[सूत्र] जे भिक्खू इत्तरियंपि उवहिं न पडिलेहेति, न पडिलेहंतं वा सातिज्जति–
तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं उग्घातियं।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी अल्प या कम मात्रा में भी उपधिवस्त्र का पड़िलेहण न करे, न करवाए या न करनेवाले की अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त।
यहाँ दूसरे में जो दोष बताए उसमें से किसी भी दोष खुद सेवन करे, करवाए या अनुमोदना करे तो उसे ‘मासियं परिहारठाणं उग्घातियं’ प्रायश्चित्त आए जिसके लिए लघुमासिक प्रायश्चित्त शब्द भी योजित हुआ है।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu ittariyampi uvahim na padileheti, na padilehamtam va satijjati–
Tam sevamane avajjai masiyam pariharatthanam ugghatiyam.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi alpa ya kama matra mem bhi upadhivastra ka parilehana na kare, na karavae ya na karanevale ki anumodana kare to prayashchitta.
Yaham dusare mem jo dosha batae usamem se kisi bhi dosha khuda sevana kare, karavae ya anumodana kare to use ‘masiyam pariharathanam ugghatiyam’ prayashchitta ae jisake lie laghumasika prayashchitta shabda bhi yojita hua hai.