Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )

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Sr No : 1005991
Scripture Name( English ): Jivajivabhigam Translated Scripture Name : जीवाभिगम उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति

Translated Chapter :

चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति

Section : जंबुद्वीप वर्णन Translated Section : जंबुद्वीप वर्णन
Sutra Number : 191 Category : Upang-03
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] जंबूए णं सुदंसणाए चउद्दिसिं चत्तारि साला पन्नत्ता, तं जहा–पुरत्थिमेणं दक्खिणेणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं। तत्थ णं जेसे पुरत्थिमिल्ले साले, एत्थ णं महं एगे भवणे पन्नत्ते–एगं कोसं आयामेणं, अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणं कोसं उड्ढं उच्चत्तेणं, अनेगखंभसतसंनिविट्ठं, वण्णओ जाव भवनस्स दारं तं चेव, पमाणं पंचधनुसताइं उड्ढं उच्चत्तेणं, अड्ढाइज्जाइं विक्खंभेणं जाव वनमालाओ भूमिभागा उल्लोया मणिपेढिया पंचधनुसतिया देवसयणिज्जं भाणियव्वं। तत्थ णं जेसे दाहिणिल्ले साले, एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पन्नत्ते–कोसं च उड्ढं उच्चत्तेणं, अद्धकोसं आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिया, अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे, उल्लोया। तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए सीहासनं सपरिवारं भाणियव्वं। तत्थ णं जेसे पच्चत्थिमिल्ले साले, एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सीहासनं सपरिवारं भाणियव्वं। तत्थ णं जेसे उत्तरिल्ले साले, एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सीहासनं सपरिवारं। तत्थ णं जेसे उवरिल्ले विडिमग्गसाले, एत्थ णं महं एगे सिद्धायतने पन्नत्ते–कोसं आयामेणं, अद्धकोसं विक्खंभेणं, देसूणं कोसं उड्ढं उच्चत्तेणं, अनेगखंभसतसंनिविट्ठे, वण्णओ तिदिसिं तओ दारा पंचधनुसता अड्ढाइज्जधनुसयविक्खंभा मणिपेढिया पंचधनुसतिया। तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं, एत्थ णं महं एगे देवच्छंदए पन्नत्ते, पंचधनुसयाइं आयाम-विक्खंभेणं साइरेगाइं पंचधनुसयाइं उड्ढं उच्चत्तेणं, सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे। तत्थ णं देवच्छंदए अट्ठसयं जिनपडिमाणं जिनुस्सेधप्पमाणाणं, एवं सव्वा सिद्धायतन-वत्तव्वया भाणियव्वा जाव धूवकडुच्छुया। तस्स णं सिद्धायतनस्स उवरिं अट्ठट्ठमंगलया जाव सहस्सपत्तहत्थगा। जंबू णं सुदंसणा मूले बारसहिं पउमवरवेइयाहिं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ता, वण्णओ। जंबू णं सुदंसणा अन्नेणं अट्ठसतेणं जंबूणं तदद्धुच्चत्तप्पमाणमेत्तेणं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ता। ताओ णं जंबूओ चत्तारि जोयणाइं उड्ढं उच्चत्तेणं, कोसं उव्वेहेणं, जोयणं खंधो, कोसं विक्खंभेणं, तिन्नि जोयणाइं विडिमा, बहुमज्झदेसभाए चत्तारि जोयणाइं आयामविक्खंभेणं, सातिरेगाइं चत्तारि जोयणाइं सव्वग्गेणं, वइरामयमूल रयय सुपइट्ठियविडिमा, रुक्खवण्णओ। जंबूए णं सुदंसणाए अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरत्थिमेणं, एत्थ णं अणाढियस्स देवस्स चउण्हं सामानियसाहस्सीणं चत्तारि जंबूसाहस्सीओ पन्नत्ताओ। एवं जंबू परिवारो जाव आयरक्खाणं। जंबू णं सुदंसणा तिहिं सइएहिं वनसंडेहिं सव्वतो समंता संपरिक्खित्ता, तं जहा–अब्भंतरएणं मज्झिमेणं बाहिरेणं। जंबूए णं सुदंसणाए पुरत्थिमेणं पढमं वनसंडं पन्नासं जोयणाइं ओगाहित्ता, एत्थ णं महं एगे भवणे