Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1004387
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-२५

Translated Chapter :

शतक-२५

Section : उद्देशक-४ युग्म Translated Section : उद्देशक-४ युग्म
Sutra Number : 887 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] परमाणुपोग्गला णं भंते! किं संखेज्जा? असंखेज्जा? अनंता? गोयमा! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता। एवं जाव अनंतपदेसिया खंधा। एगपदेसोगाढा णं भंते! पोग्गला किं संखेज्जा? असंखेज्जा? अनंता? एवं चेव। एवं जाव असंखेज्जपदेसोगाढा एगसमयट्ठितीया णं भंते! पोग्गला किं संखेज्जा? एवं चेव। एवं जाव असंखेज्जसमयट्ठितीया। एगगुणकालगा णं भंते! पोग्गला किं संखेज्जा? एवं चेव। एवं जाव अनंतगुणकालगा। एवं अवसेसा वि वण्णगंधरसफासा नेयव्वा जाव अनंतगुणलुक्ख त्ति। एएसि णं भंते! परमाणुपोग्गलाणं दुपदेसियाण य खंधाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो बहुया? गोयमा! दुपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो परमाणुपोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! दुपदेसियाणं तिपदेसियाणं य खंधाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो बहुया? गोयमा! तिपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो दुपदेसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एवं एएणं गमएणं जाव दसपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो नवपदेसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! दसपदेसियाणं–पुच्छा। गोयमा! दसपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो संखेज्जपदेसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! संखेज्जपदेसियाणं–पुच्छा। गोयमा! संखेज्जपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो असंखेज्जपदेसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! असंखेज्जपदेसियाणं–पुच्छा। गोयमा! अनंतपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो असंखेज्जपदेसिया खंधा दव्वट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! परमाणुपोग्गलाणं दुपदेसियाणं य खंधाणं पदेसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो बहुया? गोयमा! परमाणुपोग्गलेहिंतो दुपदेसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। एवं एएणं गमएणं जाव नवपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो दसपदेसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। एवं सव्वत्थ पुच्छियव्वं। दसपदेसि-एहिंतो खंधेहिंतो संखेज्जपदेसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। संखेज्जपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो असंखेज्जपदेसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! असंखेज्जपदेसियाणं–पुच्छा। गोयमा! अनंतपदेसिएहिंतो खंधेहिंतो असंखेज्जपदेसिया खंधा पदेसट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! एगपदेसोगाढाणं दुपदेसोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो विसेसाहिया? गोयमा! दुपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो एगपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। एवं एएणं गमएणं तिपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो दुपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया जाव दसपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो नवपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। दसपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो संखेज्जपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। संखेज्जपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जपदेसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। पुच्छा सव्वत्थ भाणियव्वा। एएसि णं भंते! एगपदेसोगाढाणं दुपदेसोगाढाणं य पोग्गलाणं पदेसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो विसेसाहिया? गोयमा! एगपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो दुपदेसोगाढा पोग्गला पदेसट्ठयाए विसेसाहिया। एवं जाव नवपदेसोगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो दसपदेसोगाढा पोग्गला पदेसट्ठयाए विसेसाहिया। दसपदेसेगाढेहिंतो पोग्गलेहिंतो संखेज्जपदेसोगाढा पोग्गला पदेसट्ठयाए बहुया। संखेज्जपदेसोगाढे-हिंतो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जपदेसोगाढा पोग्गला पदेसट्ठयाए बहुया। एएसि