Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006672 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-१० चरिम |
Translated Chapter : |
पद-१० चरिम |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 372 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कति णं भंते! संठाणा पन्नत्ता? गोयमा! पंच संठाणा पन्नत्ता, तं जहा–परिमंडले वट्टे तंसे चउरंसे आयते। परिमंडला णं भंते! संठाणा किं संखेज्जा असंखेज्जा अनंता? गोयमा! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता। एवं जाव आयता। परिमंडले णं भंते! संठाणे किं संखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसिए अनंतपएसिए? गोयमा! सिय संखेज्जपएसिए सिय असंखेज्जपदेसिए सिय अनंतपदेसिए। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे संखेज्जपदेसिए किं संखेज्जपदेसोगाढे असंखेज्जपएसोगाढे अनंतपएसोगाढे? गोयमा! संखेज्जपएसोगाढे, नो असंखेज्जपएसोगाढे नो अनंतपएसोगाढे। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेज्जपदेसिए किं संखेज्जपदेसोगाढे असंखेज्जपदेसोगाढे अनंतपएसोगाढे? गोयमा! सिय संखेज्जपएसोगाढे सिय असंखेज्जपदेसोगाढे नो अनंतपदेसोगाढे। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे अनंतपएसिए किं संखेज्जपएसोगाढे असंखेज्जपएसोगाढे अनंतपएसोगाढे? गोयमा! सिय संखेज्जपएसोगाढे सिय असंखेज्जपएसोगाढे, नो अनंतपएसोगाढे। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे संखेज्जपदेसिए संखेज्जपएसोगाढे किं चरिमे अचरिमे चरिमाइं अचरिमाइं चरिमंतपदेसा अचरिमंतपदेसा? गोयमा! परिमंडले णं संठाणे संखेज्जपदेसिए संखेज्जपदेसोगाढे नो चरिमे नो अचरिमे नो चरिमाइं नो अचरिमाइं नो चरिमंतपदेसा नो अचरिमंत-पएसा, नियमा अचरिमं च चरिमाणि य चरिमंतपदेसा य अचरिमंतपदेसा य। एवं जाव आयते परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेज्जपएसिए संखेज्जपदेसोगाढे किं चरिमे पुच्छा। गोयमा! असंखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे जहा संखेज्जपएसिए। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेज्जपदेसिए असंखेज्जपएसोगाढे किं चरिमे पुच्छा। गोयमा! असंखेज्जपदेसिए असंखेज्जपदेसोगाढे नो चरिमे जहा संखेज्जपदेसोगाढे। एवं जाव आयते। परिमंडले णं भंते! संठाणे अनंतपएसिए संखेज्जपएसोगाढे किं चरिमे पुच्छा। गोयमा! तहेव जाव आयते। अनंतपदेसिए असंखेज्जपदेसोगाढे जहा संखेज्जपदेसोगाढे। एवं जाव आयते। परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स संखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरिमंतपदेसाण य अचरिमंतपदेसाण य दव्वट्ठयाए पदेसट्ठयाए दव्वट्ठपदेसट्ठयाए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपदेसियस्स संखेज्जपदेसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरिमे १ चरिमाइं संखे-ज्जगुणाइं २ अचरिमं च चरिमाणि य दो वि विसेसाहियाइं ३। पदेसट्ठयाए सव्वत्थोवा परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपदेसियस्स संखेज्जपदेसोगाढस्स चरिमंतपदेसा १ अचरिमंतपदेसा संखेज्जगुणा २ चरिमंतपदेसा य अचरिमंतपदेसा य दो वि विसेसाहिया ३। दव्वट्ठ-पदेसट्ठयाए सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपदेसियस्स संखेज्जपदेसोगाढस्स एगे अचरिमे १ चरिमाइं संखेज्जगुणाइं २ अचरिमं च चरिमाणि य दो वि विसेसाहियाइं ३ चरिमंतपदेसा संखेज्जगुणा ४ अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा ५ चरिमंतपदेसा य अचरिमंतपदेसा य दो वि विसेसाहिया ६। एवं वट्ट-तंस-चउरंस-आयएसु वि जोएयव्वं। परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स असंखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरिमंतपएसाण य अचरिमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठ-पएसट्ठयाए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स असंखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरिमे १ चरिमाइं संखेज्जगुणाइं २ अचरिमं च चरिमाणि य दो वि विसेसाहियाइं ३। पदेसट्ठयाए सव्वत्थोवा परिमंडलस्स संठाणस्स असंखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स