवों के समान जानना। भगवन् ! अभवसिद्धिक जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! ये ज्ञानी नहीं, अज्ञानी हैं। इनमें तीन अज्ञान भजना से होते हैं। भगवन् ! नोभवसिद्धिक – नोअभवसिद्धिक जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी ? गौतम ! सिद्ध जीवों के समान कहना। भगवन् ! संज्ञीजीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? गौतम ! सेन्द्रिय जीवों के समान कहना चाहिए। असंज्ञी के विषय में द्वीन्द्रिय के समान कहना चाहिए। नोसंज्ञी – नोअसंज्ञी जीवों का कथन सिद्ध जीवों की तरह जानना चाहिए | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] nirayagatiya nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Goyama! Nani vi, annani vi. Tinni nanaim niyama, tinni annanaim bhayanae. Tiriyagatiya nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Goyama! Do nana, do annana niyama. Manussagatiya nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Goyama! Tinni nanaim bhayanae, do annanaim niyama. Devagatiya jaha nirayagatiya. Siddhagatiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Saimdiya nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Goyama! Chattari nanaim, tinni annanaim–bhayanae. Egimdiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha pudhavikaiya. Beimdiya-teimdiya-chaurimdiya nam do nana, do annana niyama. Pamchimdiya jaha saimdiya. Animdiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Sakaiya nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Goyama! Pamcha nanaim, tinni annanaim–bhayanae. Pudhavikkaiya java vanassaikaiya no nani, annani, niyama duannani, tam jaha–maiannani ya suyaannani ya. Tasakaiya jaha sakaiya. Akaiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Suhuma nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha pudhavikkaiya. Badara nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha sakaiya. Nosuhuma-nobadara nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Pajjatta nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha sakaiya. Pajjatta nam bhamte! Neraiya kim nani? Tinni nana, tinni annana niyama. Jaha neraiya evam thaniyakumara. Pudhavikaiya jaha egimdiya. Evam java chaurimdiya. Pajjatta nam bhamte! Pamchimdiyatirikkhajoniya kim nani? Annani? Tinni nana, tinni annana–bhayanae. Manussa jaha sakaiya. Vanamamtara-joisiya-vemaniya jaha neraiya. Apajjatta nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Tinni nana, tinni annana–bhayanae. Apajjatta nam bhamte! Neraiya kim nani? Annani? Tinni nana niyama, tinni annana bhayanae. Evam java thaniyakumara. Pudhavikkaiya java vanassaikaiya jaha egimdiya. Beimdiyanam puchchha. Do nana, do annana–niyama. Evam java pamchimdiyatirikkhajoniyanam. Apajjattaga nam bhamte! Manussa kim nani? Annani? Tinni nanaim bhayanae, do annanaim niyama. Vanamamtara jaha neraiya. Apajjattaganam joisiya-vemaniyanam tinni nana tinni annana-niyama. Nopajjattaga-noapajjattaga nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Nirayabhavattha nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Jaha nirayagatiya. Tiriyabhavattha nam bhamte! Jiva kim nani? Annani? Tinni nana, tinni annana–bhayanae. Manussabhavattha? Jaha sakaiya. Devabhavattha nam bhamte! Jaha nirayabhavattha. Abhavattha jaha siddha. Bhavasiddhiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha sakaiya. Abhavasiddhiyanam puchchha. Goyama! No nani, annani; tinni annanaim bhayanae. Nobhavasiddhiya-noabhavasiddhiya nam bhamte! Jiva kim nani? Jaha siddha. Sanninam puchchha. Jaha saimdiya. Asanni jaha beimdiya. Nosanni-noasanni jaha siddha. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Nirayagatika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Ve jnyani bhi haim aura ajnyani bhi. Jo jnyani haim, ve niyamatah tina jnyana vale haim aura jo ajnyani haim, ve bhajana se tina ajnyana vale haim. Bhagavan ! Tiryamchagatika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Unamem niyamatah do jnyana ya do ajnyana hote haim. Bhagavan ! Manushyagatika jiva jnyani haim ya ajnyani haim? Gautama ! Unake bhajana se tina jnyana hote haim aura niyamatah do ajnyana hote haim. Devagatika jivom mem jnyana aura ajnyana ka kathana nirayagatika jivom ke samana samajhana. Bhagavan ! Siddhagatika jiva jnyani haim ya ajnyani? Gautama ! Siddha samana janana. Bhagavan ! Indriya vale jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Unake chara jnyana aura tina ajnyana bhajana se hote haim. Bhagavan ! Eka indriya