Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )

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Sr No : 1006759
Scripture Name( English ): Pragnapana Translated Scripture Name : प्रज्ञापना उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

पद-१७ लेश्या

Translated Chapter :

पद-१७ लेश्या

Section : उद्देशक-३ Translated Section : उद्देशक-३
Sutra Number : 459 Category : Upang-04
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] नेरइए णं भंते! नेरइएसु उववज्जति? अनेरइए नेरइएसु उववज्जति? गोयमा! नेरइए नेरइएसु उववज्जइ, नो अनेरइए नेरइएसु उववज्जति। एवं जाव वेमानिए। नेरइए णं भंते! नेरइएहिंतो उव्वट्टति? अनेरइए नेरइएहिंतो उव्वट्टति? गोयमा! अनेरइए नेरइएहिंतो उव्वट्टति नो नेरइए नेरइएहिंतो उव्वट्टति। एवं जाव वेमाणिए, नवरं–जोतिसिय वेमानिएसु चयणं ति अभिलावो कायव्वो। से नूनं भंते! कण्हलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नेरइएसु उववज्जति? कण्हलेसे उव्वट्टति? जल्लेस्से तल्लेसे उव्वट्टति? हंता गोयमा! कण्हलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नेरइएसु उववज्जति, कण्हलेसे उव्वट्टति, जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति एवं नीललेसे वि काउलेसे वि। एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा वि, नवरं–तेउलेस्सा अब्भहिया। से नूनं भंते! कण्हलेसे पुढविक्काइए कण्हलेस्सेसु पुढविक्काइएसु उववज्जति? कण्हलेस्से उव्वट्टति? जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति? हंता गोयमा! कण्हलेस्से पुढविक्काइए कण्ह-लेस्सेसु पुढविक्काइएसु उववज्जति; सिय कण्हलेस्से उव्वट्टति, सिय नीललेसे उव्वट्टति, सिय काउलेसे उव्वट्टति; सिय जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति। एवं नीलकाउलेस्सासु वि। से नूनं भंते! तेउलेस्से पुढविक्काइए तेउलेस्सेसु पुढविक्काइएसु उववज्जइ? पुच्छा। हंता गोयमा! तेउलेसे पुढविकाइए तेउलेसेसु पुढविक्काइएसु उववज्जति; सिय कण्हलेसे उव्वट्टति, सिय नीललेसे उव्वट्टति, सिय काउलेसे उव्वट्टति; तेउलेसे उववज्जति, नो चेव णं तेउलेस्से उव्वट्टति। एवं आउक्काइय-वणप्फइकाइया वि। तेऊ वाऊ एवं चेव, नवरं–एतेसिं तेउलेस्सा नत्थि। बितिय-चउरिंदिया एवं चेव तिसु लेसासु। पंचेंदियतिरिक्खजोणिया मनूसा य जहा पुढविक्काइया आदिल्लियासु तिसु लेस्सासु भणिया तहा छसु वि लेसासु भाणियव्वा, नवरं–छप्पि लेसाओ चारियव्वाओ। वाणमंतरा जहा असुरकुमारा। से नूनं भंते! तेउलेसे जोइसिए तेउलेसेसु जोइसिएसु उववज्जति? जहेव असुरकुमारा। एवं वेमानिया वि, नवरं दोण्ह वि चयंतीति अभिलावो। से नूनं भंते! कण्हलेस्से नीललेस्से काउलेस्से नेरइए कण्हलेस्सेसु नीललेस्सेसु काउलेस्सेसु नेरइएसु उववज्जति? कण्हलेस्से नीललेस्से काउलेस्से उव्वट्टति? जल्लेस्से उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति? हंता गोयमा! कण्हलेस्स नीललेस्स काउलेस्सेसु उववज्जति, जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति। से नूनं भंते! कण्हलेस्से जाव तेउलेस्से असुरकुमारे कण्हलेस्सेसु जाव तेउलेस्सेसु असुरकुमारेसु उववज्जति? एवं जहेव नेरइए तहा असुरकुमारे वि