Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )

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Sr No : 1002308
Scripture Name( English ): Sthanang Translated Scripture Name : स्थानांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

स्थान-४

Translated Chapter :

स्थान-४

Section : उद्देशक-२ Translated Section : उद्देशक-२
Sutra Number : 308 Category : Ang-03
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–अप्पणो नाममेगे अलमंथू भवति नो परस्स, परस्स नाममेगे अलमंथू भवंति नो अप्पणो, एगे अप्पणोवि अलमंथ भवति परस्सवि, एगे नो अप्पणो अलमंथू भवति नो परस्स। चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तं जहा–उज्जू नाममेगे उज्जू, उज्जू नाममेगे वंके, वंके नाममेगे उज्जू, वंके नाममेगे वंके एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–उज्जू नाममेगे उज्जू, उज्जू नाममेगे वंके, वंके नाममेगे उज्जू, वंके नाममेगे वंके। चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तं जहा–खेमे नाममेगे खेमे, खेमे नाममेगे अखेमे, अखेमे नाममेगे खेमे, अखेमे नाम-मेगे अखेमे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–खेमे नाममेगे खेमे, खेमे नाममेगे अखेमे, अखेमे नाममेगे खेमे, अखेमे नाममेगे अखेमे। चत्तारि मग्गा पन्नत्ता, तं जहा–खेमे नाममेगे खेमरूवे, खेमे नाममेगे अखेमरूवे, अखेमे नाममेगे खेमरूवे, अखेमे नाममेगे अखेमरूवे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–खेमे नाममेगे खेमरूवे, खेमे नाममेगे अखेमरूवे, अखेमे नाममेगे खेमरूवे, अखेमे नाममेगे अखेमरूवे। चत्तारि संवुक्का पन्नत्ता, तं जहा– वामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते दाहिणे नाममेगे दाहिणावत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–वामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते दाहिणे नाममेगे दाहिणावत्ते। चत्तारि धूमसिहाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाम मेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाममेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। चत्तारि अग्गिसिहाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाममेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाममेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। चत्तारि वायमंडलिया पन्नत्ता, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाममेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। एवामेव चत्तारि इत्थीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–वामा नाममेगा वामावत्ता, वामा नाममेगा दाहिणावत्ता, दाहिणा नाममेगा वामावत्ता, दाहिणा नाममेगा दाहिणावत्ता। चत्तारि वनसंडा पन्नत्ता, तं जहा–वामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते, दाहिणे नाममेगे दाहिणावत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–वामे नाममेगे वामावत्ते, वामे नाममेगे दाहिणावत्ते, दाहिणे नाममेगे वामावत्ते दाहिणे नाममेगे दाहिणावत्ते।
Sutra Meaning : पुरुष वर्ग चार प्रकार का है। एक पुरुष अपने आपको दुष्प्रवृत्तियों से बचाता है किन्तु दूसरे को नहीं बचाता। एक पुरुष दूसरों को दुष्प्रवृत्तियों से बचाता है, किन्तु स्वयं नहीं बचता। एक पुरुष स्वयं भी दुष्प्रवृत्तियों से बचता है और दूसरे को भी बचाता है। एक पुरुष न स्वयं दुष्प्रवृत्तियों से बचता है और न दूसरे को बचाता है। मार्ग चार प्रकार का है। एक मार्ग प्रारम्भ में भी सरल है और अन्त में भी सरल है। एक मार्ग प्रारंभ में सरल है किन्तु अन्त में वक्र है। एक मार्ग प्रारंभ में वक्र है किन्तु अन्त में सरल है। एक मार्ग प्रारम्भ में भी वक्र है और अन्त में भी वक्र है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है – मार्ग चार प्रकार का है। एक मार्ग प्रारम्भ में भी उपद्रवरहित है और अन्त में भी उपद्रवरहित है। एक मार्ग प्रारम्भ में उपद्रवरहित है अन्त में उपद्रवरहित नहीं है। एक मार्ग प्रारम्भ में उपद्रवसहित है अन्त में उपद्रवरहित है। एक मार्ग प्रारम्भ में और अन्त में उपद्रवसहित है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। मार्ग चार प्रकार का है, यथा – एक मार्ग उपद्रवरहित है और सुन्दर है। एक मार्ग उपद्रवरहित है किन्तु सुन्दर नहीं है। एक मार्ग उपद्रवसहित है किन्तु सुन्दर है। एक मार्ग उपद्रवसहित भी है और सुन्दर भी नहीं है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। यथा – एक पुरुष शांत स्वभाव वाला है और अच्छी वेशभूषा वाला है। एक पुरुष शांत स्वभाव वाला है किन्तु वेशभूषा अच्छी नहीं है। एक पुरुष खराब वेशभूषा वाला तो है किन्तु शांत स्वभावी है। एक पुरुष खराब वेशभूषा वाला भी है और क्रूर स्वभाव वाला भी है। शंख चार प्रकार के हैं। एक शंख वाम है और वामावर्त भी है। एक शंख वाम है किन्तु दक्षिणावर्त है। एक शंख दक्षिण है किन्तु वामावर्त है। एक शंख दक्षिण है और दक्षिणावर्त भी है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। एक पुरुष प्रतिकूल स्वभाव वाला और प्रतिकूल व्यवहार वाला भी है। एक पुरुष प्रतिकूल स्वभाव वाला है किन्तु अनुकूल व्यवहार वाला है। एक पुरुष अनुकूल स्वभाव वाला है किन्तु प्रतिकूल व्यवहार वाला है। एक पुरुष अनुकूल स्वभाव वाला और अनुकूल व्यवहार वाला है। धूमशिखा चार प्रकार की है। यथा – एक धूमशिखा वामा है (बांयी और जाने वाली है) और वामावर्त भी है। एक धूमशिखा वामा है किन्तु दक्षिणावर्त है। एक धूमशिखा दक्षिणा है किन्तु वामावर्त है। एक धूमिशिखा दक्षिणा है और दक्षिणावर्त भी है। इसी प्रकार स्त्रियाँ भी चार प्रकार की हैं – अग्निशिखा, और स्त्रियों के चार भांगे। वायु – मंडल, और स्त्रियों के चार भांगे। वनखंड, और पुरुषों के चार भांगे जानना।