Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1000500 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ चूलिका-२ अध्ययन-१० [३] उच्चार प्रश्नवण विषयक |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ चूलिका-२ अध्ययन-१० [३] उच्चार प्रश्नवण विषयक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 500 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–इह खलु गाहावई वा, गाहावइ-पुत्ता वा कंदाणि वा, मूलाणि वा, [तयाणि वा?], पत्ताणि वा, पुप्फाणि वा, फलाणि वा, बीयाणि वा, हरियाणि वा अंतातो वा बाहिं णीहरंति, बहियाओ वा अंतो साहरंति, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–खंधंसि वा, पीढंसि वा, मंचंसि वा, मालंसि वा, अट्टंसि वा, पासायंसि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–अनंतरहियाए पुढवीए, ससिणिद्धाए पुढवीए, ससरक्खाए पुढवीए, मट्टियाकडाए, चित्तमंताए सिलाए, चित्तमंताए लेलुयाए, कोलावासंसि वा दारुयंसि जीवपइट्ठियंसि सअंडंसि सपाणंसि सबीअंसि सहरियंसि सउसंसि सउदयंसि सउत्तिंग-पणग-दग-मट्टिय-मक्कडासंताणयंसि, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–इह खलु गाहावई वा, गाहावइ-पुत्ता वा कंदाणि वा, मूलाणि वा, पत्ताणि वा, पुप्फाणि वा, फलाणि वा, बीयाणि वा परिसाडेंसु वा परिसाडिंति वा परिसाडिस्संति वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–इह खलु गाहावई वा, गाहावइ-पुत्ता वा सालीणि वा, वीहीणि वा, मुग्गाणि वा, मासाणि वा, तिलाणि वा, कुलत्थाणि वा, जवाणि वा, जवजवाणि वा, ‘पतिरिंसु वा पतिरिंति वा’ पतिरिस्संति वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–आमोयाणि वा घसाणि वा, भिलुयाणि वा, विज्जलाणि वा, खाणुयाणि वा, कडवाणि वा, पगत्ताणि वा, दरीणि वा, पदुग्गाणि वा, समाणि वा, विसमाणि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–माणुस-रंधणाणि वा, महिस-करणाणि वा, वसभ-करणाणि वा, अस्स-करणाणि वा कुक्कुड-करणाणि वा, लावय-करणाणि वा, वट्टय-करणाणि वा, तित्तिर-करणाणि वा, कवोय-कर-णाणि वा, कपिंजल-करणाणि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–वेहाणस-ट्ठाणेसु वा, गिद्धपिट्ठ-ट्ठाणेसु वा, तरुपडण-ट्ठाणेसु वा, ‘मेरुपडण-ट्ठाणेसु’ वा, विसभक्खण-ट्ठाणेसु वा, अगणिफंडण-ट्ठाणेसु वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि [थंडिलंसि?] नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–आरामाणि वा, उज्जाणाणि वा, वनानि वा, वनसंडाणि वा, देवकुलाणि वा, सभाणि वा, पवाणि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–अट्टालयाणि वा, चरियाणि वा, दाराणि वा, गोपुराणि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–तियाणि वा, चउक्काणि वा, चच्चराणि वा, चउमुहाणि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–इंगालडाहेसु वा, खारडाहेसु वा, मडयडाहेसु वा, मडय-थूभियासु वा, मडयचेइएसु वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–णदीआययणेसु वा, पंकाययणेसु वा, ओघाययणेसु वा, सेयणपहंसि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–णवियासु वा मट्टिय-खाणियासु, णवियासु वा गोप्पले-हियासु, गवायणीसु वा, खाणीसु वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–डागवच्चंसि वा, सागवच्चंसि वा, मूलगवच्चंसि वा, हत्थं-करवच्चंसि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। से भिक्खू वा भिक्खुणी वा सेज्जं पुण थंडिलं जाणेज्जा–असणवणंसि वा, सणवणंसि वा, घायइवणंसि वा, केय-इवणंसि वा, अंबवणंसि वा, असोगवणंसि वा, नागवणंसि वा, पुण्णागवणंसि वा, अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु पत्तोवएसु वा, पुप्फोवएसु वा, फलोवएसु वा, बीओवएसु वा, हरिओवएसु वा नो उच्चारपासवणं वोसिरेज्जा। | ||
Sutra Meaning : | साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जान कि गृहपति या उसके पुत्र कन्द, मूल यावत् हरी जिसके अंदर से बाहर ले जा रहे हैं, या बाहर से भीतर ले जा रहे हैं, अथवा उस प्रकार की किन्हीं सचित्त वस्तुओं को इधर – उधर कर रहे हैं, तो वहाँ साधु – साध्वी मल – मूत्र विसर्जन न करे। ऐसे स्थण्डिल को जाने, जो कि स्कन्ध पर, चौकी पर, मचान पर, ऊपर की मंजिल पर, अटारी पर या महल पर या अन्य किसी विषम या ऊंचे स्थान पर बना हुआ है तो वहाँ वह मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी ऐसे स्थण्डिल को जाने, जो कि सचित्त पृथ्वी पर, स्निग्ध पृथ्वी पर, सचित्त रज से लिप्त या संसृष्ट पृथ्वी पर सचित्त मिट्टी से बनाई