जाव थणियकुमारे वि। से नूनं भंते! कण्हलेस्से जाव तेउलेस्से पुढविकाइए कण्हलेस्सेसु जाव तेउलेस्सेसु पुढवि-क्काइएसु उववज्जति? एवं पुच्छा जहा असुरकुमाराणं। हंता गोयमा! कण्हलेस्से जाव तेउलेस्से पुढविक्काइए कण्हलेस्सेसु जाव तेउलेस्सेसु पुढविक्काइएसु उववज्जति; सिय कण्हलेस्से उव्वट्टति सिय नीललेसे सिय काउलेस्से उव्वट्टति, सिय जल्लेस्से उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति, तेउलेसे उववज्जति, नो चेव णं तेउलेस्से उव्वट्टति। एवं आउक्काइय-वणप्फइकाइया वि भाणियव्वा। से नूनं भंते! कण्हलेस्से नीललेस्से काउलेस्से तेउक्काइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु तेउक्काइएसु उववज्जति? कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे उव्वट्टति? जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति? हंता गोयमा! कण्हलेस्से नीललेस्से काउलेस्से तेउक्काइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु तेउक्काइएसु उववज्जति; सिय कण्हलेसे उव्वट्टति, सिय नीललेसे सिय काउलेस्से उव्वट्टति; सिय जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्वट्टति। एवं वाउक्काइया बेइंदिय तेइंदिय चउरिंदिया वि भाणियव्वा। से नूनं भंते! कण्हलेसे जाव सुक्कलेसे पंचेंदियतिरिक्खजोणिए कण्हलेसेसु जाव सुक्क-लेसेसु पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जति? पुच्छा। हंता गोयमा! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से पंचेंदियतिरिक्खजोणिए कण्हलेस्सेसु जाव सुक्कलेसेसु पंचें-दियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जति; सिय कण्हलेस्से उव्वट्टति जाव सिय सुक्कलेस्से उव्वट्टति, सिय जल्लेसे उववज्जति तल्लेसे उव्व-ट्टति। एवं मनूसे वि। वाणमंतरे जहा असुरकुमारे। जोइसिय-वेमाणिए वि एवं चेव, नवरं–जस्स जल्लेसा। दोण्ह वि चयणं ति भाणियव्वं।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! नारक नारकों में उत्पन्न होता है, अथवा अनारक नारकों में उत्पन्न होता है ? गौतम ! नारक ही नारकों में उत्पन्न होता है। इसी प्रकार यावत्‌ वैमानिकों को कहना। भगवन्‌ ! नारक नारकों से उद्वर्त्तन करता है, अथवा अनारक नारकों से उद्वर्त्तन करता है ? गौतम ! अनारक ही नारकों से उद्वर्त्तन करता है। इसी प्रकार वैमानिकों तक कहना। विशेष यह कि ज्योतिष्कों और वैमानिकों के विषय में ‘च्यवन’ शब्दप्रयोग करना। भगवन्‌ ! क्या कृष्णलेश्यी नारक कृष्णलेश्यी नारकों में ही उत्पन्न होता है ? कृष्णलेश्यी (नारकों में से) उद्‌वृत्त होता है ? हाँ, गौतम ! ऐसा ही है। इसी प्रकार नीललेश्यी और कापोतलेश्यी में भी समझना। असुरकुमारों से लेकर स्तनितकुमारों तक भी इसी प्रकार कहना। विशेषता यह कि इनके सम्बन्ध में तेजोलेश्या का भी कथन करना। भगवन्‌ ! क्या कृष्णलेश्यी पृथ्वीकायिक कृष्णलेश्यी पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होता है ? तथा क्या कृष्ण – लेश्यी हो कर उद्वर्त्तन करता है ? हाँ, गौतम ! ऐसा ही है। (किन्तु) उद्वर्त्तन कदाचित्‌ कृष्णलेश्यी, कदाचित्‌ नील – लेश्यी और कदाचित्‌ कापोतलेश्यी होकर करता है। इसी प्रकार नीललेश्यी और कापोतलेश्यी में भी जानना। भगवन्‌ ! तेजोलेश्यी