Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000141 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Section : | उद्देशक-१ सम्यक्वाद | Translated Section : | उद्देशक-१ सम्यक्वाद |
Sutra Number : | 141 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जस्स नत्थि इमा णाई, अण्णा तस्स कओ सिया? दिट्ठं सुयं मयं विण्णायं, जमेयं परिकहिज्जइ। समेमाणा पलेमाणा, पुणो-पुनो जातिं पकप्पेंति। | ||
Sutra Meaning : | जिस मुमुक्षु में यह बुद्धि नहीं है, उससे अन्य (सावद्याम्भ) प्रवृत्ति कैसे होगी ? अथवा जिसमें सम्यक्त्व ज्ञाति नहीं है या अहिंसा बुद्धि नहीं है, उसमें दूसरी विवेक बुद्धि कैसे होगी ? यह जो (अहिंसा धर्म) कहा जा रहा है, वह इष्ट, श्रुत, मत और विशेष रूप से ज्ञात है। हिंसा में (गृद्धिपूर्वक) रचे – पचे रहने वाले और उसी में लीन रहने वाले मनुष्य बार – बार जन्म लेते रहते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jassa natthi ima nai, anna tassa kao siya? Dittham suyam mayam vinnayam, jameyam parikahijjai. Samemana palemana, puno-puno jatim pakappemti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jisa mumukshu mem yaha buddhi nahim hai, usase anya (savadyambha) pravritti kaise hogi\? Athava jisamem samyaktva jnyati nahim hai ya ahimsa buddhi nahim hai, usamem dusari viveka buddhi kaise hogi\? Yaha jo (ahimsa dharma) kaha ja raha hai, vaha ishta, shruta, mata aura vishesha rupa se jnyata hai. Himsa mem (griddhipurvaka) rache – pache rahane vale aura usi mem lina rahane vale manushya bara – bara janma lete rahate haim. |