हुई जगह पर, सचित्त शिला पर, सचित्त पथ्थर के टुकड़ों पर, घुन लगे हुए काष्ठ पर या दीमक आदि द्वीन्द्रियादि जीवों से अधिष्ठित काष्ठ पर या मकड़ी के जालों से युक्त है तो वहाँ मल – मूत्र विसर्जन न करे। यदि ऐसे स्थण्डिल के सम्बन्ध में जाने कि यहाँ पर गृहस्थ या गृहस्थ के पुत्रों ने कंद, मूल यावत् बीज आदि इधर – उधर फैंके हैं या फैंक रहे हैं, अथवा फैकेंगे, तो ऐसे अथवा इसी प्रकार के अन्य किसी दोषयुक्त स्थण्डिल में मल – मूत्रादि का त्याग न करे। साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल के सम्बन्ध में जाने कि यहाँ पर गृहस्थ या गृहस्थ के पुत्रों ने शाली, व्रीहि, मूँग, उड़द, तिल, कुलत्थ, जौ और ज्वार आदि बोए हुए हैं, बो रहे हैं या बोएंगे, ऐसे अथवा अन्य इसी प्रकार के बीज बोए स्थण्डिल में मल – मूत्रादि का विसर्जन न करे। यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ कचरे के ढेर हों, भूमि फटी हुई या पोली हो, भूमि पर रेखाएं पड़ी हुई हों, कीचड़ हों, ठूँठ अथवा खीले गाड़े हुए हों, किले की दीवार या प्राकार आदि हो, सम – विषम स्थान हों, ऐसे अथवा अन्य इसी प्रकार के ऊबड़ – खाबड़ स्थण्डिल पर मल – मूत्र न करे। साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ मनुष्यों के भोजन पकाने के चूल्हे आदि सामान रखे हों, तथा भैंस, बैल, घोड़ा, मूर्गा या कुत्ता, लावक पक्षी, बतक, तीतर, कबूतर, कपींजल आदि के आश्रय स्थान हों, ऐसे तथा अन्य इसी प्रकार के किसी पशु – पक्षी के आश्रय स्थान हों, तो इस प्रकार के स्थण्डिल में मल – मूत्र विसर्जन न करे साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ फाँसी पर लटकने के स्थान हों, गृद्धपृष्ठमरण के – स्थान हों, वृक्ष पर से गिरकर या पर्वत से झंपापात करके मरने के स्थान हों, विषभक्षण करने के या दौड़कर आग में गिरने के स्थान हों, ऐसे और अन्य इसी प्रकार के मृत्युदण्ड देने या आत्महत्या करने के स्थान वाले स्थण्डिल हों तो वहाँ मल – मूत्र विसर्जन न करे। यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जैसे कि बगीचा, उद्यान, वन, वनखण्ड, देवकुल, सभा या प्याऊ, अथवा अन्य इसी प्रकार का पवित्र या रमणीय स्थान हो, तो वहाँ वह मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी ऐसे किसी स्थण्डिल को जाने, जैसे – कोट की अटारी हों, किले और नगर के बीच में मार्ग हों, द्वार हों, नगर के मुख्य द्वार हों, ऐसे तथा अन्य इसी प्रकार के सार्वजनिक आवागमन के स्थल हों, तो ऐसे स्थण्डिल में मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ तिराहे हों, चौक हों, चौहट्टे या चौराहे हों, चतुर्मुख स्थान हों, ऐसे तथा अन्य इसी प्रकार के सार्वजनिक जनपथ हों, ऐसे स्थण्डिल में मल – मूत्र विसर्जन न करे। ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ लकड़ियाँ जलाकर कोयले बनाए जाते हों, जो काष्ठादि जलाकर राख बनाने के स्थान हों, मुर्दे जलाने के स्थान हों, मृतक के स्तूप हों, मृतक के चैत्य हों, ऐसा तथा इसी प्रकार का कोई स्थण्डिल हो, तो वहाँ पर मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जो कि नदी तट पर बने तीर्थस्थान हो, पंकबहुल आयतन हो, पवित्र जलप्रवाह वाले स्थान हों, जलसिंचन करने के मार्ग हों, ऐसे तथा अन्य इसी प्रकार के जो स्थण्डिल हों, उन पर मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी ऐसे स्थण्डिल को जाने, जो कि मिट्टी की नई खान हों, नई गोचर भूमि हों, सामान्य गायों के चारागाह हों, खानें हों, अथवा अन्य उसी प्रकार का कोई स्थण्डिल हो तो उसमें उच्चार – प्रस्रवण का विसर्जन न करे। यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, वहाँ डालप्रधान, पत्रप्रधान, मूली, गाजर आदि के खेत हैं, हस्तंकुर वनस्पति विशेष के क्षेत्र हैं, उनमें तथा उसी प्रकार के स्थण्डिल में मल – मूत्र विसर्जन न करे। साधु या साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ बीजक वृक्ष का वन है, पटसन का वन है, धातकी वृक्ष का वन है, केवड़े का उपवन है, आम्रवन है, अशोकवन है, नागवन है, या पुन्नाग वृक्षों का वन है, ऐसे तथा अन्य उस प्रकार के स्थण्डिल, जो पत्रों, पुष्पों, फलों, बीजों की हरियाली से युक्त हों, उनमें मल – मूत्र विसर्जन न करे। