Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1003896
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-८

Translated Chapter :

शतक-८

Section : उद्देशक-२ आशिविष Translated Section : उद्देशक-२ आशिविष
Sutra Number : 396 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] नाणी णं भंते! नाणी ति कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! नाणी दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. सादीए वा अपज्जवसिए २. सादीए वा सपज्जवसिए। तत्थ णं जे से सादीए सप-ज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छावट्ठिं सागरोवमाइं सातिरेगाइं। आभिनिबोहियनाणी णं भंते! आभिनिबोहिय नाणी ति कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! एवं चेव। एवं सुयनाणी वि। ओहिनाणी वि एवं चेव, नवरं–जहन्नेणं एक्कं समयं। मनपज्जवनाणी णं भंते! मनपज्जवनाणी ति कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं देसूणं पुव्वकोडिं। केवलनाणी णं भंते! केवलनाणी ति कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! सादीए अपज्जवसिए। अन्नाणी, मइअन्नाणी, सुयअन्नाणी णं भंते! पुच्छा। गोयमा! अन्नाणी, मइअन्नाणी, सुयअन्नाणी य तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. अनादीए वा अपज्जवसिए २. अनादीए वा सपज्जवसिए ३. सादीए वा सपज्जवसिए। तत्थ णं जे से सादीए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अनंतं कालं–अनंता ओसप्पिणी उस्सप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अवड्ढ पोग्गलपरियट्टं देसूणं। विभंगनाणी णं भंते! पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियाइं। आभिनिबोहियनाणिस्स णं भंते! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अनंतं कालं जाव अवड्ढं पोग्गलपरियट्टं देसूणं। सुयनाणि-ओहिनाणि-मनपज्जवनाणीणं एवं चेव। केवलनाणिस्स पुच्छा। गोयमा! नत्थि अंतरं। मइअन्नाणिस्स सुयअन्नाणिस्स य पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छावट्ठिं सागरोवमाइं साइरेगाइं। विभंगनाणिस्स पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वणस्सइकालो। एतेसि णं भंते! जीवाणं आभिनिबोहियनाणीणं, सुयनाणीणं, ओहिनाणीणं मनपज्जवनाणीणं केवलनाणीणं य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा मनपज्जवनाणी, ओहिनाणी असंखेज्जगुणा, आभिनिबोहिय-नाणी सुयनाणी दो वि तुल्ला विसेसाहिया, केवलनाणी अनंतगुणा। एतेसि णं भंते! जीवाणं मइअन्नाणीणं, सुयअन्नाणीणं, विभंगनाणीण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा विभंगनाणी, मइअन्नाणी सुयअन्नाणी दो वि तुल्ला अनंतगुणा। एतेसि णं भंते! जीवाणं आभिनिबोहियनाणीणं सुयनाणीणं ओहिनाणीणं मनपज्जवनाणीणं केवलनाणीणं मति अन्नाणीणं सुयअन्नाणीणं विभंगनाणीण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा मनपज्जवनाणी, ओहिनाणी असंखेज्जगुणा, आभिनिबोहिय-नाणी सुयनाणी य दो वि तुल्ला विसेसाहिया, विभंगनाणी असंखेज्जगुणा, केवलनाणी अनंतगुणा, मइअन्नाणी सुयअन्नाणी य दो वि तुल्ला अनंतगुणा। केवतिया णं भंते! आभिनिबोहियनाणपज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता आभिनिबोहियनाणपज्जवा पन्नत्ता। केवतिया णं भंते! सुयनाणपज्जवा पन्नत्ता? एवं चेव। एवं जाव केवलनाणस्स। एवं मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स। केवतिया णं भंते! विभंगनाणपज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता विभंगनाणपज्जवा पन्नत्ता। एतेसि णं भंते! आभिनिबोहियनाणपज्जवाणं, सुयनाणपज्जवाणं, ओहिनाणपज्जवाणं, मन-पज्जवनाणपज्जवाणं, केवलनाणपज्जवाणं य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा मनपज्जवनाणपज्जवा, ओहिनाणपज्जवा, अनंतगुणा, सुयनाण-पज्जवा अनंतगुणा, आभिनिबोहियनाणपज्जवा अनंतगुणा, केवलनाणपज्जवा