णं भंते! एगसमयट्ठितीयाणं दुसमयट्ठितीयाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए? जहा ओगाहणाए वत्तव्वया एवं ठितीए वि। एएसि णं भंते! एगगुणकालगाणं दुगुणकालगाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए? एएसि णं जहा परमाणुपोग्गलादीणं तहेव वत्तव्वया निरवसेसा। एवं सव्वेसिं वण्ण-गंध-रसाणं। एएसि णं भंते! एगगुणकक्खडाणं दुगुणकक्खडाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो विसेसाहिया? गोयमा! एगगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो दुगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। एवं जाव नवगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो दसगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए विसेसाहिया। दसगुणकक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो संखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। संखेज्जगुण-कक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो असंखेज्जगुणकक्खडा पोग्गला दव्व ट्ठयाए बहुया। असंखेज्जगुण- कक्खडेहिंतो पोग्गलेहिंतो अनंतगुणकक्खडा पोग्गला दव्वट्ठयाए बहुया। एवं पदेसट्ठयाए वि। सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा। जहा कक्खडा एवं मउय-गरुय-लहुया वि। सीय-उसिण-निद्ध-लुक्खा जहा वण्णा।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! परमाणु – पुद्‌गल संख्यात हैं, असंख्यात हैं अथवा अनन्त हैं ? गौतम ! संख्यात नहीं, असंख्यात भी नहीं, किन्तु अनन्त हैं। इसी प्रकार यावत्‌ अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक जानना। भगवन्‌ ! आकाश के एक प्रदेश में रहे हुए पुद्‌गल संख्यात हैं, असंख्यात हैं या अनन्त हैं ? गौतम ! अनन्त हैं। इसी प्रकार यावत्‌ असंख्येय प्रदेशों में रहे हुए पुद्‌गलों तक जानना चाहिए। भगवन्‌ ! एक समय की स्थिति वाले पुद्‌गल संख्यात हैं, असंख्यात हैं या अनन्त हैं ? गौतम ! पूर्ववत्‌ जानना। इसी प्रकार यावत्‌ असंख्यात – समय की स्थिति वाले पुद्‌गलों के विषय में भी कहना चाहिए भगवन्‌ ! एकगुण काले पुद्‌गल संख्यात हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! पूर्ववत्‌ जानना। इसी प्रकार यावत्‌ अनन्तगुण काले पुद्‌गलों के विषय में जानना। इसी प्रकार शेष वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श वाले पुद्‌गलों के विषय में भी अनन्तगुण रूक्ष पर्यन्त जानना। भगवन्‌ ! परमाणु – पुद्‌गल और द्विप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! द्विप्रदेशी स्कन्धों से परमाणु पुद्‌गल द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! द्विप्रदेशी और त्रिप्रदेशी स्कन्धों में द्रव्यार्थ से कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध से द्विप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं। इस गमक अनुसार यावत्‌ दशप्रदेशी स्कन्धों से नवप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! दश – प्रदेशी स्कन्धों और संख्यातप्रदेशी स्कन्धों में द्रव्यार्थ से कौन किससे विशेषाधिक हैं ? गौतम ! दशप्रदेशिक स्कन्धों से संख्यातप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! इन संख्यातप्रदेशी स्कन्धों और असंख्यातप्रदेशी स्कन्धों में द्रव्यार्थ से कौन किससे अल्प हैं ? गौतम ! संख्यातप्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! असंख्यातप्रदेशी स्कन्धों और अनन्तप्रदेशी स्कन्धों में द्रव्यार्थ से कौन किससे अल्प हैं ? गौतम ! अनन्त – प्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! परमाणु – पुद्‌गल और द्विप्रदेशी स्कन्धों में प्रदेशार्थरूप से कौन किससे बहुत हैं ? गौतम ! परमाणु – पुद्‌गलों से द्विप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थरूप से बहुत हैं। इस प्रकार इस गमक अनुसार यावत्‌ नवप्रदेशी स्कन्धों से दशप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थरूप से बहुत हैं। इस प्रकार दशप्रदेशी स्कन्धों से संख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थरूप से बहुत हैं। संख्यातप्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थरूप से बहुत हैं। भगवन्‌ ! असंख्यातप्रदेशी स्कन्धों और अनन्तप्रदेशी स्कन्धों में कौन किससे बहुत हैं ? गौतम ! अनन्तप्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ रूप से बहुत हैं। भगवन्‌ ! एकप्रदेशावगाढ़ और द्विप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों में, द्रव्यार्थ से