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–iha khalu gahavai va, gahavai-putta va kamdani va, mulani va, [tayani va?], pattani va, pupphani va, phalani va, biyani va, hariyani va amtato va bahim niharamti, bahiyao va amto saharamti, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–khamdhamsi va, pidhamsi va, mamchamsi va, malamsi va, attamsi va, pasayamsi va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–anamtarahiyae pudhavie, sasiniddhae pudhavie, sasarakkhae pudhavie, mattiyakadae, chittamamtae silae, chittamamtae leluyae, kolavasamsi va daruyamsi jivapaitthiyamsi saamdamsi sapanamsi sabiamsi sahariyamsi sausamsi saudayamsi sauttimga-panaga-daga-mattiya-makkadasamtanayamsi, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–iha khalu gahavai va, gahavai-putta va kamdani va, mulani va, pattani va, pupphani va, phalani va, biyani va parisademsu va parisadimti va parisadissamti va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–iha khalu gahavai va, gahavai-putta va salini va, vihini va, muggani va, masani va, tilani va, kulatthani va, javani va, javajavani va, ‘patirimsu va patirimti va’ patirissamti va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–amoyani va ghasani va, bhiluyani va, vijjalani va, khanuyani va, kadavani va, pagattani va, darini va, paduggani va, samani va, visamani va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–manusa-ramdhanani va, mahisa-karanani va, vasabha-karanani va, assa-karanani va kukkuda-karanani va, lavaya-karanani va, vattaya-karanani va, tittira-karanani va, kavoya-kara-nani va, kapimjala-karanani va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–vehanasa-tthanesu va, giddhapittha-tthanesu va, tarupadana-tthanesu va, ‘merupadana-tthanesu’ va, visabhakkhana-tthanesu va, aganiphamdana-tthanesu va, annayaramsi va tahappagaramsi [thamdilamsi?] no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–aramani va, ujjanani va, vanani va, vanasamdani va, devakulani va, sabhani va, pavani va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–attalayani va, chariyani va, darani va, gopurani va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–tiyani va, chaukkani va, chachcharani va, chaumuhani va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–imgaladahesu va, kharadahesu va, madayadahesu va, madaya-thubhiyasu va, madayacheiesu va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–nadiayayanesu va, pamkayayanesu va, oghayayanesu va, seyanapahamsi va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–naviyasu va mattiya-khaniyasu, naviyasu va goppale-hiyasu, gavayanisu va, khanisu va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–dagavachchamsi va, sagavachchamsi va, mulagavachchamsi va, hattham-karavachchamsi va, annayaramsi va tahappagaramsi thamdilamsi no uchcharapasavanam vosirejja. Se bhikkhu va bhikkhuni va sejjam puna thamdilam janejja–asanavanamsi va, sanavanamsi va, ghayaivanamsi va, keya-ivanamsi va, ambavanamsi va, asogavanamsi va, nagavanamsi va, punnagavanamsi va, annayaresu va tahappagaresu pattovaesu va, pupphovaesu va, phalovaesu va, biovaesu va, hariovaesu va no uchcharapasavanam vosirejja. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jana ki grihapati ya usake putra kanda, mula yavat hari jisake amdara se bahara le ja rahe haim, ya bahara se bhitara le ja rahe haim, athava usa prakara ki kinhim sachitta vastuom ko idhara – udhara kara rahe haim, to vaham sadhu – sadhvi mala – mutra visarjana na kare. Aise sthandila ko jane, jo ki skandha para, chauki para, machana para, upara ki mamjila para, atari para ya mahala para ya anya kisi vishama ya umche sthana para bana hua hai to vaham vaha mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi aise sthandila ko jane, jo ki sachitta prithvi para, snigdha prithvi para, sachitta raja se lipta ya samsrishta prithvi para sachitta mitti se banai hui jagaha para, sachitta shila para, sachitta paththara ke tukarom para, ghuna lage hue kashtha para ya dimaka adi dvindriyadi jivom se adhishthita kashtha para ya makari ke jalom se yukta hai to vaham mala – mutra visarjana na kare. Yadi aise sthandila ke sambandha mem jane ki yaham para grihastha ya grihastha ke putrom ne kamda, mula yavat bija adi idhara – udhara phaimke haim ya phaimka rahe haim, athava phaikemge, to aise athava isi prakara ke anya kisi doshayukta sthandila mem mala – mutradi ka tyaga na kare. Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ke sambandha mem jane ki yaham para grihastha ya grihastha ke putrom ne shali, vrihi, mumga, urada, tila, kulattha, jau aura jvara adi boe hue haim, bo rahe haim ya boemge, aise athava anya isi prakara ke bija boe sthandila mem mala – mutradi ka visarjana na kare. Yadi aise sthandila ko jane, jaham kachare ke dhera hom, bhumi phati hui ya poli ho, bhumi para rekhaem pari hui hom, kichara hom, thumtha athava khile gare hue hom, kile ki divara ya prakara adi ho, sama – vishama sthana hom, aise athava anya isi prakara ke ubara – khabara sthandila para mala – mutra na kare. Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jane, jaham manushyom ke bhojana pakane ke chulhe adi samana rakhe hom, tatha bhaimsa, baila, ghora, murga ya kutta, lavaka pakshi, bataka, titara, kabutara, kapimjala adi ke ashraya sthana hom, aise tatha anya isi prakara ke kisi pashu – pakshi ke ashraya sthana hom, to isa prakara ke sthandila mem mala – mutra visarjana na kare Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jane, jaham phamsi para latakane ke sthana hom, griddhaprishthamarana ke – sthana hom, vriksha para se girakara ya parvata se jhampapata karake marane ke sthana hom, vishabhakshana karane ke ya daurakara aga mem girane ke sthana hom, aise aura anya isi prakara ke mrityudanda dene ya atmahatya karane ke sthana vale sthandila hom to vaham mala – mutra visarjana na kare. Yadi aise sthandila ko jane, jaise ki bagicha, udyana, vana, vanakhanda, devakula, sabha ya pyau, athava anya isi prakara ka pavitra ya ramaniya sthana ho, to vaham vaha mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi aise kisi sthandila ko jane, jaise – kota ki atari hom, kile aura nagara ke bicha mem marga hom, dvara hom, nagara ke mukhya dvara hom, aise tatha anya isi prakara ke sarvajanika avagamana ke sthala hom, to aise sthandila mem mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jane, jaham tirahe hom, chauka hom, chauhatte ya chaurahe hom, chaturmukha sthana hom, aise tatha anya isi prakara ke sarvajanika janapatha hom, aise sthandila mem mala – mutra visarjana na kare. Aise sthandila ko jane, jaham lakariyam jalakara koyale banae jate hom, jo kashthadi jalakara rakha banane ke sthana hom, murde jalane ke sthana hom, mritaka ke stupa hom, mritaka ke chaitya hom, aisa tatha isi prakara ka koi sthandila ho, to vaham para mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jane, jo ki nadi tata para bane tirthasthana ho, pamkabahula ayatana ho, pavitra jalapravaha vale sthana hom, jalasimchana karane ke marga hom, aise tatha anya isi prakara ke jo sthandila hom, una para mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi aise sthandila ko jane, jo ki mitti ki nai khana hom, nai gochara bhumi hom, samanya gayom ke charagaha hom, khanem hom, athava anya usi prakara ka koi sthandila ho to usamem uchchara – prasravana ka visarjana na kare. Yadi aise sthandila ko jane, vaham dalapradhana, patrapradhana, muli, gajara adi ke kheta haim, hastamkura vanaspati vishesha ke kshetra haim, unamem tatha usi prakara ke sthandila mem mala – mutra visarjana na kare. Sadhu ya sadhvi yadi aise sthandila ko jane, jaham bijaka vriksha ka vana hai, patasana ka vana hai, dhataki vriksha ka vana hai, kevare ka upavana hai, amravana hai, ashokavana hai, nagavana hai, ya punnaga vrikshom ka vana hai, aise tatha anya usa prakara ke sthandila, jo patrom, pushpom, phalom, bijom ki hariyali se yukta hom, unamem mala – mutra visarjana na kare. |