अनंतगुणा। एएसि णं भंते! मइअन्नाणपज्जवाणं, सुयअन्नाणपज्जवाणं, विभंगनाणपज्जवाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा विभंगनाणपज्जवा, सुयअन्नाणपज्जवा अनंतगुणा, मइअन्नाणपज्जवा अनंतगुणा। एएसि णं भंते! आभिनिबोहियनाणपज्जवाणं जाव केवलनाणपज्जवाणं, मइअन्नाणपज्जवाणं, सुयअन्नाणपज्जवाणं, विभंगनाणपज्जवाणं य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा मनपज्जवनाणपज्जवा, विभंगनाणपज्जवा अनंतगुणा, ओहिनाणपज्जवा अनंतगुणा, सुयअन्नाणपज्जवा अनंतगुणा, सुयनाणपज्जवा विसेसाहिया, मइ-अन्नाणपज्जवा अनंतगुणा, आभिनिबोहियनाणपज्जवा विसेसाहिया, केवलनाणपज्जवा अनंतगुणा सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! ज्ञानी ’ज्ञानी’ के रूप में कितने काल तक रहता है ? गौतम ! ज्ञानी दो प्रकार के हैं। – सादि – अपर्यवसित और सादि – सपर्यवसित। इनमें से जो सादि – सपर्यवसित ज्ञानी हैं, वे जघन्यतः अन्तमुहूर्त्त तक और उत्कृष्टतः कुछ अधिक छियासठ सागरोपम तक ज्ञानीरूप में रहते हैं। भगवन्‌ ! आभिनिबोधिकज्ञानी आभिनिबो – धिकज्ञानी के रूप में कितने काल तक रहता है ? गौतम ! ज्ञानी, आभिनिबोधिकज्ञानी यावत्‌ केवलज्ञानी, अज्ञानी, मति – अज्ञानी यावत्‌ विभंगज्ञानी, इन दस का अवस्थितिकाल कायस्थितिपद अनुसार जानना। इन सब का अन्तर जीवाभिगमसूत्र अनुसार जानना। इन सबका अल्पबहुत्व बहुवक्तव्यता पद अनुसार जानना। भगवन्‌ ! आभिनिबोधिकज्ञान के पर्याय कितने हैं ? गौतम ! अनन्त पर्याय हैं। भगवन्‌ ! श्रुतज्ञान के पर्याय कितने हैं ? गौतम ! अनन्त पर्याय हैं। इसी प्रकार यावत्‌, केवलज्ञान के भी अनन्त पर्याय हैं। इसी प्रकार मति – अज्ञान और श्रुत – अज्ञान के भी अनन्त पर्याय हैं। भगवन्‌ ! विभंगज्ञान के कितने पर्याय कहे गए हैं ? गौतम ! विभंगज्ञान के अनन्त पर्याय हैं। भगवन्‌ ! इन (पूर्वोक्त) आभिनिबोधिकज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मनःपर्यवज्ञान और केवलज्ञान के पर्यायों में किनके पर्याय, किनके पर्यायों से अल्प, यावत्‌ (बहुत, तुल्य या) विशेषाधिक हैं ? गौतम ! मनःपर्यवज्ञान के पर्याय सबसे थोड़े हैं, उनसे अवधिज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे श्रुतज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे आभिनिबोधिकज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं और उनसे केवलज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं। भगवन्‌ ! इन मति – अज्ञान, श्रुत – अज्ञान और विभंगज्ञान के पर्यायों में किनके पर्याय, किनके पर्यायों से यावत्‌ विशेषाधिक हैं। गौतम ! सबसे थोड़े विभंगज्ञान के पर्याय हैं, उनसे श्रुत – अज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं और उनसे मति – अज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं। भगवन्‌ ! इन आभिनिबोधिकज्ञान – पर्याय यावत्‌ केवलज्ञान – पर्यायों में तथा मति – अज्ञान, श्रुत – अज्ञान और विभंगज्ञान के पर्यायों में किसके पर्याय, किसके पर्यायों से यावत्‌ विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े मनः पर्यवज्ञान के पर्याय हैं, उनसे विभंगज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे अवधिज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे श्रुत – अज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे श्रुतज्ञान के पर्याय विशेषाधिक हैं, उनसे मति – अज्ञान के पर्याय अनन्तगुणे हैं, उनसे आभिनिबोधिकज्ञान के पर्याय विशेषाधिक हैं और केवलज्ञान के पर्याय उनसे अनन्तगुणे हैं। ‘हे भगवन्‌ ! यह इसी प्रकार है, यह इसी प्रकार है’; यों कहकर यावत्‌ गौतमस्वामी विचरण करने लगे।