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] chattari purisajaya pannatta, tam jaha–appano namamege alamamthu bhavati no parassa, parassa namamege alamamthu bhavamti no appano, ege appanovi alamamtha bhavati parassavi, ege no appano alamamthu bhavati no parassa. Chattari magga pannatta, tam jaha–ujju namamege ujju, ujju namamege vamke, vamke namamege ujju, vamke namamege vamke Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–ujju namamege ujju, ujju namamege vamke, vamke namamege ujju, vamke namamege vamke. Chattari magga pannatta, tam jaha–kheme namamege kheme, kheme namamege akheme, akheme namamege kheme, akheme nama-mege akheme. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–kheme namamege kheme, kheme namamege akheme, akheme namamege kheme, akheme namamege akheme. Chattari magga pannatta, tam jaha–kheme namamege khemaruve, kheme namamege akhemaruve, akheme namamege khemaruve, akheme namamege akhemaruve. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–kheme namamege khemaruve, kheme namamege akhemaruve, akheme namamege khemaruve, akheme namamege akhemaruve. Chattari samvukka pannatta, tam jaha– vame namamege vamavatte, vame namamege dahinavatte, dahine namamege vamavatte dahine namamege dahinavatte. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–vame namamege vamavatte, vame namamege dahinavatte, dahine namamege vamavatte dahine namamege dahinavatte. Chattari dhumasihao pannattao, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina nama mega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Evameva chattari itthio pannattao, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina namamega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Chattari aggisihao pannattao, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina namamega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Evameva chattari itthio pannattao, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina namamega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Chattari vayamamdaliya pannatta, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina namamega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Evameva chattari itthio pannattao, tam jaha–vama namamega vamavatta, vama namamega dahinavatta, dahina namamega vamavatta, dahina namamega dahinavatta. Chattari vanasamda pannatta, tam jaha–vame namamege vamavatte, vame namamege dahinavatte, dahine namamege vamavatte, dahine namamege dahinavatte. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha–vame namamege vamavatte, vame namamege dahinavatte, dahine namamege vamavatte dahine namamege dahinavatte.
Sutra Meaning Transliteration : Purusha varga chara prakara ka hai. Eka purusha apane apako dushpravrittiyom se bachata hai kintu dusare ko nahim bachata. Eka purusha dusarom ko dushpravrittiyom se bachata hai, kintu svayam nahim bachata. Eka purusha svayam bhi dushpravrittiyom se bachata hai aura dusare ko bhi bachata hai. Eka purusha na svayam dushpravrittiyom se bachata hai aura na dusare ko bachata hai. Marga chara prakara ka hai. Eka marga prarambha mem bhi sarala hai aura anta mem bhi sarala hai. Eka marga prarambha mem sarala hai kintu anta mem vakra hai. Eka marga prarambha mem vakra hai kintu anta mem sarala hai. Eka marga prarambha mem bhi vakra hai aura anta mem bhi vakra hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai – marga chara prakara ka hai. Eka marga prarambha mem bhi upadravarahita hai aura anta mem bhi upadravarahita hai. Eka marga prarambha mem upadravarahita hai anta mem upadravarahita nahim hai. Eka marga prarambha mem upadravasahita hai anta mem upadravarahita hai. Eka marga prarambha mem aura anta mem upadravasahita hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Marga chara prakara ka hai, yatha – eka marga upadravarahita hai aura sundara hai. Eka marga upadravarahita hai kintu sundara nahim hai. Eka marga upadravasahita hai kintu sundara hai. Eka marga upadravasahita bhi hai aura sundara bhi nahim hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Yatha – eka purusha shamta svabhava vala hai aura achchhi veshabhusha vala hai. Eka purusha shamta svabhava vala hai kintu veshabhusha achchhi nahim hai. Eka purusha kharaba veshabhusha vala to hai kintu shamta svabhavi hai. Eka purusha kharaba veshabhusha vala bhi hai aura krura svabhava vala bhi hai. Shamkha chara prakara ke haim. Eka shamkha vama hai aura vamavarta bhi hai. Eka shamkha vama hai kintu dakshinavarta hai. Eka shamkha dakshina hai kintu vamavarta hai. Eka shamkha dakshina hai aura dakshinavarta bhi hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Eka purusha pratikula svabhava vala aura pratikula vyavahara vala bhi hai. Eka purusha pratikula svabhava vala hai kintu anukula vyavahara vala hai. Eka purusha anukula svabhava vala hai kintu pratikula vyavahara vala hai. Eka purusha anukula svabhava vala aura anukula vyavahara vala hai. Dhumashikha chara prakara ki hai. Yatha – eka dhumashikha vama hai (bamyi aura jane vali hai) aura vamavarta bhi hai. Eka dhumashikha vama hai kintu dakshinavarta hai. Eka dhumashikha dakshina hai kintu vamavarta hai. Eka dhumishikha dakshina hai aura dakshinavarta bhi hai. Isi prakara striyam bhi chara prakara ki haim – agnishikha, aura striyom ke chara bhamge. Vayu – mamdala, aura striyom ke chara bhamge. Vanakhamda, aura purushom ke chara bhamge janana.