पन्नत्ते पुरत्थिमभवनसरिसे भाणियव्वे जाव सयणिज्जं। एवं दाहिणेणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं। जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरपुरत्थिमेणं पढमं वनसंडं पन्नासं जोयणाइं ओगाहित्ता, एत्थ णं महं चत्तारि नंदापुक्खरिणीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–पउमा पउमप्पभा चेव, कुमुदा कुमुदप्पभा। ताओ णं नंदाओ पुक्खरिणीओ कोसं आयामेणं, अद्धकोसं विक्खंभेणं, पंचधनुसयाइं उव्वेहेणं वण्णओ पत्तेयं-पत्तेयं पउमवरवेइया परिक्खित्ताओ पत्तेयं-पत्तेयं वनसंडपरिक्खित्ताओ वण्णओ। तासि णं पुक्खरिणीणं पत्तेयंपत्तेयं चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवानपडिरूवगा पन्नत्ता, वण्णओ जाव तोरणा। तासि णं नंदापुक्खरिणीणं बहुमज्झदेसभाए, एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पन्नत्ते–कोसप्पमाणे अद्धकोसं विक्खंभो सो चेव वण्णओ जाव सीहासनं सपरिवारं। एवं दक्खिणपुरत्थिमेण वि पण्णासं जोयणाइं ओगाहित्ता चत्तारि नंदापुक्खरिणीओ उप्पलगुम्मा नलिना, उप्पला उप्पलुज्जला। तं चेव पमाणं तहेव पासायवडेंसगो तप्पमाणो। एवं दक्खिणपच्चत्थिमेणवि पण्णासं जोयणाइं, नवरं भिंगा भिंगणिभा चेव, अंजना कज्जलप्पभा। सेसं तं चेव। जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरपच्चत्थिमेणं पढमं वनसंडं पण्णासं जोयणाइं ओगाहित्ता, एत्थ णं चत्तारि नंदाओ पुक्खरिणीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–सिरिकंता सिरिचंदा, सिरिणिलया चेव सिरिमहिया तं चेव पमाणं तहेव पासायवडेंसओ। जंबूए णं सुदंसणाए पुरत्थिमिल्लस्स भवनस्स उत्तरेणं उत्तरपुरत्थिमिल्लस्स पासाय-वडेंसगस्स दाहिणेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते–अट्ठ जोयणाइं उड्ढं उच्चत्तेणं दो जोयणाइं उव्वेहेणं, मूले अट्ठ जोयणाइं विक्खंभेणं, मज्झे छ जोयणाइं विक्खंभेणं, उवरिं चत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं, मूले सातिरेगाइं पणुवीसं जोयणाइं परिक्खेवेणं मज्झे सातिरेगाइं अट्ठारस जोयणाइं परिक्खेवेणं, उवरिं सातिरेगाइं बारस जोयणाइं परिक्खेवेणं, मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वजंबूणयामए अच्छे जाव पडिरूवे। से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वनसंडेण सव्वतो समंता संपरिक्खित्ते, दोण्हवि वण्णओ। तस्स णं कूडस्स उवरिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पन्नत्ते जाव मणीणं तणाय य सद्दो। तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एगं सिद्धायतनं–कोसप्पमाणं सव्वा सिद्धायतनवत्तव्वया। जंबूए णं सुदंसणाए पुरत्थिमिल्लस्स भवनस्स दाहिणेणं, दाहिणपुरत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए दाहिणिल्लस्स भवनस्स पुरत्थिमेणं, दाहिणपुरत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पच्चत्थिमेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए दाहिणिल्लस्स भवनस्स पच्चत्थिमेणं, दाहिणपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए पच्चत्थिमिल्लस्स भवनस्स दाहिणेणं, दाहिणपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए पच्चत्थिमिल्लस्स भवनस्स उत्तरेणं, उत्तरपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स दाहिणेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरिल्लस्स भवनस्स पच्चत्थिमेणं, उत्तरपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं सिद्धायतनं च। जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरिल्लस्स भवनस्स पुरत्थिमेणं, उत्तरपुरत्थिमिल्लस्स पासाय-वडेंसगस्स पच्चत्थिमेणं, एत्थ णं महं एगे कूडे पन्नत्ते, तं चेव पमाणं तहेव सिद्धायतनं। जंबूए णं सुदंसणाए दुवालस णामधेज्जा पन्नत्ता, तं जहा–