पृथ्वीकायिक क्या तेजोलेश्यी पृथ्वीकायिकों में ही उत्पन्न होता है ? तेजोलेश्यी हो कर ही उद्वर्त्तन करता है? हाँ, गौतम ! उत्पन्न होता है, (किन्तु) उद्वर्त्तन कदाचित्‌ कृष्णलेश्यी, कदाचित्‌ नीललेश्यी और कदाचित्‌ कापोतलेश्यी होकर करता है। अप्कायिकों और वनस्पतिकायिकों को भी इसी प्रकार समझना। तेजस्कायिकों और वायुकायिकों भी इसी प्रकार है विशेषता यह कि इनमें तेजोलेश्या नहीं होती। विकलेन्द्रियों को भी इसी प्रकार जानना। पंचेन्द्रिय – तिर्यंचयोनिकों और मनुष्यों का कथन भी पृथ्वीकायिकों के समान है। विशेषता यही है कि पूर्वोक्त तीन लेश्या के बदले यहाँ छहों लेश्याओं का कथन कहना। वाणव्यन्तर देवों को असुरकुमारों के समान जानना। भगवन्‌ ! क्या तेजोलेश्यी ज्योतिष्क देव तेजोलेश्यी ज्योतिष्क देवों में उत्पन्न होता है ? असुरकुमारों समान ही ज्योतिष्कों में समझना। इसी प्रकार वैमानिक देवों में भी कहना। विशेषता यह कि ‘च्यवन करते हैं’ ऐसा कहना। भगवन्‌ ! कृष्णलेश्यी यावत्‌ कापोतलेश्यी नैरयिक क्या क्रमशः उसी लेश्यावाले नैरयिकों में उत्पन्न होता है? क्या वह वहीं लेश्यावाला होकर ही उद्वर्त्तन करता है ? हाँ, गौतम ! ऐसा ही है। भगवन्‌ ! क्या कृष्णलेश्यी यावत्‌ तेजोलेश्यी असुरकुमार (क्रमशः) कृष्णलेश्यी यावत्‌ तेजोलेश्यी असुरकुमारों में उत्पन्न होता है ? हाँ, गौतम ! पूर्ववत्‌ ही असुरकुमार के विषय में भी यावत्‌ स्तनितकुमार कहना। भगवन्‌ ! कृष्णलेश्यी यावत्‌ तेजोलेश्यी पृथ्वी – कायिक, क्या (क्रमशः) कृष्णलेश्यी यावत्‌ तेजोलेश्यी पृथ्वीकायिकों में उत्पन्न होता है ? उसी लेश्या से युक्त होकर उद्‌वृत्त होता है ? हाँ गौतम ! उत्पन्न होता है, किन्तु कदाचित्‌ कृष्णलेश्यी, कदाचित्‌ नीललेश्यी तथा कदाचित्‌ कापोतलेश्यी होकर उद्वर्त्तन करता है, कदाचित्‌ जिस लेश्या वाला होकर उत्पन्न होता है, उसी लेश्या वाला होकर उद्वर्त्तन करता है। विशेष यह कि तेजोलेश्यी होकर उत्पन्न तो होता है, किन्तु तेजोलेश्यी होकर उद्‌वृत्त नहीं होता। अप्कायिकों और वनस्पतिकायिकों में भी इसी प्रकार कहना। भगवन्‌ ! क्या कृष्णलेश्यी, यावत्‌ कापोतलेश्यी तेजस्कायिक, (क्रमशः) उसी लेश्यावाले तेजस्कायिकों में ही उत्पन्न होता है ? तथा क्या वह (क्रमशः) उसी लेश्यावाला होकर ही उद्वृत्त होता है ? हाँ, गौतम ! उत्पन्न होता है, किन्तु कदाचित्‌ कृष्णलेश्यी, कदाचित्‌ नीललेश्यी, कदाचित्‌ कापोतलेश्यी होकर उद्वर्त्तन करता है। इसी प्रकार वायुकायिक, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय जीवों में कहना। भगवन्‌ ! क्या कृष्णलेश्यी यावत्‌ शुक्ललेश्यी पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक (क्रमशः) उसी लेश्यावाले पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होता है ? और क्या उसी लेश्या से युक्त होकर (मरण) करता है ? हाँ, गौतम ! उत्पन्न होता है, किन्तु उद्वर्त्तन कदाचित्‌ कृष्णलेश्यी यावत्‌ कदाचित्‌ शुक्ललेश्यी होकर करता है। मनुष्य को भी इसी प्रकार समझना। वाणव्यन्तर देवको असुरकुमारकी तरह समझना। ज्योतिष्क और वैमानिक देव को भी इसी प्रकार समझना। विशेष यह कि जिसमें जितनी लेश्याएं हों, उतनी लेश्याओं का कथन करना तथा ‘च्यवन’ शब्द कहना।