कौन किससे यावत्‌ विशेषाधिक है ? गौतम ! द्विप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से एक प्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल द्रव्यार्थ से विशेषाधिक हैं। इसी गमक अनुसार यावत्‌ दशप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से नवप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल द्रव्यार्थ से विशेषाधिक हैं। दशप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल द्रव्यार्थ से बहुत हैं। संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल द्रव्यार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! एकप्रदेशावगाढ़ और द्विप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों में ? गौतम ! एकप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से द्विप्रदे – शावगाढ़ पुद्‌गल प्रदेशार्थरूप से विशेषाधिक हैं। इसी प्रकार यावत्‌ नवप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से दशप्रदेशावगाढ़। दशप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल और संख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों से असंख्यातप्रदेशावगाढ़ पुद्‌गल प्रदेशार्थ से बहुत हैं। भगवन्‌ ! एक समय की स्थिति वाले और दो समय की स्थिति वाले पुद्‌गलों में द्रव्यार्थ रूप से कौन किससे यावत्‌ विशेषाधिक है ? अवगाहना अनुसार स्थिति की वक्तव्यता जानना। भगवन्‌ ! एकगुण काले और द्विगुण काले पुद्‌गलों में द्रव्यार्थरूप से कौन किनसे यावत्‌ विशेषाधिक हैं ? गौतम ! परमाणु पुद्‌गल अनुसार इनकी सम्पूर्ण वक्तव्यता जाननी चाहिए। इसी प्रकार सभी वर्णों, गन्धों और रसों के विषय में वक्तव्यता जाननी चाहिए। भगवन्‌ ! एकगुण कर्कश और द्विगुण कर्कश पुद्‌गलों में ? गौतम ! एकगुण कर्कश पुद्‌गलों से द्विगुण कर्कश पुद्‌गल द्रव्यार्थरूप से विशेषाधिक हैं। इसी प्रकार यावत्‌ नवगुण – कर्कश पुद्‌गलों से दशगुण – कर्कश पुद्‌गल। दशगुण – कर्कश पुद्‌गलों से संख्यातगुण – कर्कश पुद्‌गल। संख्यातगुण – कर्कश पुद्‌गलों से असंख्यातगुण – कर्कश पुद्‌गल और असंख्यातगुण – कर्कश पुद्‌गलों से अनन्तगुण – कर्कश पुद्‌गल द्रव्यार्थरूप से बहुत हैं। प्रदेशार्थ रूप से समग्र वक्तव्यता भी इसी प्रकार जाननी चाहिए। कर्कश स्पर्श सम्बन्धी वक्तव्यता के अनुसार मृदु, गुरु और लघु स्पर्श के विषय में समझना चाहिए। शीत, उष्ण, स्निग्ध और रूक्ष स्पर्श के विषय में वर्णों की वक्तव्यता के अनुसार जानना चाहिए।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] paramanupoggala nam bhamte! Kim samkhejja? Asamkhejja? Anamta? Goyama! No samkhejja, no asamkhejja, anamta. Evam java anamtapadesiya khamdha. Egapadesogadha nam bhamte! Poggala kim samkhejja? Asamkhejja? Anamta? Evam cheva. Evam java asamkhejjapadesogadha Egasamayatthitiya nam bhamte! Poggala kim samkhejja? Evam cheva. Evam java asamkhejjasamayatthitiya. Egagunakalaga nam bhamte! Poggala kim samkhejja? Evam cheva. Evam java anamtagunakalaga. Evam avasesa vi vannagamdharasaphasa neyavva java anamtagunalukkha tti. Eesi nam bhamte! Paramanupoggalanam dupadesiyana ya khamdhanam davvatthayae kayare kayarehimto bahuya? Goyama! Dupadesiehimto khamdhehimto paramanupoggala davvatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Dupadesiyanam tipadesiyanam ya khamdhanam davvatthayae kayare kayarehimto bahuya? Goyama! Tipadesiehimto khamdhehimto dupadesiya khamdha davvatthayae bahuya. Evam eenam gamaenam java dasapadesiehimto khamdhehimto navapadesiya khamdha davvatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Dasapadesiyanam–puchchha. Goyama! Dasapadesiehimto khamdhehimto samkhejjapadesiya khamdha davvatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Samkhejjapadesiyanam–puchchha. Goyama! Samkhejjapadesiehimto khamdhehimto asamkhejjapadesiya khamdha davvatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Asamkhejjapadesiyanam–puchchha. Goyama! Anamtapadesiehimto khamdhehimto asamkhejjapadesiya khamdha davvatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Paramanupoggalanam dupadesiyanam ya khamdhanam padesatthayae kayare kayarehimto bahuya? Goyama! Paramanupoggalehimto dupadesiya khamdha padesatthayae bahuya. Evam