Sutra Navigation: Tandulvaicharika ( तंदुल वैचारिक )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1009219 | ||
Scripture Name( English ): | Tandulvaicharika | Translated Scripture Name : | तंदुल वैचारिक |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
जीवस्यदशदशा |
Translated Chapter : |
जीवस्यदशदशा |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 19 | Category : | Painna-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] तो पढमे मासे करिसूणं पलं जायइ १। बीए मासे पेसी संजायए घना २। तईए मासे माऊए डोहलं जणइ ३। चउत्थे मासे माऊए अंगाइं पीणेइ ४। पंचमे मासे पंच पिंडियाओ पाणिं पायं सिरं चेव निव्वत्तेइ ५। छट्ठे मासे पित्तसोणियं उवचिणेइ – अंगोवंगं च नव्वत्तेइ – ६। सत्तमे मासे सत्त सिरासयाइं पंच पेसीसयाइं नव धमणीओ नवनउयं च रोमकूवसयसहस्साइं ९९००००० निव्वत्तेइ विणा केस-मंसुणा, सह केस-मंसुणा अद्धुट्ठाओ रोमकूवकोडीओ निव्वत्तेइ ३५००००००, ७। अट्ठमे मासे वित्तीकप्पो हवइ ८। | ||
Sutra Meaning : | उस के बाद पहले मास में वो फूले हुए माँस जैसा, दूसरे महिनेमें माँसपिंड़ जैसा घनीभूत होता है। तीसरे महिनेमें वो माता को ईच्छा उत्पन्न करवाता है। चौथे महिनेमें माता के स्तन को पुष्ट करता है। पाँचवे महिनेमें हाथ, पाँव, सर यह पाँच अंग तैयार होते हैं। छठ्ठे महिनेमें पित्त और लहू का निर्माण होता है। और फिर बाकी अंग – उपांग बनते हैं। सातवें महिनेमें ७०० नस, ५०० माँस – पेशी, नौ धमनी और सिर एवं मुँह के अलावा बाकी बाल के ९९ लाख रोमछिद्र बनते हैं। सिर और दाढ़ी के बाल सहित साढे तीन करोड़ रोमकूप उत्पन्न होते हैं। आठवें महिने में प्रायः पूर्णता प्राप्त करता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] to padhame mase karisunam palam jayai 1. Bie mase pesi samjayae ghana 2. Taie mase maue dohalam janai 3. Chautthe mase maue amgaim pinei 4. Pamchame mase pamcha pimdiyao panim payam siram cheva nivvattei 5. Chhatthe mase pittasoniyam uvachinei – amgovamgam cha navvattei – 6. Sattame mase satta sirasayaim pamcha pesisayaim nava dhamanio navanauyam cha romakuvasayasahassaim 9900000 nivvattei vina kesa-mamsuna, saha kesa-mamsuna addhutthao romakuvakodio nivvattei 35000000, 7. Atthame mase vittikappo havai 8. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Usa ke bada pahale masa mem vo phule hue mamsa jaisa, dusare mahinemem mamsapimra jaisa ghanibhuta hota hai. Tisare mahinemem vo mata ko ichchha utpanna karavata hai. Chauthe mahinemem mata ke stana ko pushta karata hai. Pamchave mahinemem hatha, pamva, sara yaha pamcha amga taiyara hote haim. Chhaththe mahinemem pitta aura lahu ka nirmana hota hai. Aura phira baki amga – upamga banate haim. Satavem mahinemem 700 nasa, 500 mamsa – peshi, nau dhamani aura sira evam mumha ke alava baki bala ke 99 lakha romachhidra banate haim. Sira aura darhi ke bala sahita sadhe tina karora romakupa utpanna hote haim. Athavem mahine mem prayah purnata prapta karata hai. |