Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011795 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Translated Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Section : | 2. जीव द्रव्य (आत्मा) | Translated Section : | 2. जीव द्रव्य (आत्मा) |
Sutra Number : | 292 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | प्रवचनसार। २३; तुलना: आचारांग। ५.५ सूत्र ७ | ||
Mool Sutra : | आत्मा ज्ञानप्रमाणं, ज्ञानं ज्ञेयप्रमाणमुद्दिष्टम्। ज्ञेयं लोकालोकं, तस्माज्ज्ञानं तु सर्वगतम् ।। | ||
Sutra Meaning : | आत्मा ज्ञान प्रमाण है, ज्ञान ज्ञेय प्रमाण है, और ज्ञेय लोकालोक प्रमाण है। इसलिए ज्ञान सर्वगत है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Atma jnyanapramanam, jnyanam jnyeyapramanamuddishtam. Jnyeyam lokalokam, tasmajjnyanam tu sarvagatam\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Atma jnyana pramana hai, jnyana jnyeya pramana hai, aura jnyeya lokaloka pramana hai. Isalie jnyana sarvagata hai. |