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] neraie nam bhamte! Neraiesu uvavajjati? Aneraie neraiesu uvavajjati? Goyama! Neraie neraiesu uvavajjai, no aneraie neraiesu uvavajjati. Evam java vemanie. Neraie nam bhamte! Neraiehimto uvvattati? Aneraie neraiehimto uvvattati? Goyama! Aneraie neraiehimto uvvattati no neraie neraiehimto uvvattati. Evam java vemanie, navaram–jotisiya vemaniesu chayanam ti abhilavo kayavvo. Se nunam bhamte! Kanhalese neraie kanhalesesu neraiesu uvavajjati? Kanhalese uvvattati? Jallesse tallese uvvattati? Hamta goyama! Kanhalese neraie kanhalesesu neraiesu uvavajjati, kanhalese uvvattati, jallese uvavajjati tallese uvvattati evam nilalese vi kaulese vi. Evam asurakumara vi java thaniyakumara vi, navaram–teulessa abbhahiya. Se nunam bhamte! Kanhalese pudhavikkaie kanhalessesu pudhavikkaiesu uvavajjati? Kanhalesse uvvattati? Jallese uvavajjati tallese uvvattati? Hamta goyama! Kanhalesse pudhavikkaie kanha-lessesu pudhavikkaiesu uvavajjati; siya kanhalesse uvvattati, siya nilalese uvvattati, siya kaulese uvvattati; siya jallese uvavajjati tallese uvvattati. Evam nilakaulessasu vi. Se nunam bhamte! Teulesse pudhavikkaie teulessesu pudhavikkaiesu uvavajjai? Puchchha. Hamta goyama! Teulese pudhavikaie teulesesu pudhavikkaiesu uvavajjati; siya kanhalese uvvattati, siya nilalese uvvattati, siya kaulese uvvattati; teulese uvavajjati, no cheva nam teulesse uvvattati. Evam aukkaiya-vanapphaikaiya vi. Teu vau evam cheva, navaram–etesim teulessa natthi. Bitiya-chaurimdiya evam cheva tisu lesasu. Pamchemdiyatirikkhajoniya manusa ya jaha pudhavikkaiya adilliyasu tisu lessasu bhaniya taha chhasu vi lesasu bhaniyavva, navaram–chhappi lesao chariyavvao. Vanamamtara jaha asurakumara. Se nunam bhamte! Teulese joisie teulesesu joisiesu uvavajjati? Jaheva asurakumara. Evam vemaniya vi, navaram donha vi chayamtiti abhilavo. Se nunam bhamte! Kanhalesse nilalesse kaulesse neraie kanhalessesu nilalessesu kaulessesu neraiesu uvavajjati? Kanhalesse nilalesse kaulesse uvvattati? Jallesse uvavajjati tallese uvvattati? Hamta goyama! Kanhalessa nilalessa kaulessesu uvavajjati, jallese uvavajjati tallese uvvattati. Se nunam bhamte! Kanhalesse java teulesse asurakumare kanhalessesu java teulessesu asurakumaresu uvavajjati? Evam jaheva neraie taha asurakumare vi java thaniyakumare vi. Se nunam bhamte! Kanhalesse java teulesse pudhavikaie kanhalessesu java teulessesu pudhavi-kkaiesu uvavajjati? Evam puchchha jaha asurakumaranam. Hamta goyama! Kanhalesse java teulesse pudhavikkaie kanhalessesu java teulessesu pudhavikkaiesu uvavajjati; siya kanhalesse uvvattati siya nilalese siya kaulesse uvvattati, siya jallesse uvavajjati tallese uvvattati, teulese