चरिमंतपएसा १ अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा २ चरिमंतपएसा य अचरिमंतपएसा य दो वि विसेसाहिया ३। दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स असंखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरिमे १ चरिमाइं संखेज्जगुणाइं २ अचरिमं च चरिमाणि य दो वि विसेसाहियाइं ३ चरिमंतपएसा संखेज्जगुणा ४ अचरिमंतपएसा संखेज्ज-गुणा ५ चरिमंतपएसा य अचरिमंतपएसा य दो वि विसेसाहिया ६। एवं जाव आयते। परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स असंखेज्जपदेसियस्स असंखेज्जपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरिमंतपएसाण य अचरिमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! जहा रयणप्पभाए अप्पाबहुयं तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं। एवं जाव आयते। परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स अनंतपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरिमंतपएसाण य अचरिमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठ-पएसट्ठयाए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! जहा संखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स, नवरं–संकमे अनंतगुणा। एवं जाव आयते। परिमंडलस्स णं भंते! संठाणस्स अनंतपएसियस्स असंखेज्जपएसोगाढस्स अचरिमस्स य चरिमाण य चरिमंतपएसाण य अचरिमंतपएसाण य जहा रयणप्पभाए, नवरं–संकमे अनंतगुणा। एवं जाव आयते। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! संस्थान कितने कहे गए हैं ? गौतम ! पाँच – परिमण्डल, वृत्त, त्र्यस्र, चतुरस्र और आयत। भगवन् ! परिमण्डलसंस्थान संख्यात हैं, असंख्यात हैं अथवा अनन्त हैं ? गौतम ! अनन्त हैं। इसी प्रकार यावत् आयत तक समझना। भगवन् ! परिमण्डलसंस्थान संख्यातप्रदेशी है, असंख्यातप्रदेशी है अथवा अनन्तप्रदेशी है ? गौतम ! कदाचित् संख्यातप्रदेशी, कदाचित् असंख्यातप्रदेशी और कदाचित् अनन्तप्रदेशी है। इसी प्रकार आयत तक समझना भगवन् ! संख्यातप्रदेशी परिमण्डलसंस्थान संख्यातप्रदेशों में, असंख्यात प्रदेशों में अथवा अनन्त प्रदेशों में अवगाढ़ होता है ? गौतम ! केवल संख्यात प्रदेशों में अवगाढ़ होता है। इसी प्रकार आयतसंस्थान तक समझना। भगवन् ! असंख्यातप्रदेशी परिमण्डलसंस्थान संख्यात प्रदेशों में, असंख्यात प्रदेशों में अथवा अनन्त प्रदेशों में अवगाढ़ होता है ? गौतम ! कदाचित् संख्यात प्रदेशों में अवगाढ़ होता है और कदाचित् असंख्यात प्रदेशों में अवगाढ़ होता है। इसी प्रकार आयत संस्थान तक कहना। भगवन् ! अनन्तप्रदेशी परिमण्डलसंस्थान संख्यात प्रदेशों में, असंख्यात प्रदेशों में अथवा अनन्त प्रदेशों में अवगाढ़ होता है ? गौतम ! कदाचित् संख्यात प्रदेशों में अवगाढ़ होता है और कदाचित् असंख्यात प्रदेशों में अवगाढ़ होता है। इसी प्रकार आयतसंस्थान तक समझना। भगवन् ! संख्यातप्रदेशी एवं संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान चरम है, अचरम है, अनेक चरमरूप है, अनेक अचरमरूप है, चरमान्तप्रदेश है अथवा अचरमान्तप्रदेश है ? गौतम ! वह नियम से अचरम, अनेक चरम रूप, चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश है। इसी प्रकार आयतसंस्थान तक कहना। भगवन् ! असंख्यातप्रदेशी और संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान में पूर्ववत् प्रश्न – गौतम ! संख्यातप्रदेशी के समान ही समझना। इसी प्रकार यावत् आयतसंस्थान तक समझना। भगवन् ! असंख्यातप्रदेशी एवं असंख्यातप्रदेशों में अवगाढ़ परिमण्डल संस्थान में पूर्ववत् प्रश्न – गौतम ! संख्यातप्रदेशावगाढ़ की तरह समझना। इसी प्रकार यावत् आयतसंस्थान तक कहना। भगवन् ! अनन्तप्रदेशी और संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान ? गौतम ! संख्यातप्रदेशी संख्यात – प्रदेशावगाढ़ के समान यावत् आयतसंस्थान पर्यन्त समझना। अनन्तप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ के समान अनन्त – प्रदेशी असंख्यातप्रदेशावगाढ़ (परिमण्डलादि के विषय में) आयतसंस्थान तक कहना। भगवन् ! संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान के अचरम, अनेक चरम, चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश में से द्रव्य की अपेक्षा से, प्रदेशों की अपेक्षा से और द्रव्यप्रदेश इन दोनों की अपेक्षा से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? गौतम ! द्रव्य से – संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डल संस्थान का एक अचरम सबसे अल्प है (उससे) अनेक चरम संख्यातगुणे अधिक हैं, अचरम और बहुवचनान्त चरम, ये दोनों विशेषाधिक हैं। प्रदेशों से संख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान के चरमान्तप्रदेश सबसे थोड़े हैं, (उनसे) अचरमान्तप्रदेश संख्यातगुणे अधिक हैं, उनसे चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश दोनों विशेषाधिक हैं। द्रव्य और प्रदेशों से – संख्यातप्रदेशी – संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान का एक अचरम सबसे अल्प है, उनसे अनेक चरम संख्यातगुणे हैं, (उनसे) एक अचरम और अनेक चरम, ये दोनों विशेषाधिक हैं, चरमा – न्तप्रदेश संख्यातगुणे हैं, (उनसे) अचरमान्तप्रदेश संख्यातगुणे हैं, (उनसे) चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश ये दोनों विशेषाधिक हैं। इसी प्रकार की योजना वृत्त, त्रयस्र, चतुरस्र और आयत संस्थान में कर लेना। भगवन् ! असंख्यातप्रदेशों एवं संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान में पूर्ववत् अल्पबहुत्व – गौतम ! द्रव्य से असंख्यातप्रदेशी एवं संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान का एक अचरम सबसे थोड़ा है, (उससे) अनेक चरम संख्यातगुणे अधिक हैं, उनसे एक अचरम और अनेक चरम, ये दोनों विशेषाधिक हैं। प्रदेशों से असंख्यात – प्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान के चरमान्तप्रदेश, सबसे कम हैं, (उनसे) अचरमान्तप्रदेश संख्यात – गुणे हैं, (उनसे) चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश, ये दोनों विशेषाधिक हैं। द्रव्य और प्रदेशों से – असंख्यातप्रदेशी संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान का एक अचरम सबसे कम है, (उनसे) अनेक चरम संख्यातगुणे अधिक हैं, (उनसे) एक अचरम और बहुत चरम, ये दोनों विशेषाधिक हैं, (उनसे) चरमान्तप्रदेश संख्यातगुणे हैं, (उनसे) अचरमान्तप्रदेश संख्यातगुणे हैं, (उनसे) चरमान्तप्रदेश और अचरमान्तप्रदेश, ये दोनों विशेषाधिक हैं। इसी प्रकार आयत तक के (चरमादि के अल्पबहुत्व के) विषय में (कथन करना चाहिए।) भगवन् ! असंख्यातप्रदेशी एवं असंख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान में पूर्ववत् अल्पबहुत्व – गौतम ! रत्नप्रभा पृथ्वी के चरमादि के अल्पबहुत्व के समान कहना। इसी प्रकार आयतसंस्थान तक जानना। भगवन् ! अनन्तप्रदेशी एवं संख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डलसंस्थान के अल्पबहुत्व में संख्यातप्रदेशावगाढ़ संख्यातप्रदेशी परिमण्डलसंस्थान कहना। विशेष यह है कि संक्रम में अनन्तगुणे हैं। इसी प्रकार आयतसंस्थान तक कहना। भगवन्! अनन्तप्रदेशी एवं असंख्यातप्रदेशावगाढ़ परिमण्डल संस्थान में रत्नप्रभापृथ्वी के चरम, अचरम आदि के समान समझ लेना। विशेषता यह है कि संक्रम में अनन्तगुणा है। इसी प्रकार यावत् आयतसंस्थान तक समझ लेना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kati nam bhamte! Samthana pannatta? Goyama! Pamcha samthana pannatta, tam jaha–parimamdale vatte tamse chauramse ayate. Parimamdala nam bhamte! Samthana kim samkhejja asamkhejja anamta? Goyama! No samkhejja, no asamkhejja, anamta. Evam java ayata. Parimamdale nam bhamte! Samthane kim samkhejjapaesie asamkhejjapaesie anamtapaesie? Goyama! Siya samkhejjapaesie siya asamkhejjapadesie siya anamtapadesie. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane samkhejjapadesie kim samkhejjapadesogadhe asamkhejjapaesogadhe anamtapaesogadhe? Goyama! Samkhejjapaesogadhe, no asamkhejjapaesogadhe no anamtapaesogadhe. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane asamkhejjapadesie kim samkhejjapadesogadhe asamkhejjapadesogadhe anamtapaesogadhe? Goyama! Siya samkhejjapaesogadhe siya asamkhejjapadesogadhe no anamtapadesogadhe. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane anamtapaesie kim samkhejjapaesogadhe asamkhejjapaesogadhe anamtapaesogadhe? Goyama! Siya samkhejjapaesogadhe siya asamkhejjapaesogadhe, no anamtapaesogadhe. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane samkhejjapadesie samkhejjapaesogadhe kim charime acharime charimaim acharimaim charimamtapadesa acharimamtapadesa? Goyama! Parimamdale nam samthane samkhejjapadesie samkhejjapadesogadhe no charime no acharime no charimaim no acharimaim no charimamtapadesa no acharimamta-paesa, niyama acharimam cha charimani ya charimamtapadesa ya acharimamtapadesa ya. Evam java ayate Parimamdale nam bhamte! Samthane asamkhejjapaesie samkhejjapadesogadhe kim charime puchchha. Goyama! Asamkhejjapaesie asamkhejjapaesogadhe jaha samkhejjapaesie. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane asamkhejjapadesie asamkhejjapaesogadhe kim charime puchchha. Goyama! Asamkhejjapadesie asamkhejjapadesogadhe no charime jaha samkhejjapadesogadhe. Evam java ayate. Parimamdale nam bhamte! Samthane anamtapaesie samkhejjapaesogadhe kim charime puchchha. Goyama! Taheva java ayate. Anamtapadesie asamkhejjapadesogadhe jaha samkhejjapadesogadhe. Evam java ayate. Parimamdalassa nam bhamte! Samthanassa samkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa acharimassa ya charimana ya charimamtapadesana ya acharimamtapadesana ya davvatthayae padesatthayae davvatthapadesatthayae katare katarehimto appa va bahuya va tulla va visesahiya va? Goyama! Savvatthove parimamdalassa samthanassa samkhejjapadesiyassa samkhejjapadesogadhassa davvatthayae ege acharime 1 charimaim samkhe-jjagunaim 2 acharimam cha charimani ya do vi visesahiyaim 3. Padesatthayae savvatthova parimamdalassa samthanassa samkhejjapadesiyassa samkhejjapadesogadhassa charimamtapadesa 1 acharimamtapadesa samkhejjaguna 2 charimamtapadesa ya acharimamtapadesa ya do vi visesahiya 3. Davvattha-padesatthayae savvatthove parimamdalassa samthanassa samkhejjapadesiyassa samkhejjapadesogadhassa ege acharime 1 charimaim samkhejjagunaim 2 acharimam cha charimani ya do vi visesahiyaim 3 charimamtapadesa samkhejjaguna 4 acharimamtapaesa samkhejjaguna 5 charimamtapadesa ya acharimamtapadesa ya do vi visesahiya 6. Evam vatta-tamsa-chauramsa-ayaesu vi joeyavvam. Parimamdalassa nam bhamte! Samthanassa asamkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa acharimassa ya charimana ya charimamtapaesana ya acharimamtapaesana ya davvatthayae paesatthayae davvattha-paesatthayae katare katarehimto appa va bahuya va tulla va visesahiya va? Goyama! Savvatthove parimamdalassa samthanassa asamkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa davvatthayae ege acharime 1 charimaim samkhejjagunaim 2 acharimam cha charimani ya do vi visesahiyaim 3. Padesatthayae savvatthova parimamdalassa samthanassa asamkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa charimamtapaesa 1 acharimamtapaesa samkhejjaguna 2 charimamtapaesa ya acharimamtapaesa ya do vi visesahiya 3. Davvatthapaesatthayae savvatthove parimamdalassa samthanassa asamkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa davvatthayae ege acharime 1 charimaim samkhejjagunaim 2 acharimam cha charimani ya do vi visesahiyaim 3 charimamtapaesa samkhejjaguna 4 acharimamtapaesa samkhejja-guna 5 charimamtapaesa ya