Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000142 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Section : | उद्देशक-१ सम्यक्वाद | Translated Section : | उद्देशक-१ सम्यक्वाद |
Sutra Number : | 142 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] अहो य राओ य जयमाणे, वीरे सया आगयपण्णाणे। पमत्ते बहिया पास, अप्पमत्ते सया परक्कमेज्जासि। | ||
Sutra Meaning : | (मोक्षमार्ग में) अहर्निश यत्न करने वाले, सतत प्रज्ञावान्, धीर साधक ! उन्हें देख जो प्रमत्त हैं, (धर्म से) बाहर हैं। इसलिए तू अप्रमत्त होकर सदा (धर्म में) पराक्रम कर। ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] aho ya rao ya jayamane, vire saya agayapannane. Pamatte bahiya pasa, appamatte saya parakkamejjasi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (mokshamarga mem) aharnisha yatna karane vale, satata prajnyavan, dhira sadhaka ! Unhem dekha jo pramatta haim, (dharma se) bahara haim. Isalie tu apramatta hokara sada (dharma mem) parakrama kara. Aisa maim kahata hum. |