[सूत्र] जे भिक्खू अंगादानं अन्नयरंसि अचित्तंसि सोयंसि अनुप्पवेसेत्ता सुक्कपोग्गले निग्घाएति, निग्घायंतं वा सातिज्जति।
Sutra Meaning :
जो साधु जननेन्द्रिय को अन्य किसी योग्य स्रोत यानि वलय आदि छिद्र में प्रवेश करवाके शुक्र पुद्गल बाहर नीकाले, साध्वी अपने गुप्तांग में कदली फल आदि चीजे प्रवेश करवाके रज – पुद्गल बाहर नीकाले उस तरह से निर्घातन करे – करवाए या करनेवाले की अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu amgadanam annayaramsi achittamsi soyamsi anuppavesetta sukkapoggale nigghaeti, nigghayamtam va satijjati.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu jananendriya ko anya kisi yogya srota yani valaya adi chhidra mem pravesha karavake shukra pudgala bahara nikale, sadhvi apane guptamga mem kadali phala adi chije pravesha karavake raja – pudgala bahara nikale usa taraha se nirghatana kare – karavae ya karanevale ki anumodana kare to prayashchitta.