Sutra Meaning : सुदर्शना अपर नाम जम्बू की चारों दिशाओं में चार – चार शाखाएं हैं, उनमें से पूर्व की शाखा पर एक विशाल भवन है जो एक कोस लम्बा, आधा कोस चौड़ा, देशोन एक कोस ऊंचा है, अनेक सैकड़ों खंभों पर आधारित है आदि। वे द्वार पाँच सौ धनुष के ऊंचे, ढ़ाई सौ धनुष के चौड़े हैं। उस जम्बू की दक्षिणी शाखा पर एक विशाल प्रासादावतंसक है, जो एक कोस ऊंचा, आधा कोस लम्बा – चौड़ा है और उन्नत है। उस जम्बू की पश्चिमी एवं उत्तरी शाखा पर एक विशाल प्रासादावतंसक है। उस जम्बूवृक्ष की ऊपरी शाखा पर एक विशाल सिद्धायतन (अरिहंत चैत्य) हैं जो एक कोस लम्बा, आधा कोस चौड़ा और देशोन एक कोस ऊंचा है। उसकी तीनों दिशाओं में तीन द्वार कहे गये हैं जो पाँच सौ धनुष ऊंचे, ढ़ाई सौ धनुष चौड़े हैं। पाँच सौ धनुष की मणिपीठिका है। उस पर पाँच सौ धनुष चौड़ा और कुछ अधिक पाँच सौ धनुष ऊंचा देवच्छंदक है। उस देवच्छंदक में जिनोत्सेध प्रमाण एक सौ आठ अरिहंत प्रतिमाएं हैं। इस प्रकार पूरी सिद्धायतन वक्तव्यता कहना। यह सुदर्शना, जम्बू मूल में बारह पद्मवरवेदिकाओं से चारों ओर घिरी हुई है। वे पद्मवरवेदिकाएं आधा योजन ऊंची, पाँच सौ धनुष चौड़ी हैं। यह जम्बूसुदर्शना एक सौ आठ अन्य उससे आधी ऊंचाई वाली जंबूओं से चारों ओर घिरी हुई हैं। वे जम्बू चार योजन ऊंची, एक कोस जमीन में गहरी हैं, एक योजन का उनका स्कंध, एक योजन का विष्कम्भ हैं, तीन योजन तक फैली हुई शाखाएं हैं। उनका मध्यभाग में चार योजन का विष्कम्भ है और चार योजन से अधिक उनकी समग्र ऊंचाई है। जम्बूसुदर्शना के पश्चिमोत्तर में, उत्तर में और उत्तरपूर्व में अनाहत देव के चार हजार सामानिक देवों के चार हजार जम्बू हैं। जम्बू सुदर्शना के पूर्व में अनाहत देव की चार अग्रमहिषियों के चार जम्बू हैं। जम्बू – सुदर्शना सौ – सौ योजन के तीन वनखण्डों से चारों ओर घिरी हुई है। जम्बू – सुदर्शना के पूर्वादि चारों दिशा में प्रथम वनखण्ड में पचास योजन आगे जाने पर एक विशाल भवन है। जम्बू – सुदर्शना के उत्तरपूर्व के प्रथम वनखण्ड में पचास योजन आगे जाने पर चार नंदापुष्करिणियाँ हैं, – पद्मा, पद्मप्रभा, कुमुदा और कुमुदप्रभा। वे एक कोस लम्बी, आधा कोस चौड़ी, पाँच सौ धनुष गहरी हैं। उन नंदापुष्करिणियों के बहुमध्यदेशभाग में प्रासादावतंसक हैं जो एक कोस ऊंचा है, आधा कोस का चौड़ा है। इसी प्रकार दक्षिण – पूर्व में भी पचास योजन जाने पर चार नंदापुष्करिणियाँ हैं, उत्पलगुल्मा, नलिना, उत्पला, उत्पलो – ज्ज्वला। दक्षिण – पश्चिम में भी पचास योजन आगे जाने पर चार पुष्करिणियाँ हैं, भृंगा, भृंगिनिया, अंजना एवं कज्जलप्रभा। जम्बू – सुदर्शना के उत्तर – पूर्व में प्रथम वनखण्ड में पचास योजन आगे जाने पर चार नंदा – पुष्करिणियाँ हैं – श्रीकान्ता, श्रीमहिता, श्रीचंद्रा और श्रीनिलया। जम्बू – सुदर्शना के पूर्वदिशा के भवन के उत्तर में और उत्तरपूर्व के प्रासादावतंसक के दक्षिण में एक विशाल कूट हैं जो आठ योजन ऊंचा, मूल में बारह योजन, मध्य में आठ योजन, ऊपर चार योजन है। मूल में कुछ अधिक सैंतीस योजन की, मध्य में कुछ अधिक पच्चीस योजन की और ऊपर कुछ अधिक बारह योजन की परिधि वाला – मूल में विस्तृत, मध्य में संक्षिप्त और ऊपर पतला, गोपुच्छ आकार से संस्थित है, सर्वात्मना जाम्बूनद स्वर्णमय है, स्वच्छ है यावत्‌ प्रतिरूप है। वह कूट एक पद्मवरवेदिका और एक वनखण्ड से चारों ओर से घिरा हुआ है। उस कूट के ऊपर बहुसमरमणीय भूमिभाग है यावत्‌ वहाँ बहुत से