uvavajjati, no cheva nam teulesse uvvattati. Evam aukkaiya-vanapphaikaiya vi bhaniyavva. Se nunam bhamte! Kanhalesse nilalesse kaulesse teukkaie kanhalesesu nilalesesu kaulesesu teukkaiesu uvavajjati? Kanhalese nilalese kaulese uvvattati? Jallese uvavajjati tallese uvvattati? Hamta goyama! Kanhalesse nilalesse kaulesse teukkaie kanhalesesu nilalesesu kaulesesu teukkaiesu uvavajjati; siya kanhalese uvvattati, siya nilalese siya kaulesse uvvattati; siya jallese uvavajjati tallese uvvattati. Evam vaukkaiya beimdiya teimdiya chaurimdiya vi bhaniyavva. Se nunam bhamte! Kanhalese java sukkalese pamchemdiyatirikkhajonie kanhalesesu java sukka-lesesu pamchemdiyatirikkhajoniesu uvavajjati? Puchchha. Hamta goyama! Kanhalesse java sukkalesse pamchemdiyatirikkhajonie kanhalessesu java sukkalesesu pamchem-diyatirikkhajoniesu uvavajjati; siya kanhalesse uvvattati java siya sukkalesse uvvattati, siya jallese uvavajjati tallese uvva-ttati. Evam manuse vi. Vanamamtare jaha asurakumare. Joisiya-vemanie vi evam cheva, navaram–jassa jallesa. Donha vi chayanam ti bhaniyavvam.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Naraka narakom mem utpanna hota hai, athava anaraka narakom mem utpanna hota hai\? Gautama ! Naraka hi narakom mem utpanna hota hai. Isi prakara yavat vaimanikom ko kahana. Bhagavan ! Naraka narakom se udvarttana karata hai, athava anaraka narakom se udvarttana karata hai\? Gautama ! Anaraka hi narakom se udvarttana karata hai. Isi prakara vaimanikom taka kahana. Vishesha yaha ki jyotishkom aura vaimanikom ke vishaya mem ‘chyavana’ shabdaprayoga karana. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi naraka krishnaleshyi narakom mem hi utpanna hota hai\? Krishnaleshyi (narakom mem se) udvritta hota hai\? Ham, gautama ! Aisa hi hai. Isi prakara nilaleshyi aura kapotaleshyi mem bhi samajhana. Asurakumarom se lekara stanitakumarom taka bhi isi prakara kahana. Visheshata yaha ki inake sambandha mem tejoleshya ka bhi kathana karana. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi prithvikayika krishnaleshyi prithvikayikom mem utpanna hota hai\? Tatha kya krishna – leshyi ho kara udvarttana karata hai\? Ham, gautama ! Aisa hi hai. (kintu) udvarttana kadachit krishnaleshyi, kadachit nila – leshyi aura kadachit kapotaleshyi hokara karata hai. Isi prakara nilaleshyi aura kapotaleshyi mem bhi janana. Bhagavan ! Tejoleshyi prithvikayika kya tejoleshyi prithvikayikom mem hi utpanna hota hai\? Tejoleshyi ho kara hi udvarttana karata hai? Ham, gautama ! Utpanna hota hai, (kintu) udvarttana kadachit krishnaleshyi, kadachit nilaleshyi aura kadachit kapotaleshyi hokara karata hai. Apkayikom aura vanaspatikayikom ko bhi isi prakara samajhana. Tejaskayikom aura