Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001257 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-४ स्त्री परिज्ञा |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-४ स्त्री परिज्ञा |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 257 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] तम्हा उ वज्जए इत्थो विसलित्तं व कंटगं नच्चा । ओए कुलाणि वसवत्ती आघाए न से वि निग्गंथे ॥ | ||
Sutra Meaning : | इसलिए स्त्री को विषलिप्त काँटा जानकर वर्जन करना चाहिए। जो ओजस्वी पुरुष कुलों में स्त्रियों को वश करने की बात भी कहता है तो वह निर्ग्रन्थ नहीं है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] tamha u vajjae ittho visalittam va kamtagam nachcha. Oe kulani vasavatti aghae na se vi niggamthe. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isalie stri ko vishalipta kamta janakara varjana karana chahie. Jo ojasvi purusha kulom mem striyom ko vasha karane ki bata bhi kahata hai to vaha nirgrantha nahim hai. |