वानव्यन्तर देव और देवियाँ उठती – बैठती हैं आदि। उस बहुसमरमणीय भूमिभाग के मध्य में एक सिद्धायतन कहा गया है जो एक कोस प्रमाण वाला है – उस जम्बू – सुदर्शना के (१) पूर्वदिशा के भवन से दक्षिण में और दक्षिण – पूर्व के प्रासादावतंसक के उत्तर में, (२) दक्षिण दिशा के भवन के पूर्व में और दक्षिण – पूर्व के प्रासादावतंसक के पश्चिम में, (३) दाक्षिणात्य भवन के पश्चिम में और दक्षिण – पश्चिम प्रासादावतंसक के पूर्व में, (४) पश्चिमी भवन के दक्षिण में और दक्षिण – पश्चिम के प्रासादावतंसक के उत्तर में, (५) पश्चिमी भवन के उत्तर में और उत्तर – पश्चिम के प्रासादावतंसक के दक्षिण में, (६) उत्तर दिशा के भवन के पश्चिम में और उत्तर – पश्चिम के प्रासादावतंसक के पूर्व में और (७) उत्तर दिशा के भवन के पूर्व में और उत्तरपूर्व के प्रासादावतंसक के पश्चिम में एक – एक महान कूट हैं। उसका वही प्रमाण है यावत्‌ वहाँ सिद्धायतन है। वह जंबू – सुदर्शना अन्य बहुत से तिलक वृक्षों, लकुट वृक्षों यावत्‌ राय वृक्षों और हिंगु वृक्षों से सब ओर से घिरी हुई है। जंबू – सुदर्शना के ऊपर बहुत से आठ – आठ मंगल – स्वस्तिक यावत्‌ दर्पण, कृष्ण चामर ध्वज यावत्‌ छत्रातिछत्र हैं – जंबू – सुदर्शना के बारह नाम हैं, यथा –
Mool Sutra Transliteration : [sutra] jambue nam sudamsanae chauddisim chattari sala pannatta, tam jaha–puratthimenam dakkhinenam pachchatthimenam uttarenam. Tattha nam jese puratthimille sale, ettha nam maham ege bhavane pannatte–egam kosam ayamenam, addhakosam vikkhambhenam desunam kosam uddham uchchattenam, anegakhambhasatasamnivittham, vannao java bhavanassa daram tam cheva, pamanam pamchadhanusataim uddham uchchattenam, addhaijjaim vikkhambhenam java vanamalao bhumibhaga ulloya manipedhiya pamchadhanusatiya devasayanijjam bhaniyavvam. Tattha nam jese dahinille sale, ettha nam maham ege pasayavademsae pannatte–kosam cha uddham uchchattenam, addhakosam ayamavikkhambhenam abbhuggayamusiyapahasiya, amto bahusamaramanijje bhumibhage, ulloya. Tassa nam bahusamaramanijjassa bhumibhagassa bahumajjhadesabhae sihasanam saparivaram bhaniyavvam. Tattha nam jese pachchatthimille sale, ettha nam maham ege pasayavademsae pannatte, tam cheva pamanam sihasanam saparivaram bhaniyavvam. Tattha nam jese uttarille sale, ettha nam maham ege pasayavademsae pannatte, tam cheva pamanam sihasanam saparivaram. Tattha nam jese uvarille vidimaggasale, ettha nam maham ege siddhayatane pannatte–kosam ayamenam, addhakosam vikkhambhenam, desunam kosam uddham uchchattenam, anegakhambhasatasamnivitthe, vannao tidisim tao dara pamchadhanusata addhaijjadhanusayavikkhambha manipedhiya pamchadhanusatiya. Tise nam manipedhiyae uppim, ettha nam maham ege devachchhamdae pannatte, pamchadhanusayaim ayama-vikkhambhenam sairegaim pamchadhanusayaim uddham uchchattenam, savvarayanamae achchhe java padiruve. Tattha nam devachchhamdae atthasayam jinapadimanam jinussedhappamananam, evam savva siddhayatana-vattavvaya bhaniyavva java dhuvakaduchchhuya. Tassa nam siddhayatanassa uvarim atthatthamamgalaya java sahassapattahatthaga. Jambu nam sudamsana mule barasahim paumavaraveiyahim savvato samamta samparikkhitta, vannao. Jambu nam sudamsana annenam atthasatenam jambunam