Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003146 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय-१९ |
Translated Chapter : |
समवाय-१९ |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 46 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एकूनवीसं नायज्झयणा पन्नत्ता, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र के (प्रथम श्रुतस्कन्ध के) उन्नीस अध्ययन कहे गए हैं। जैसे – १. उत्क्षिप्तज्ञात, २. संघाट, ३. अंड, ४. कूर्म, ५. शैलक, ६. तुम्ब, ७. रोहिणी, ८. मल्ली, ९. माकंदी, १०. चन्द्रिमा। ११. दावद्रव, १२. उदकज्ञात, १३. मंडूक, १४. तेतली, १५. नन्दिफल, १६. अपरकंका, १७. आकीर्ण, १८. सुंसुमा और १९. पुण्डरीकज्ञात। सूत्र – ४६–४८ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ekunavisam nayajjhayana pannatta, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jnyatadharmakathamga sutra ke (prathama shrutaskandha ke) unnisa adhyayana kahe gae haim. Jaise – 1. Utkshiptajnyata, 2. Samghata, 3. Amda, 4. Kurma, 5. Shailaka, 6. Tumba, 7. Rohini, 8. Malli, 9. Makamdi, 10. Chandrima. 11. Davadrava, 12. Udakajnyata, 13. Mamduka, 14. Tetali, 15. Nandiphala, 16. Aparakamka, 17. Akirna, 18. Sumsuma aura 19. Pundarikajnyata. Sutra – 46–48 |