acharimamtapaesa ya do vi visesahiya 6. Evam java ayate. Parimamdalassa nam bhamte! Samthanassa asamkhejjapadesiyassa asamkhejjapaesogadhassa acharimassa ya charimana ya charimamtapaesana ya acharimamtapaesana ya davvatthayae paesatthayae davvatthapaesatthayae katare katarehimto appa va bahuya va tulla va visesahiya va? Goyama! Jaha rayanappabhae appabahuyam taheva niravasesam bhaniyavvam. Evam java ayate. Parimamdalassa nam bhamte! Samthanassa anamtapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa acharimassa ya charimana ya charimamtapaesana ya acharimamtapaesana ya davvatthayae paesatthayae davvattha-paesatthayae katare katarehimto appa va bahuya va tulla va visesahiya va? Goyama! Jaha samkhejjapaesiyassa samkhejjapaesogadhassa, navaram–samkame anamtaguna. Evam java ayate. Parimamdalassa nam bhamte! Samthanassa anamtapaesiyassa asamkhejjapaesogadhassa acharimassa ya charimana ya charimamtapaesana ya acharimamtapaesana ya jaha rayanappabhae, navaram–samkame anamtaguna. Evam java ayate. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Samsthana kitane kahe gae haim\? Gautama ! Pamcha – parimandala, vritta, tryasra, chaturasra aura ayata. Bhagavan ! Parimandalasamsthana samkhyata haim, asamkhyata haim athava ananta haim\? Gautama ! Ananta haim. Isi prakara yavat ayata taka samajhana. Bhagavan ! Parimandalasamsthana samkhyatapradeshi hai, asamkhyatapradeshi hai athava anantapradeshi hai\? Gautama ! Kadachit samkhyatapradeshi, kadachit asamkhyatapradeshi aura kadachit anantapradeshi hai. Isi prakara ayata taka samajhana Bhagavan ! Samkhyatapradeshi parimandalasamsthana samkhyatapradeshom mem, asamkhyata pradeshom mem athava ananta pradeshom mem avagarha hota hai\? Gautama ! Kevala samkhyata pradeshom mem avagarha hota hai. Isi prakara ayatasamsthana taka samajhana. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi parimandalasamsthana samkhyata pradeshom mem, asamkhyata pradeshom mem athava ananta pradeshom mem avagarha hota hai\? Gautama ! Kadachit samkhyata pradeshom mem avagarha hota hai aura kadachit asamkhyata pradeshom mem avagarha hota hai. Isi prakara ayata samsthana taka kahana. Bhagavan ! Anantapradeshi parimandalasamsthana samkhyata pradeshom mem, asamkhyata pradeshom mem athava ananta pradeshom mem avagarha hota hai\? Gautama ! Kadachit samkhyata pradeshom mem avagarha hota hai aura kadachit asamkhyata pradeshom mem avagarha hota hai. Isi prakara ayatasamsthana taka samajhana. Bhagavan ! Samkhyatapradeshi evam samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana charama hai, acharama hai, aneka charamarupa hai, aneka acharamarupa hai, charamantapradesha hai athava acharamantapradesha hai\? Gautama ! Vaha niyama se acharama, aneka charama rupa, charamantapradesha aura acharamantapradesha hai. Isi prakara ayatasamsthana taka kahana. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi aura samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana mem purvavat prashna – gautama ! Samkhyatapradeshi ke samana hi samajhana. Isi prakara yavat ayatasamsthana taka samajhana. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi evam asamkhyatapradeshom mem avagarha parimandala samsthana mem purvavat prashna – gautama ! Samkhyatapradeshavagarha ki taraha samajhana. Isi prakara yavat ayatasamsthana taka kahana. Bhagavan ! Anantapradeshi aura samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana\? Gautama ! Samkhyatapradeshi samkhyata – pradeshavagarha ke samana yavat ayatasamsthana paryanta samajhana. Anantapradeshi samkhyatapradeshavagarha ke samana ananta – pradeshi asamkhyatapradeshavagarha (parimandaladi ke vishaya mem) ayatasamsthana taka kahana. Bhagavan ! Samkhyatapradeshi samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ke acharama, aneka charama, charamantapradesha aura acharamantapradesha mem se dravya ki apeksha se, pradeshom ki apeksha se aura dravyapradesha ina donom ki apeksha se kauna kinase alpa, bahuta, tulya athava visheshadhika hai\? Gautama ! Dravya se – samkhyatapradeshi samkhyatapradeshavagarha parimandala samsthana ka eka acharama sabase alpa hai (usase) aneka charama samkhyatagune adhika haim, acharama aura bahuvachananta charama, ye donom visheshadhika haim. Pradeshom se samkhyatapradeshi samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ke charamantapradesha sabase thore haim, (unase) acharamantapradesha samkhyatagune adhika haim, unase charamantapradesha aura acharamantapradesha donom visheshadhika haim. Dravya aura pradeshom se – samkhyatapradeshi – samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ka eka acharama sabase alpa hai, unase aneka charama samkhyatagune haim, (unase) eka acharama aura aneka charama, ye donom visheshadhika haim, charama – ntapradesha samkhyatagune haim, (unase) acharamantapradesha samkhyatagune haim, (unase) charamantapradesha aura acharamantapradesha ye donom visheshadhika haim. Isi prakara ki yojana vritta, trayasra, chaturasra aura ayata samsthana mem kara lena. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshom evam samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana mem purvavat alpabahutva – gautama ! Dravya se asamkhyatapradeshi evam samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ka eka acharama sabase thora hai, (usase) aneka charama samkhyatagune adhika haim, unase eka acharama aura aneka charama, ye donom visheshadhika haim. Pradeshom se asamkhyata – pradeshi samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ke charamantapradesha, sabase kama haim, (unase) acharamantapradesha samkhyata – gune haim, (unase) charamantapradesha aura acharamantapradesha, ye donom visheshadhika haim. Dravya aura pradeshom se – asamkhyatapradeshi samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ka eka acharama sabase kama hai, (unase) aneka charama samkhyatagune adhika haim, (unase) eka acharama aura bahuta charama, ye donom visheshadhika haim, (unase) charamantapradesha samkhyatagune haim, (unase) acharamantapradesha samkhyatagune haim, (unase) charamantapradesha aura acharamantapradesha, ye donom visheshadhika haim. Isi prakara ayata taka ke (charamadi ke alpabahutva ke) vishaya mem (kathana karana chahie.) Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi evam asamkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana mem purvavat alpabahutva – gautama ! Ratnaprabha prithvi ke charamadi ke alpabahutva ke samana kahana. Isi prakara ayatasamsthana taka janana. Bhagavan ! Anantapradeshi evam samkhyatapradeshavagarha parimandalasamsthana ke alpabahutva mem samkhyatapradeshavagarha samkhyatapradeshi parimandalasamsthana kahana. Vishesha yaha hai ki samkrama mem anantagune haim. Isi prakara ayatasamsthana taka kahana. Bhagavan! Anantapradeshi evam asamkhyatapradeshavagarha parimandala samsthana mem ratnaprabhaprithvi ke charama, acharama adi ke samana samajha lena. Visheshata yaha hai ki samkrama mem anantaguna hai. Isi prakara yavat ayatasamsthana taka samajha lena. |