tadaddhuchchattappamanamettenam savvato samamta samparikkhitta. Tao nam jambuo chattari joyanaim uddham uchchattenam, kosam uvvehenam, joyanam khamdho, kosam vikkhambhenam, tinni joyanaim vidima, bahumajjhadesabhae chattari joyanaim ayamavikkhambhenam, satiregaim chattari joyanaim savvaggenam, vairamayamula rayaya supaitthiyavidima, rukkhavannao. Jambue nam sudamsanae avaruttarenam uttarenam uttarapuratthimenam, ettha nam anadhiyassa devassa chaunham samaniyasahassinam chattari jambusahassio pannattao. Evam jambu parivaro java ayarakkhanam. Jambu nam sudamsana tihim saiehim vanasamdehim savvato samamta samparikkhitta, tam jaha–abbhamtaraenam majjhimenam bahirenam. Jambue nam sudamsanae puratthimenam padhamam vanasamdam pannasam joyanaim ogahitta, ettha nam maham ege bhavane pannatte puratthimabhavanasarise bhaniyavve java sayanijjam. Evam dahinenam pachchatthimenam uttarenam. Jambue nam sudamsanae uttarapuratthimenam padhamam vanasamdam pannasam joyanaim ogahitta, ettha nam maham chattari namdapukkharinio pannattao, tam jaha–pauma paumappabha cheva, kumuda kumudappabha. Tao nam namdao pukkharinio kosam ayamenam, addhakosam vikkhambhenam, pamchadhanusayaim uvvehenam vannao patteyam-patteyam paumavaraveiya parikkhittao patteyam-patteyam vanasamdaparikkhittao vannao. Tasi nam pukkharininam patteyampatteyam chauddisim chattari tisovanapadiruvaga pannatta, vannao java torana. Tasi nam namdapukkharininam bahumajjhadesabhae, ettha nam maham ege pasayavademsae pannatte–kosappamane addhakosam vikkhambho so cheva vannao java sihasanam saparivaram. Evam dakkhinapuratthimena vi pannasam joyanaim ogahitta chattari namdapukkharinio uppalagumma nalina, uppala uppalujjala. Tam cheva pamanam taheva pasayavademsago tappamano. Evam dakkhinapachchatthimenavi pannasam joyanaim, navaram bhimga bhimganibha cheva, amjana kajjalappabha. Sesam tam cheva. Jambue nam sudamsanae uttarapachchatthimenam padhamam vanasamdam pannasam joyanaim ogahitta, ettha nam chattari namdao pukkharinio pannattao, tam jaha–sirikamta sirichamda, sirinilaya cheva sirimahiya tam cheva pamanam taheva pasayavademsao. Jambue nam sudamsanae puratthimillassa bhavanassa uttarenam uttarapuratthimillassa pasaya-vademsagassa dahinenam, ettha nam maham ege kude pannatte–attha joyanaim uddham uchchattenam do joyanaim uvvehenam, mule attha joyanaim vikkhambhenam, majjhe chha joyanaim vikkhambhenam, uvarim chattari joyanaim vikkhambhenam, mule satiregaim panuvisam joyanaim parikkhevenam majjhe satiregaim attharasa joyanaim parikkhevenam, uvarim satiregaim barasa joyanaim parikkhevenam, mule vichchhinne majjhe samkhitte uppim tanue gopuchchhasamthanasamthie savvajambunayamae achchhe java padiruve. Se nam egae paumavaraveiyae egena ya vanasamdena savvato samamta samparikkhitte, donhavi vannao. Tassa nam kudassa uvarim bahusamaramanijje bhumibhage pannatte java maninam tanaya ya saddo. Tassa nam bahusamaramanijjassa bhumibhagassa bahumajjhadesabhae egam siddhayatanam–kosappamanam savva siddhayatanavattavvaya. Jambue nam sudamsanae puratthimillassa