eenam gamaenam java navapadesiehimto khamdhehimto dasapadesiya khamdha padesatthayae bahuya. Evam savvattha puchchhiyavvam. Dasapadesi-ehimto khamdhehimto samkhejjapadesiya khamdha padesatthayae bahuya. Samkhejjapadesiehimto khamdhehimto asamkhejjapadesiya khamdha padesatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Asamkhejjapadesiyanam–puchchha. Goyama! Anamtapadesiehimto khamdhehimto asamkhejjapadesiya khamdha padesatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Egapadesogadhanam dupadesogadhana ya poggalanam davvatthayae kayare kayarehimto visesahiya? Goyama! Dupadesogadhehimto poggalehimto egapadesogadha poggala davvatthayae visesahiya. Evam eenam gamaenam tipadesogadhehimto poggalehimto dupadesogadha poggala davvatthayae visesahiya java dasapadesogadhehimto poggalehimto navapadesogadha poggala davvatthayae visesahiya. Dasapadesogadhehimto poggalehimto samkhejjapadesogadha poggala davvatthayae bahuya. Samkhejjapadesogadhehimto poggalehimto asamkhejjapadesogadha poggala davvatthayae bahuya. Puchchha savvattha bhaniyavva. Eesi nam bhamte! Egapadesogadhanam dupadesogadhanam ya poggalanam padesatthayae kayare kayarehimto visesahiya? Goyama! Egapadesogadhehimto poggalehimto dupadesogadha poggala padesatthayae visesahiya. Evam java navapadesogadhehimto poggalehimto dasapadesogadha poggala padesatthayae visesahiya. Dasapadesegadhehimto poggalehimto samkhejjapadesogadha poggala padesatthayae bahuya. Samkhejjapadesogadhe-himto poggalehimto asamkhejjapadesogadha poggala padesatthayae bahuya. Eesi nam bhamte! Egasamayatthitiyanam dusamayatthitiyana ya poggalanam davvatthayae? Jaha ogahanae vattavvaya evam thitie vi. Eesi nam bhamte! Egagunakalaganam dugunakalagana ya poggalanam davvatthayae? Eesi nam jaha paramanupoggaladinam taheva vattavvaya niravasesa. Evam savvesim vanna-gamdha-rasanam. Eesi nam bhamte! Egagunakakkhadanam dugunakakkhadana ya poggalanam davvatthayae kayare kayarehimto visesahiya? Goyama! Egagunakakkhadehimto poggalehimto dugunakakkhada poggala davvatthayae visesahiya. Evam java navagunakakkhadehimto poggalehimto dasagunakakkhada poggala davvatthayae visesahiya. Dasagunakakkhadehimto poggalehimto samkhejjagunakakkhada poggala davvatthayae bahuya. Samkhejjaguna-kakkhadehimto poggalehimto asamkhejjagunakakkhada poggala davva tthayae bahuya. Asamkhejjaguna- kakkhadehimto poggalehimto anamtagunakakkhada poggala davvatthayae bahuya. Evam padesatthayae vi. Savvattha puchchha bhaniyavva. Jaha kakkhada evam mauya-garuya-lahuya vi. Siya-usina-niddha-lukkha jaha vanna.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Paramanu – pudgala samkhyata haim, asamkhyata haim athava ananta haim\? Gautama ! Samkhyata nahim, asamkhyata bhi nahim, kintu ananta haim. Isi prakara yavat anantapradeshi skandha taka janana. Bhagavan ! Akasha ke eka pradesha mem rahe hue pudgala samkhyata haim, asamkhyata haim ya ananta haim\? Gautama ! Ananta haim. Isi prakara yavat asamkhyeya pradeshom mem rahe hue pudgalom taka janana chahie. Bhagavan ! Eka samaya ki sthiti vale pudgala samkhyata haim, asamkhyata haim ya ananta haim\? Gautama ! Purvavat janana. Isi prakara yavat asamkhyata – samaya ki sthiti vale pudgalom ke vishaya mem bhi kahana chahie Bhagavan ! Ekaguna kale pudgala samkhyata haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Purvavat janana. Isi prakara yavat anantaguna kale pudgalom ke vishaya mem janana. Isi prakara shesha varna, gandha, rasa aura sparsha vale pudgalom ke vishaya mem bhi anantaguna ruksha paryanta janana. Bhagavan ! Paramanu – pudgala aura dvipradeshi skandha dravyartha se kauna kisase alpa, bahuta, tulya ya visheshadhika haim\? Gautama ! Dvipradeshi skandhom se paramanu pudgala dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Dvipradeshi aura tripradeshi skandhom mem dravyartha se kauna