Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Sr No : | 1003887 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-८ |
Translated Chapter : |
शतक-८ |
Section : | उद्देशक-१ पुदगल | Translated Section : | उद्देशक-१ पुदगल |
Sutra Number : | 387 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दो भंते दव्वा! किं पयोगपरिणया? मीसापरिणया? वीससापरिणया? गोयमा! १. पयोगपरिणया वा २. मीसापरिणया वा ३. वीससापरिणया वा ४. अहवेगे पयोग-परिणए, एगे मीसापरिणए ५. अहवेगे पयोगपरिणए, एगे वीससापरिणए ६. अहवेगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए। जइ पयोगपरिणया किं मनपयोगपरिणया? वइपयोगपरिणया? कायपयोगपरिणया? गोयमा! १. मनपयोगपरिणया वा २. वइपयोगपरिणया वा ३. कायपयोगपरिणया वा ४. अहवेगे मनपयोगपरिणए, एगे वइपयोगपरिणए ५. अहवेगे मनपयोगपरिणए, एगे कायपयोगपरिणए ६. अहवेगे वइपयोगपरिणए, एगे कायपयोगपरिणए। जइ मनपयोगपरिणया किं सच्चमनपयोगपरिणया? असच्चमनपयोगपरिणया? सच्चमोसमनपयोगपरिणया? असच्चमोसमनपयोगपरिणया? गोयमा! १. सच्चमनपयोगपरिणया वा जाव असच्चमोसमनपयोगपरिणया वा ५. अहवेगे सच्चमनपयोगपरिणए, एगे मोस-मनपयोगपरिणए ६. अहवेगे सच्चमनपयोगपरिणए, एगे सच्चमोसमनपयोगपरिणए ७. अहवेगे सच्चमनपयोगपरिणए, एगे असच्चमोसमनपयोगपरिणए ८. अहवेगे मोसमनपयोगपरिणए, एगे सच्चमोसमनपयोगपरिणए ९. अहवेगे मोसमनपयोग-परिणए, एगे असच्चमोसमनपयोगपरिणए, १. अहवेगे सच्चमोसमनपयोगपरिणए, एगे असच्च-मोसमन-पयोगपरिणए। जइ सच्चमनपयोगपरिणया किं आरंभसच्चमनपयोगपरिणया? जाव असमारंभ-सच्चमन पयोग-परिणया? गोयमा! आरंभसच्चमनपयोगपरिणया वा जाव असमारंभसच्चमनपयोगपरिणया वा, अहवेगे आरंभसच्चमनपयोगपरिणए, एगे अनारंभसच्चमनपयोगपरिणए। एवं एएणं गमेणं दुया-संजोएणं नेयव्वं, सव्वे संजोगा जत्थ जत्तिया उट्ठेंति ते भाणियव्वा जाव सव्वट्ठसिद्धगति। जइ मीसापरिणया किं मनमीसापरिणया? एवं मीसापरिणया वि। जइ वीससापरिणया किं वण्णपरिणया? गंधपरिणया? एवं वीससापरिणया वि जाव अहवेगे चउरंससंठाणपरिणए, एगे आयतसंठाणपरिणए। तिन्नि भंते! दव्वा किं पयोगपरिणया? मीसापरिणया? वीससापरिणया? गोयमा! १. पयोगपरिणया वा २. मीसापरिणया वा ३. वीससापरिणया वा ४. अहवेगे पयोगपरिणए, दो मीसापरिणया ५. अहवेगे पयोगपरिणए, दो वीससापरिणया ६. अहवा दो पयोगपरिणया, एगे मीसापरिणए ७. अहवा दो पयोगपरिणया, एगे वीससापरिणए ८. अहवेगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणया ९. अहवा दो मीसापरिणया, एगे वीससापरिणए १. अहवेगे पयोगपरिणए, एगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए। जइ पयोगपरिणया किं मनपयोगपरिणया? वइपयोगपरिणया? कायपयोगपरिणया? गोयमा! मनपयोगपरिणया वा, एवं एक्कासंयोगो, दुयासंयोगो, तियासंयोगो य भाणियव्वो। जइ मनपयोगपरिणया किं सच्चमनपयोगपरिणया? असच्चमनपयोगपरिणया? सच्चमोस-मनपयोगपरिणया? असच्चमोसमनपयोगपरिणया? गोयमा! सच्चमनपयोगपरिणया वा जाव असच्चामोसमनपयोगपरिणया वा, अहवेगे सच्चमनपयोगपरिणए, दो मोसमनप-योगपरिणया। एवं दुयासंयोगो, तियासंयोगो भाणियव्वो एत्थ वि तहेव जाव अहवेगे तंससंठाणपरिणए, एगे चउरंससंठाणपरिणए, एगे आयतसंठाणपरिणए। चत्तारि भंते! दव्वा किं पयोगपरिणया? मीसापरिणया? वीससापरिणया? गोयमा! १. पयोगपरिणया वा २. मीसापरिणया वा ३. वीससापरिणया वा ४. अहवेगे पयोगपरिणए, तिन्नि मीसापरिणया ५. अहवेगे पयोगपरिणए, तिन्नि वीससापरिणया ६. अहवा दो पयोगपरिणया, दो मीसापरिणया ७. अहवा दो पयोगपरिणया, दो वीससापरिणया ८. अहवा तिन्नि पयोगपरिणया, एगे मीसापरिणए ९. अहवा तिन्नि पयोगपरिणया, एगे वीससापरिणए १. अहवेगे मीसापरिणए, तिन्नि वीससापरिणया ११. अहवा दो मीसापरिणया, दो वीससापरिणया १२. अहवा तिन्नि मीसापरिणया एगे वीससापरिणए १३. अहवेगे पयोगपरिणए, एगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणया १४. अहवेगे पयोगपरिणए, दो मीसापरि-णया, एगे वीससापरिणए १५. अहवा दो पयोगपरिणया, एगे मीसापरिणए, एगे वीससापरिणए। जइ पयोगपरिणया किं मणपयोगपरिणया? वइपयोगपरिणया? कायपयोगपरिणया? एवं एएणं कमेणं पंच छ सत्त जाव दस संखेज्जा असंखेज्जा अनंता य दव्वा भाणियव्वा–दुयासंजोएणं तियासंजोएणं जाव दससंजोएणं बारससंजोएणं उवजुंजिऊणं जत्थ जत्तिया संजोगा उट्ठेंति ते सव्वे भाणियव्वा; एए पुण जहा नवमसए पवेसणए भणिहामो तहा उवजुंजिऊण भाणियव्वा जाव असंखेज्जा अनंता एवं चेव, नवरं–एक्कं पदं अब्भहियं जाव अहवा अनंता परिमंडल संठाणपरिणया जाव अनंता आयतसंठाणपरिणया। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! दो द्रव्य क्या प्रयोगपरिणत होते हैं, मिश्रपरिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं ? गौतम ! वे प्रयोगपरिणत होते हैं, या मिश्रपरिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा एक द्रव्यप्रयोगपरिणत होते हैं और दूसरा मिश्रपरिणत होता है; या एक द्रव्यप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा द्रव्य विस्रसापरिणत होता है, अथवा एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है और दूसरा विस्रसापरिणत होता है। इस प्रकार छह भंग होते हैं। यदि वे दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं, तो क्या मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या वचनप्रयोगपरिणत होते हैं अथवा कायप्रयोग – परिणत होते हैं ? गौतम ! वे (दो द्रव्य) या तो मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या वचनप्रयोग – परिणत होते हैं, अथवा कायप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा उनमें से एक द्रव्यमनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा वचनप्रयोगपरिणत होता है, अथवा एक द्रव्य मनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा कायप्रयोगपरिणत होता है या एक द्रव्य वचनप्रयोग – परिणत होता है और दूसरा कायप्रयोगपरिणत होता है। भगवन् ! यदि वे (दो द्रव्य) मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, तो क्या सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या असत्य – मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा सत्यमृषामनःप्रयोग – परिणत होते हैं, या असत्यामृषा – मनःप्रयोगपरिणत होते हैं ? गौतम ! वे (दो द्रव्य) सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं, यावत् असत्या मृषामनःप्रयोगपरिणत होते हैं; या उनमें से एक द्रव्य सत्यमनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा मृषामनःप्रयोग – परिणत होता है, अथवा एक द्रव्य सत्यमनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा सत्यमृषामनःप्रयोगपरिणत होता है, या एक द्रव्य सत्यमनःप्रयोग – परिणत होता है और दूसरा असत्यामृषामनः – प्रयोगपरिणत होता है; अथवा एक द्रव्य मृषामनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा सत्यमृषामनःप्रयोगपरिणत होता है, या एक द्रव्य मृषामनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा असत्यामृषामनःप्रयोगपरिणत होता है अथवा एक द्रव्य सत्यमृषामनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा असत्यामृषामनःप्रयोगपरिणत होता है। भगवन् ! यदि वे सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं तो क्या वे आरम्भ – सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं या यावत् असमारम्भसत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं ? गौतम ! वे द्रव्य आरम्भ – सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा यावत् असमारम्भसत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं; अथवा एक द्रव्य आरम्भ – सत्यमनःप्रयोगपरिणत होता है और दूसरा अनारम्भसत्य – मनःप्रयोगपरिणत होता है; इसी प्रकार इस पाठ के अनुसार द्विकसंयोगी भंग करना। जहाँ जितने भी द्विकसंयोग हो सकें, उतने सभी वहाँ सर्वार्थसिद्धवैमानिक पर्यन्त कहना। भगवन् ! यदि वे (दो द्रव्य) मिश्रपरिणत होते हैं तो मनोमिश्रपरिणत होते हैं ? प्रयोगपरिणत के अनुसार मिश्रपरिणत के सम्बन्ध में भी कहना। भगवन् ! यदि दो द्रव्य विस्रसा – परिणत होते हैं, तो क्या वे वर्णरूप से परिणत होते हैं, गंधरूप से परिणत होते हैं, (अथवा यावत् संस्थानरूप से परिणत होते हैं ?) गौतम ! जिस प्रकार पहले कहा गया है, उसी प्रकार विस्रसापरिणत के विषय में कहना चाहिए कि अथवा एक द्रव्य चतुरस्रसंस्थानरूप से परिणत होता है, यावत् एक द्रव्य आयतसंस्थान रूप से परिणत होता