bhavanassa dahinenam, dahinapuratthimillassa pasayavademsagassa uttarenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae dahinillassa bhavanassa puratthimenam, dahinapuratthimillassa pasayavademsagassa pachchatthimenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae dahinillassa bhavanassa pachchatthimenam, dahinapachchatthimillassa pasayavademsagassa puratthimenam ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae pachchatthimillassa bhavanassa dahinenam, dahinapachchatthimillassa pasayavademsagassa uttarenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae pachchatthimillassa bhavanassa uttarenam, uttarapachchatthimillassa pasayavademsagassa dahinenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae uttarillassa bhavanassa pachchatthimenam, uttarapachchatthimillassa pasayavademsagassa puratthimenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam siddhayatanam cha. Jambue nam sudamsanae uttarillassa bhavanassa puratthimenam, uttarapuratthimillassa pasaya-vademsagassa pachchatthimenam, ettha nam maham ege kude pannatte, tam cheva pamanam taheva siddhayatanam. Jambue nam sudamsanae duvalasa namadhejja pannatta, tam jaha–
Sutra Meaning Transliteration : Sudarshana apara nama jambu ki charom dishaom mem chara – chara shakhaem haim, unamem se purva ki shakha para eka vishala bhavana hai jo eka kosa lamba, adha kosa chaura, deshona eka kosa umcha hai, aneka saikarom khambhom para adharita hai adi. Ve dvara pamcha sau dhanusha ke umche, rhai sau dhanusha ke chaure haim. Usa jambu ki dakshini shakha para eka vishala prasadavatamsaka hai, jo eka kosa umcha, adha kosa lamba – chaura hai aura unnata hai. Usa jambu ki pashchimi evam uttari shakha para eka vishala prasadavatamsaka hai. Usa jambuvriksha ki upari shakha para eka vishala siddhayatana (arihamta chaitya) haim jo eka kosa lamba, adha kosa chaura aura deshona eka kosa umcha hai. Usaki tinom dishaom mem tina dvara kahe gaye haim jo pamcha sau dhanusha umche, rhai sau dhanusha chaure haim. Pamcha sau dhanusha ki manipithika hai. Usa para pamcha sau dhanusha chaura aura kuchha adhika pamcha sau dhanusha umcha devachchhamdaka hai. Usa devachchhamdaka mem jinotsedha pramana eka sau atha arihamta pratimaem haim. Isa prakara puri siddhayatana vaktavyata kahana. Yaha sudarshana, jambu mula mem baraha padmavaravedikaom se charom ora ghiri hui hai. Ve padmavaravedikaem adha yojana umchi, pamcha sau dhanusha chauri haim. Yaha jambusudarshana eka sau atha anya usase adhi umchai vali jambuom se charom ora ghiri hui haim. Ve jambu chara yojana umchi, eka kosa jamina mem gahari haim, eka yojana ka unaka skamdha, eka yojana ka vishkambha haim, tina yojana taka phaili hui shakhaem haim. Unaka madhyabhaga mem chara yojana ka vishkambha hai aura chara yojana se adhika unaki samagra umchai hai. Jambusudarshana ke pashchimottara mem, uttara mem aura uttarapurva mem anahata deva ke chara hajara samanika devom ke chara hajara jambu haim. Jambu sudarshana ke purva mem anahata deva ki chara agramahishiyom ke chara