kisase alpa, bahuta, tulya ya visheshadhika haim\? Gautama ! Tripradeshi skandha se dvipradeshi skandha dravyartha se bahuta haim. Isa gamaka anusara yavat dashapradeshi skandhom se navapradeshi skandha dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Dasha – pradeshi skandhom aura samkhyatapradeshi skandhom mem dravyartha se kauna kisase visheshadhika haim\? Gautama ! Dashapradeshika skandhom se samkhyatapradeshi skandha dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Ina samkhyatapradeshi skandhom aura asamkhyatapradeshi skandhom mem dravyartha se kauna kisase alpa haim\? Gautama ! Samkhyatapradeshi skandhom se asamkhyatapradeshi skandha dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi skandhom aura anantapradeshi skandhom mem dravyartha se kauna kisase alpa haim\? Gautama ! Ananta – pradeshi skandhom se asamkhyatapradeshi skandha dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Paramanu – pudgala aura dvipradeshi skandhom mem pradeshartharupa se kauna kisase bahuta haim\? Gautama ! Paramanu – pudgalom se dvipradeshi skandha pradeshartharupa se bahuta haim. Isa prakara isa gamaka anusara yavat navapradeshi skandhom se dashapradeshi skandha pradeshartharupa se bahuta haim. Isa prakara dashapradeshi skandhom se samkhyatapradeshi skandha pradeshartharupa se bahuta haim. Samkhyatapradeshi skandhom se asamkhyatapradeshi skandha pradeshartharupa se bahuta haim. Bhagavan ! Asamkhyatapradeshi skandhom aura anantapradeshi skandhom mem kauna kisase bahuta haim\? Gautama ! Anantapradeshi skandhom se asamkhyatapradeshi skandha pradeshartha rupa se bahuta haim. Bhagavan ! Ekapradeshavagarha aura dvipradeshavagarha pudgalom mem, dravyartha se kauna kisase yavat visheshadhika hai\? Gautama ! Dvipradeshavagarha pudgalom se eka pradeshavagarha pudgala dravyartha se visheshadhika haim. Isi gamaka anusara yavat dashapradeshavagarha pudgalom se navapradeshavagarha pudgala dravyartha se visheshadhika haim. Dashapradeshavagarha pudgalom se samkhyata pradeshavagarha pudgala dravyartha se bahuta haim. Samkhyatapradeshavagarha pudgalom se asamkhyatapradeshavagarha pudgala dravyartha se bahuta haim. Bhagavan ! Ekapradeshavagarha aura dvipradeshavagarha pudgalom mem\? Gautama ! Ekapradeshavagarha pudgalom se dviprade – shavagarha pudgala pradeshartharupa se visheshadhika haim. Isi prakara yavat navapradeshavagarha pudgalom se dashapradeshavagarha. Dashapradeshavagarha pudgalom se samkhyatapradeshavagarha pudgala aura samkhyatapradeshavagarha pudgalom se asamkhyatapradeshavagarha pudgala pradeshartha se bahuta haim. Bhagavan ! Eka samaya ki sthiti vale aura do samaya ki sthiti vale pudgalom mem dravyartha rupa se kauna kisase yavat visheshadhika hai\? Avagahana anusara sthiti ki vaktavyata janana. Bhagavan ! Ekaguna kale aura dviguna kale pudgalom mem dravyartharupa se kauna kinase yavat visheshadhika haim\? Gautama ! Paramanu pudgala anusara inaki sampurna vaktavyata janani chahie. Isi prakara sabhi varnom, gandhom aura rasom ke vishaya mem vaktavyata janani chahie. Bhagavan ! Ekaguna karkasha aura dviguna karkasha pudgalom mem\? Gautama ! Ekaguna karkasha pudgalom se dviguna karkasha pudgala dravyartharupa se visheshadhika haim. Isi prakara yavat navaguna – karkasha pudgalom se dashaguna – karkasha pudgala. Dashaguna – karkasha pudgalom se samkhyataguna – karkasha pudgala. Samkhyataguna – karkasha pudgalom se asamkhyataguna – karkasha pudgala aura asamkhyataguna – karkasha pudgalom se anantaguna – karkasha pudgala dravyartharupa se bahuta haim. Pradeshartha rupa se samagra vaktavyata bhi isi prakara janani chahie. Karkasha sparsha sambandhi vaktavyata ke anusara mridu, guru aura laghu sparsha ke vishaya mem samajhana chahie. Shita, ushna, snigdha aura ruksha sparsha ke vishaya mem varnom ki vaktavyata ke anusara janana chahie.