Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001042 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Section : | उद्देशक-२ | Translated Section : | उद्देशक-२ |
Sutra Number : | 42 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] मिलक्खू अमिलक्खुस्स जहा वुत्ताणुभासए । न हेउं से वियानाइ भासियं तऽनुभासए ॥ | ||
Sutra Meaning : | जैसे म्लेच्छ अम्लेच्छ की बातें करता है, किन्तु उसके हेतु को नहीं जानता, मात्र कथित का कथन करता है। इसी प्रकार अज्ञानी (पूर्ण ज्ञान रहित) अपने – अपने ज्ञान को कहते हुए भी निश्चयार्थ को नहीं जानते। वे म्लेच्छ की तरह अबोधिक होते हैं। सूत्र – ४२, ४३ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] milakkhu amilakkhussa jaha vuttanubhasae. Na heum se viyanai bhasiyam tanubhasae. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaise mlechchha amlechchha ki batem karata hai, kintu usake hetu ko nahim janata, matra kathita ka kathana karata hai. Isi prakara ajnyani (purna jnyana rahita) apane – apane jnyana ko kahate hue bhi nishchayartha ko nahim janate. Ve mlechchha ki taraha abodhika hote haim. Sutra – 42, 43 |