Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001067 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Section : | उद्देशक-३ | Translated Section : | उद्देशक-३ |
Sutra Number : | 67 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] माहणा समणा एगे आह अंडकडे जगे । असो तत्तमकासी य अयाणंता मुसं वए ॥ | ||
Sutra Meaning : | कुछ ब्राह्मण और श्रमण कहते हैं जगत् अंडे से उत्पन्न है। उस से ही तत्त्वों की रचना हुई है, जो इसे नहीं जानते, वे मृषा बोलते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] mahana samana ege aha amdakade jage. Aso tattamakasi ya ayanamta musam vae. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Kuchha brahmana aura shramana kahate haim jagat amde se utpanna hai. Usa se hi tattvom ki rachana hui hai, jo ise nahim janate, ve mrisha bolate haim. |