vayukayikom bhi isi prakara hai visheshata yaha ki inamem tejoleshya nahim hoti. Vikalendriyom ko bhi isi prakara janana. Pamchendriya – tiryamchayonikom aura manushyom ka kathana bhi prithvikayikom ke samana hai. Visheshata yahi hai ki purvokta tina leshya ke badale yaham chhahom leshyaom ka kathana kahana. Vanavyantara devom ko asurakumarom ke samana janana. Bhagavan ! Kya tejoleshyi jyotishka deva tejoleshyi jyotishka devom mem utpanna hota hai\? Asurakumarom samana hi jyotishkom mem samajhana. Isi prakara vaimanika devom mem bhi kahana. Visheshata yaha ki ‘chyavana karate haim’ aisa kahana. Bhagavan ! Krishnaleshyi yavat kapotaleshyi nairayika kya kramashah usi leshyavale nairayikom mem utpanna hota hai? Kya vaha vahim leshyavala hokara hi udvarttana karata hai\? Ham, gautama ! Aisa hi hai. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi yavat tejoleshyi asurakumara (kramashah) krishnaleshyi yavat tejoleshyi asurakumarom mem utpanna hota hai\? Ham, gautama ! Purvavat hi asurakumara ke vishaya mem bhi yavat stanitakumara kahana. Bhagavan ! Krishnaleshyi yavat tejoleshyi prithvi – kayika, kya (kramashah) krishnaleshyi yavat tejoleshyi prithvikayikom mem utpanna hota hai\? Usi leshya se yukta hokara udvritta hota hai\? Ham gautama ! Utpanna hota hai, kintu kadachit krishnaleshyi, kadachit nilaleshyi tatha kadachit kapotaleshyi hokara udvarttana karata hai, kadachit jisa leshya vala hokara utpanna hota hai, usi leshya vala hokara udvarttana karata hai. Vishesha yaha ki tejoleshyi hokara utpanna to hota hai, kintu tejoleshyi hokara udvritta nahim hota. Apkayikom aura vanaspatikayikom mem bhi isi prakara kahana. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi, yavat kapotaleshyi tejaskayika, (kramashah) usi leshyavale tejaskayikom mem hi utpanna hota hai\? Tatha kya vaha (kramashah) usi leshyavala hokara hi udvritta hota hai\? Ham, gautama ! Utpanna hota hai, kintu kadachit krishnaleshyi, kadachit nilaleshyi, kadachit kapotaleshyi hokara udvarttana karata hai. Isi prakara vayukayika, dvindriya, trindriya aura chaturindriya jivom mem kahana. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi yavat shuklaleshyi pamchendriyatiryamchayonika (kramashah) usi leshyavale pamchendriya tiryamchayonikom mem utpanna hota hai\? Aura kya usi leshya se yukta hokara (marana) karata hai\? Ham, gautama ! Utpanna hota hai, kintu udvarttana kadachit krishnaleshyi yavat kadachit shuklaleshyi hokara karata hai. Manushya ko bhi isi prakara samajhana. Vanavyantara devako asurakumaraki taraha samajhana. Jyotishka aura vaimanika deva ko bhi isi prakara samajhana. Vishesha yaha ki jisamem jitani leshyaem hom, utani leshyaom ka kathana karana tatha ‘chyavana’ shabda kahana.