vale jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Prithvikayika jivom ki taraha kahana. Vikale – ndriyom mem do jnyana ya do ajnyana niyamatah hote haim. Pamcha indriyom vale jivom ko sendriya jivom ke samana janana. Bhagavan ! Anindriya jiva jnyani haim athava ajnyani\? Gautama ! Siddhom ki taraha janana. Bhagavan ! Sakayika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Sakayika jivom ke pamcha jnyana aura tina ajnyana bhajana se hote haim. Prithvikayika se vanaspatikayika jiva taka jnyani nahim, ajnyani hote haim. Ve niyamatah do ajnyana vale hote haim. Trasakayika jivom ka kathana sakayika jivom ke samana samajhana chahie. Bhagavan ! Akayika jiva jnyani haim athava ajnyani haim\? Gautama ! Inake vishaya mem siddhom ki taraha janana chahie. Bhagavan ! Sukshma jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Inake vishaya mem prithvikayika jivom ke samana kathana karana chahie. Bhagavan ! Badara jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Inake vishaya mem sakayika jivom ke samana kahana chahie. Bhagavan ! Nosukshma – nobadara jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Inaka kathana siddhom ki taraha samajhana. Bhagavan ! Paryaptaka jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Sakayika jivom ke samana janana. Bhagavan ! Paryaptaka nairayika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Inamem niyamatah tina jnyana ya tina ajnyana hote haim. Paryapta nairayika jivom ki taraha paryapta stanitakumarom ka kathana karana. (paryapta) prithvikayika jivom ka kathana ekendriya jivom ki taraha karana. Isi prakara chaturindriya taka samajhana. Bhagavan ! Paryapta pamchendriyatiryamchayonika jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Unamem tina jnyana aura tina ajnyana bhajana se hote haim. Paryapta manushyom sambandhi kathana sakayika jivom ki taraha karana. Paryapta vanavyantara, jyotishka aura vaimanikom ka kathana nairayika jivom ki taraha samajhana. Bhagavan ! Aparyaptaka jiva jnyani haim ya ajnyani\? Unamem tina jnyana aura tina ajnyana bhajana se hote haim. Bhagavan aparyapta nairayika jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Unamem tina jnyana niyamatah hote haim, tina ajnyana bhajana se hote haim. Nairayika jivom ki taraha aparyapta stanitakumara devom taka isi prakara kathana karana. (aparyapta) prithvikayika se lekara vanaspatikayika jivom taka ka kathana ekendriya jivom ki taraha karana. Bhagavan ! Aparyapta dvindriya jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Inamem do jnyana athava do ajnyana niyamatah hote haim. Isi prakara (aparyapta) pamchendriya tiryamchayonikom taka janana. Bhagavan ! Aparyaptaka manushya jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Unamem tina jnyana bhajana se hote haim aura do ajnyana niyamatah hote haim. Aparyapta vanavyantara jivom ka kathana nairayika jivom ki taraha samajhana. Bhagavan ! Aparyapta jyotishka aura vaimanika jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Unamem tina jnyana ya tina ajnyana niyamatah hote haim. Bhagavan ! Noparyapta – noaparyapta jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Siddha jivom ke samana janana. Bhagavan ! Nirayabhavastha jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Inake vishaya mem nirayagatika jivom ke samana kahana. Bhagavan ! Tiryamchabhavastha jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Unamem tina jnyana aura tina ajnyana bhajana se hote haim. Bhagavan ! Manushyabhavastha jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Inaka kathana sakayika jivom ki taraha karana. Bhagavan ! Devabhavastha jiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Nirayabhavastha jivom ke samana inake vishaya mem kahana. Abhavastha jivom ke vishaya mem siddhom ki taraha janana. Bhagavan ! Bhavasiddhika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Sakayika jivom ke samana janana. Bhagavan ! Abhavasiddhika jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Ye jnyani nahim, ajnyani haim. Inamem tina ajnyana bhajana se hote haim. Bhagavan ! Nobhavasiddhika – noabhavasiddhika jiva jnyani haim athava ajnyani\? Gautama ! Siddha jivom ke samana kahana. Bhagavan ! Samjnyijiva jnyani haim ya ajnyani haim\? Gautama ! Sendriya jivom ke samana kahana chahie. Asamjnyi ke vishaya mem dvindriya ke samana kahana chahie. Nosamjnyi – noasamjnyi jivom ka kathana siddha jivom ki taraha janana chahie |