jambu haim. Jambu – sudarshana sau – sau yojana ke tina vanakhandom se charom ora ghiri hui hai. Jambu – sudarshana ke purvadi charom disha mem prathama vanakhanda mem pachasa yojana age jane para eka vishala bhavana hai. Jambu – sudarshana ke uttarapurva ke prathama vanakhanda mem pachasa yojana age jane para chara namdapushkariniyam haim, – padma, padmaprabha, kumuda aura kumudaprabha. Ve eka kosa lambi, adha kosa chauri, pamcha sau dhanusha gahari haim. Una namdapushkariniyom ke bahumadhyadeshabhaga mem prasadavatamsaka haim jo eka kosa umcha hai, adha kosa ka chaura hai. Isi prakara dakshina – purva mem bhi pachasa yojana jane para chara namdapushkariniyam haim, utpalagulma, nalina, utpala, utpalo – jjvala. Dakshina – pashchima mem bhi pachasa yojana age jane para chara pushkariniyam haim, bhrimga, bhrimginiya, amjana evam kajjalaprabha. Jambu – sudarshana ke uttara – purva mem prathama vanakhanda mem pachasa yojana age jane para chara namda – pushkariniyam haim – shrikanta, shrimahita, shrichamdra aura shrinilaya. Jambu – sudarshana ke purvadisha ke bhavana ke uttara mem aura uttarapurva ke prasadavatamsaka ke dakshina mem eka vishala kuta haim jo atha yojana umcha, mula mem baraha yojana, madhya mem atha yojana, upara chara yojana hai. Mula mem kuchha adhika saimtisa yojana ki, madhya mem kuchha adhika pachchisa yojana ki aura upara kuchha adhika baraha yojana ki paridhi vala – mula mem vistrita, madhya mem samkshipta aura upara patala, gopuchchha akara se samsthita hai, sarvatmana jambunada svarnamaya hai, svachchha hai yavat pratirupa hai. Vaha kuta eka padmavaravedika aura eka vanakhanda se charom ora se ghira hua hai. Usa kuta ke upara bahusamaramaniya bhumibhaga hai yavat vaham bahuta se vanavyantara deva aura deviyam uthati – baithati haim adi. Usa bahusamaramaniya bhumibhaga ke madhya mem eka siddhayatana kaha gaya hai jo eka kosa pramana vala hai – usa jambu – sudarshana ke (1) purvadisha ke bhavana se dakshina mem aura dakshina – purva ke prasadavatamsaka ke uttara mem, (2) dakshina disha ke bhavana ke purva mem aura dakshina – purva ke prasadavatamsaka ke pashchima mem, (3) dakshinatya bhavana ke pashchima mem aura dakshina – pashchima prasadavatamsaka ke purva mem, (4) pashchimi bhavana ke dakshina mem aura dakshina – pashchima ke prasadavatamsaka ke uttara mem, (5) pashchimi bhavana ke uttara mem aura uttara – pashchima ke prasadavatamsaka ke dakshina mem, (6) uttara disha ke bhavana ke pashchima mem aura uttara – pashchima ke prasadavatamsaka ke purva mem aura (7) uttara disha ke bhavana ke purva mem aura uttarapurva ke prasadavatamsaka ke pashchima mem eka – eka mahana kuta haim. Usaka vahi pramana hai yavat vaham siddhayatana hai. Vaha jambu – sudarshana anya bahuta se tilaka vrikshom, lakuta vrikshom yavat raya vrikshom aura himgu vrikshom se saba ora se ghiri hui hai. Jambu – sudarshana ke upara bahuta se atha – atha mamgala – svastika yavat darpana, krishna chamara dhvaja yavat chhatratichhatra haim – jambu – sudarshana ke baraha nama haim, yatha –