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] nani nam bhamte! Nani ti kalao kevachchiram hoi? Goyama! Nani duvihe pannatte, tam jaha–1. Sadie va apajjavasie 2. Sadie va sapajjavasie. Tattha nam je se sadie sapa-jjavasie se jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam chhavatthim sagarovamaim satiregaim. Abhinibohiyanani nam bhamte! Abhinibohiya nani ti kalao kevachchiram hoi? Goyama! Evam cheva. Evam suyanani vi. Ohinani vi evam cheva, navaram–jahannenam ekkam samayam. Manapajjavanani nam bhamte! Manapajjavanani ti kalao kevachchiram hoi? Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam desunam puvvakodim. Kevalanani nam bhamte! Kevalanani ti kalao kevachchiram hoi? Goyama! Sadie apajjavasie. Annani, maiannani, suyaannani nam bhamte! Puchchha. Goyama! Annani, maiannani, suyaannani ya tivihe pannatte, tam jaha–1. Anadie va apajjavasie 2. Anadie va sapajjavasie 3. Sadie va sapajjavasie. Tattha nam je se sadie sapajjavasie se jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam anamtam kalam–anamta osappini ussappinio kalao, khettao avaddha poggalapariyattam desunam. Vibhamganani nam bhamte! Puchchha. Goyama! Jahannenam ekkam samayam, ukkosenam tettisam sagarovamaim desunae puvvakodie abbhahiyaim. Abhinibohiyananissa nam bhamte! Amtaram kalao kevachchiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam anamtam kalam java avaddham poggalapariyattam desunam. Suyanani-ohinani-manapajjavananinam evam cheva. Kevalananissa puchchha. Goyama! Natthi amtaram. Maiannanissa suyaannanissa ya puchchha. Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam chhavatthim sagarovamaim sairegaim. Vibhamgananissa puchchha. Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam vanassaikalo. Etesi nam bhamte! Jivanam abhinibohiyananinam, suyananinam, ohinaninam manapajjavananinam kevalananinam ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova jiva manapajjavanani, ohinani asamkhejjaguna, abhinibohiya-nani suyanani do vi tulla visesahiya, kevalanani anamtaguna. Etesi nam bhamte! Jivanam maiannaninam, suyaannaninam, vibhamgananina ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova jiva vibhamganani, maiannani suyaannani do vi tulla anamtaguna. Etesi nam bhamte! Jivanam abhinibohiyananinam suyananinam ohinaninam manapajjavananinam kevalananinam mati annaninam suyaannaninam vibhamgananina ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova jiva manapajjavanani, ohinani asamkhejjaguna, abhinibohiya-nani suyanani ya do vi tulla visesahiya, vibhamganani asamkhejjaguna, kevalanani anamtaguna, maiannani suyaannani ya do vi tulla anamtaguna. Kevatiya nam bhamte! Abhinibohiyananapajjava pannatta? Goyama! Anamta abhinibohiyananapajjava pannatta. Kevatiya nam bhamte! Suyananapajjava pannatta? Evam cheva. Evam java kevalananassa. Evam maiannanassa suyaannanassa. Kevatiya nam bhamte! Vibhamgananapajjava pannatta? Goyama! Anamta vibhamgananapajjava pannatta. Etesi nam bhamte! Abhinibohiyananapajjavanam, suyananapajjavanam, ohinanapajjavanam, mana-pajjavananapajjavanam, kevalananapajjavanam ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova manapajjavananapajjava, ohinanapajjava, anamtaguna, suyanana-pajjava anamtaguna, abhinibohiyananapajjava anamtaguna, kevalananapajjava anamtaguna. Eesi nam bhamte! Maiannanapajjavanam, suyaannanapajjavanam, vibhamgananapajjavana ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova