Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011793 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Translated Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Section : | 2. जीव द्रव्य (आत्मा) | Translated Section : | 2. जीव द्रव्य (आत्मा) |
Sutra Number : | 290 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | समयसार । ४९; तुलना: आचारांग। ५.६ सूत्र ६ | ||
Mool Sutra : | अरसमरूपमगन्धमव्यक्तं चेतनागुणमशब्दम्। जानीहि अलिंगग्रहणं, जीवमनिर्दिष्टसंस्थानम् ।। | ||
Sutra Meaning : | [जीव द्रव्य इतना निर्विकल्प है कि नेति का आश्रय लिये बिना उसका कथन किसी प्रकार भी सम्भव नहीं है] वह अरस है, अरूप है, अगन्ध है, अव्यक्त है, अशब्द है तथा अनुमान ज्ञान का विषय न होने से मन-वाणी के अगोचर है। वह न तिकोन है, न चौकोर आदि अन्य किसी संस्थान वाला। (वह अबद्ध है, अस्पृष्ट है, अनन्य व अविशेष है।) चेतना मात्र ही उसका निज स्वरूप है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Arasamarupamagandhamavyaktam chetanagunamashabdam. Janihi alimgagrahanam, jivamanirdishtasamsthanam\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | [jiva dravya itana nirvikalpa hai ki neti ka ashraya liye bina usaka kathana kisi prakara bhi sambhava nahim hai] vaha arasa hai, arupa hai, agandha hai, avyakta hai, ashabda hai tatha anumana jnyana ka vishaya na hone se mana-vani ke agochara hai. Vaha na tikona hai, na chaukora adi anya kisi samsthana vala. (vaha abaddha hai, asprishta hai, ananya va avishesha hai.) chetana matra hi usaka nija svarupa hai. |