Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003753 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-५ |
Translated Chapter : |
शतक-५ |
Section : | उद्देशक-७ पुदगल कंपन | Translated Section : | उद्देशक-७ पुदगल कंपन |
Sutra Number : | 253 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] परमाणुपोग्गले णं भंते! एयति वेयति चलति फंदइ घट्टइ खुब्भइ उदीरइ, तं तं भावं परिणमति? गोयमा! सिय एयति वेयति जाव तं तं भावं परिणमति; सिय नो एयति जाव नो तं तं भावं परिणमति। दुप्पएसिए णं भंते! खंधे एयति जाव तं तं भावं परिणमति? गोयमा! सिय एयति जाव तं तं भावं परिणमति। सिय नो एयति जाव नो तं तं भावं परिणमति। सिय देसे एयति, देसे नो एयति। तिप्पएसिए णं भंते! खंधे एयति? गोयमा! सिय एयति, सिय नो एयति। सिय देसे एयति, नो देसे एयति। सिय देसे एयति, नो देसा एयति। सिय देसा एयंति, नो देसे एयति। चउप्पएसिए णं भंते! खंधे एयति? गोयमा! सिय एयति, सिय नो एयति। सिय देसे एयति, नो देसे एयति। सिय देसे एयति, नो देसा एयंति। सिय देसा एयंति, नो देसे एयति। सिय देसा एयंति, नो देसा एयंति। जहा चउप्पएसिओ तहा पंचपएसिओ, तहा जाव अनंतपएसिओ। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! क्या परमाणु पुद्गल काँपता है, विशेष रूप से काँपता है ? यावत् उस – उस भाव में परिणत होता है? गौतम ! परमाणु पुद्गल कदाचित् काँपता है, विशेष काँपता है, यावत् उस – उस भाव में परिणत होता है, कदाचित् नहीं काँपता, यावत् उस – उस भाव में परिणत नहीं होता। भगवन् ! क्या द्विप्रदेशिक स्कन्ध काँपता है, विशेष काँपता है, यावत् उस – उस भाव में परिणत होता है ? हे गौतम ! कदाचित् कम्पित होता है, यावत् परिणत होता है, कदाचित् कम्पित नहीं होता, यावत् परिणत नहीं होता। कदाचित् एक देश से कम्पित होता है, एक देश से कम्पित नहीं होता। भगवन् ! क्या त्रिप्रदेशिक स्कन्ध कम्पित होता है, यावत् परिणत होता है ? गौतम ! कदाचित् कम्पित होता है, कदाचित् कम्पित नहीं होता; कदाचित् एक देश से कम्पित होता है, और एक देश से कम्पित नहीं होता; कदाचित् एक देश से कम्पित होता है, और बहुत देशों से कम्पित नहीं होता; कदाचित् बहुत देशों से कम्पित होता है और एक देश से कम्पित नहीं होता। भगवन् ! क्या चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध कम्पित होता है ? गौतम ! कदाचित् कम्पित होता है, कदाचित् कम्पित नहीं होता; कदाचित् उसका एकदेश कम्पित होता है, कदाचित् एकदेश कम्पित नहीं होता; कदाचित् एक देश कम्पित होता है, और बहुत देश कम्पित नहीं होते; कदाचित् बहुत देश कम्पित होते हैं और एक देश कम्पित नहीं होता; कदाचित् बहुत देश कम्पित होते हैं और बहुत देश कम्पित नहीं होते। जिस प्रकार चतुष्प्रदेशी स्कन्ध के विषय में कहा गया है, उसी प्रकार पंचप्रदेशी स्कन्ध यावत् अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक कहना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] paramanupoggale nam bhamte! Eyati veyati chalati phamdai ghattai khubbhai udirai, tam tam bhavam parinamati? Goyama! Siya eyati veyati java tam tam bhavam parinamati; siya no eyati java no tam tam bhavam parinamati. Duppaesie nam bhamte! Khamdhe eyati java tam tam bhavam parinamati? Goyama! Siya eyati java tam tam bhavam parinamati. Siya no eyati java no tam tam bhavam parinamati. Siya dese eyati, dese no eyati. Tippaesie nam bhamte! Khamdhe eyati? Goyama! Siya eyati, siya no eyati. Siya dese eyati, no dese eyati. Siya dese eyati, no desa eyati. Siya desa eyamti, no dese eyati. Chauppaesie nam bhamte! Khamdhe eyati? Goyama! Siya eyati, siya no eyati. Siya dese eyati, no dese eyati. Siya dese eyati, no desa eyamti. Siya desa eyamti, no dese eyati. Siya desa eyamti, no desa eyamti. Jaha chauppaesio taha pamchapaesio, taha java anamtapaesio. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Kya paramanu pudgala kampata hai, vishesha rupa se kampata hai\? Yavat usa – usa bhava mem parinata hota hai? Gautama ! Paramanu pudgala kadachit kampata hai, vishesha kampata hai, yavat usa – usa bhava mem parinata hota hai, kadachit nahim kampata, yavat usa – usa bhava mem parinata nahim hota. Bhagavan ! Kya dvipradeshika skandha kampata hai, vishesha kampata hai, yavat usa – usa bhava mem parinata hota hai\? He gautama ! Kadachit kampita hota hai, yavat parinata hota hai, kadachit kampita nahim hota, yavat parinata nahim hota. Kadachit eka desha se kampita hota hai, eka desha se kampita nahim hota. Bhagavan ! Kya tripradeshika skandha kampita hota hai, yavat parinata hota hai\? Gautama ! Kadachit kampita hota hai, kadachit kampita nahim hota; kadachit eka desha se kampita hota hai, aura eka desha se kampita nahim hota; kadachit eka desha se kampita hota hai, aura bahuta deshom se kampita nahim hota; kadachit bahuta deshom se kampita hota hai aura eka desha se kampita nahim hota. Bhagavan ! Kya chatushpradeshika skandha kampita hota hai\? Gautama ! Kadachit kampita hota hai, kadachit kampita nahim hota; kadachit usaka ekadesha kampita hota hai, kadachit ekadesha kampita nahim hota; kadachit eka desha kampita hota hai, aura bahuta desha kampita nahim hote; kadachit bahuta desha kampita hote haim aura eka desha kampita nahim hota; kadachit bahuta desha kampita hote haim aura bahuta desha kampita nahim hote. Jisa prakara chatushpradeshi skandha ke vishaya mem kaha gaya hai, usi prakara pamchapradeshi skandha yavat anantapradeshi skandha taka kahana. |