vibhamgananapajjava, suyaannanapajjava anamtaguna, maiannanapajjava anamtaguna. Eesi nam bhamte! Abhinibohiyananapajjavanam java kevalananapajjavanam, maiannanapajjavanam, suyaannanapajjavanam, vibhamgananapajjavanam ya kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! Savvatthova manapajjavananapajjava, vibhamgananapajjava anamtaguna, ohinanapajjava anamtaguna, suyaannanapajjava anamtaguna, suyananapajjava visesahiya, mai-annanapajjava anamtaguna, abhinibohiyananapajjava visesahiya, kevalananapajjava anamtaguna Sevam bhamte! Sevam bhamte! Tti.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Jnyani ’jnyani’ ke rupa mem kitane kala taka rahata hai\? Gautama ! Jnyani do prakara ke haim. – sadi – aparyavasita aura sadi – saparyavasita. Inamem se jo sadi – saparyavasita jnyani haim, ve jaghanyatah antamuhurtta taka aura utkrishtatah kuchha adhika chhiyasatha sagaropama taka jnyanirupa mem rahate haim. Bhagavan ! Abhinibodhikajnyani abhinibo – dhikajnyani ke rupa mem kitane kala taka rahata hai\? Gautama ! Jnyani, abhinibodhikajnyani yavat kevalajnyani, ajnyani, mati – ajnyani yavat vibhamgajnyani, ina dasa ka avasthitikala kayasthitipada anusara janana. Ina saba ka antara jivabhigamasutra anusara janana. Ina sabaka alpabahutva bahuvaktavyata pada anusara janana. Bhagavan ! Abhinibodhikajnyana ke paryaya kitane haim\? Gautama ! Ananta paryaya haim. Bhagavan ! Shrutajnyana ke paryaya kitane haim\? Gautama ! Ananta paryaya haim. Isi prakara yavat, kevalajnyana ke bhi ananta paryaya haim. Isi prakara mati – ajnyana aura shruta – ajnyana ke bhi ananta paryaya haim. Bhagavan ! Vibhamgajnyana ke kitane paryaya kahe gae haim\? Gautama ! Vibhamgajnyana ke ananta paryaya haim. Bhagavan ! Ina (purvokta) abhinibodhikajnyana, shrutajnyana, avadhijnyana, manahparyavajnyana aura kevalajnyana ke paryayom mem kinake paryaya, kinake paryayom se alpa, yavat (bahuta, tulya ya) visheshadhika haim\? Gautama ! Manahparyavajnyana ke paryaya sabase thore haim, unase avadhijnyana ke paryaya anantagune haim, unase shrutajnyana ke paryaya anantagune haim, unase abhinibodhikajnyana ke paryaya anantagune haim aura unase kevalajnyana ke paryaya anantagune haim. Bhagavan ! Ina mati – ajnyana, shruta – ajnyana aura vibhamgajnyana ke paryayom mem kinake paryaya, kinake paryayom se yavat visheshadhika haim. Gautama ! Sabase thore vibhamgajnyana ke paryaya haim, unase shruta – ajnyana ke paryaya anantagune haim aura unase mati – ajnyana ke paryaya anantagune haim. Bhagavan ! Ina abhinibodhikajnyana – paryaya yavat kevalajnyana – paryayom mem tatha mati – ajnyana, shruta – ajnyana aura vibhamgajnyana ke paryayom mem kisake paryaya, kisake paryayom se yavat visheshadhika haim\? Gautama ! Sabase thore manah paryavajnyana ke paryaya haim, unase vibhamgajnyana ke paryaya anantagune haim, unase avadhijnyana ke paryaya anantagune haim, unase shruta – ajnyana ke paryaya anantagune haim, unase shrutajnyana ke paryaya visheshadhika haim, unase mati – ajnyana ke paryaya anantagune haim, unase abhinibodhikajnyana ke paryaya visheshadhika haim aura kevalajnyana ke paryaya unase anantagune haim. ‘he bhagavan ! Yaha isi prakara hai, yaha isi prakara hai’; yom kahakara yavat gautamasvami vicharana karane lage.