Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002128 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-३ |
Translated Chapter : |
स्थान-३ |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 128 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तं जहा– बाहिरए पोग्गलए परियादित्ता–एगा विकुव्वणा, बाहिरए पोग्गले अपरियादित्ता – एगा विकुव्वणा, बाहिरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादित्तावि– एगा विकुव्वणा। तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तं जहा–अब्भंतरए पोग्गले परियादित्ता–एगा विकुव्वणा, अब्भंतरए पोग्गले अपरियादित्ता–एगा विकुव्वणा, अब्भंतरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादि-त्तावि–एगा विकुव्वणा। तिविहा विकुव्वणा पन्नत्ता, तं जहा–बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियादित्ता–एगा विकुव्वणा, बाहिरब्भंतरए अपरियादित्ता–एगा विकुव्वणा, बाहिरब्भंतरए पोग्गले परियादित्तावि अपरियादि-त्तावि–एगा विकुव्वणा। | ||
Sutra Meaning : | विकुर्वणा तीन प्रकार की है, एक बाह्य पुद्गलों को ग्रहण करके की जाने वाली विकुर्वणा, एक बाह्य पुद्गलों को ग्रहण किये बिना कि जाने वाली विकुर्वणा, एक बाह्य पुद्गलों को ग्रहण करके और ग्रहण किये बिना कि जाने वाली विकुर्वणा। विकुर्वणा तीन प्रकार की हैं, एक आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण करके की जाने वाली विकुर्वणा, एक आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण किये बिना की जाने वाली विकुर्वणा, एक आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण करके और ग्रहण किये बिना की जाने वाली विकुर्वणा। विकुर्वणा तीन प्रकार की हैं – एक बाह्य और आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण करके की जाने वाली विकुर्वणा। एक बाह्य आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण किये बिना की जाने वाली विकुर्वणा। एक बाह्य तथा आभ्यन्तर पुद्गलों को ग्रहण करके और बिना ग्रहण किये भी की जाने वाली विकुर्वणा। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] tiviha vikuvvana pannatta, tam jaha– bahirae poggalae pariyaditta–ega vikuvvana, bahirae poggale apariyaditta – ega vikuvvana, bahirae poggale pariyadittavi apariyadittavi– ega vikuvvana. Tiviha vikuvvana pannatta, tam jaha–abbhamtarae poggale pariyaditta–ega vikuvvana, abbhamtarae poggale apariyaditta–ega vikuvvana, abbhamtarae poggale pariyadittavi apariyadi-ttavi–ega vikuvvana. Tiviha vikuvvana pannatta, tam jaha–bahirabbhamtarae poggale pariyaditta–ega vikuvvana, bahirabbhamtarae apariyaditta–ega vikuvvana, bahirabbhamtarae poggale pariyadittavi apariyadi-ttavi–ega vikuvvana. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vikurvana tina prakara ki hai, eka bahya pudgalom ko grahana karake ki jane vali vikurvana, eka bahya pudgalom ko grahana kiye bina ki jane vali vikurvana, eka bahya pudgalom ko grahana karake aura grahana kiye bina ki jane vali vikurvana. Vikurvana tina prakara ki haim, eka abhyantara pudgalom ko grahana karake ki jane vali vikurvana, eka abhyantara pudgalom ko grahana kiye bina ki jane vali vikurvana, eka abhyantara pudgalom ko grahana karake aura grahana kiye bina ki jane vali vikurvana. Vikurvana tina prakara ki haim – eka bahya aura abhyantara pudgalom ko grahana karake ki jane vali vikurvana. Eka bahya abhyantara pudgalom ko grahana kiye bina ki jane vali vikurvana. Eka bahya tatha abhyantara pudgalom ko grahana karake aura bina grahana kiye bhi ki jane vali vikurvana. |