है। भगवन् ! तीन द्रव्य क्या प्रयोगपरिणत होते हैं, मिश्रपरिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं ? गौतम! तीन द्रव्य या तो १. प्रयोगपरिणत होते हैं, या मिश्रपरिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं, या २. एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है और दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं, या एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है और दो द्रव्य विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं और एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है, अथवा दो द्रव्य प्रयोग – परिणत होते हैं, और एक द्रव्य विस्रसापरिणत होता है; अथवा एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है और दो द्रव्य विस्रसा – परिणत होते हैं, अथवा दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रसा – परिणत होता है; या एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है, एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है और एक द्रव्य विस्रसापरिणत होता है। भगवन् ! यदि वे तीनों द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं, तो क्या मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या वचनप्रयोगपरिणत होते हैं अथवा वे काय – प्रयोगपरिणत होते हैं ? गौतम ! वे या तो मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या वचनप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा काय – प्रयोगपरिणत होते हैं। इस प्रकार एकसंयोगी, द्विकसंयोगी और त्रिकसंयोगी भंग कहना। भगवन् ! यदि तीन द्रव्य मनःप्रयोग – परिणत होते हैं, तो क्या वे सत्यमनःप्रयोगपरिणत होते हैं, इत्यादि प्रश्न है। गौतम ! वे (त्रिद्रव्य) सत्य – मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा यावत् असत्यामृषामनःप्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा उनमें से एक द्रव्य सत्यमनः प्रयोगपरिणत होता है और दो द्रव्य मृषामनःप्रयोगपरिणत होते हैं; इत्यादि प्रकार से यहाँ भी द्विकसंयोगी भंग कहने। तीन द्रव्यों के प्रयोगपरिणत की तरह ही यहाँ भी पूर्ववत् मिश्रपरिणत और विस्रसापरिणत के भंग अथवा एक त्र्यंस संस्थानरूप से परिणत हो, एक समचतुरस्रसंस्थानरूप से परिणत हो और एक आयतसंस्थानरूप से परिणत हो तक कहना। भगवन् ! चार द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं, या मिश्रपरिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं ? गौतम! वे या तो प्रयोगपरिणत होते हैं, या मिश्र – परिणत होते हैं, अथवा विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा एक द्रव्य प्रयोग – परिणत होता है, तीन मिश्रपरिणत होते हैं, या एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है और तीन विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं और दो मिश्रपरिणत होते हैं, या दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं और दो विस्रसा परिणत होते हैं; अथवा तीन द्रव्य प्रयोग – परिणत होते हैं और एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है; अथवा तीन द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रसापरिणत होता है; अथवा एक द्रव्य मिश्र – परिणत होता है और तीन द्रव्य विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं और दो द्रव्य विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा तीन द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रसापरिणत होता है, अथवा एक प्रयोगपरिणत होता है, एक मिश्रपरिणत होता है और दो विस्रसापरिणत होते हैं, अथवा एक प्रयोगपरिणत होता है, दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रसापरिणत होता है, अथवा दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं, एक मिश्रपरिणत होता है और एक विस्रसा – परिणत होता है। भगवन् ! यदि चार द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं तो क्या वे मनःप्रयोगपरिणत होते हैं, या वचन – प्रयोगपरिणत होते हैं, अथवा कायप्रयोगपरिणत होते हैं ? गौतम ! ये सब पूर्ववत् कहना तथा इसी क्रम से पाँच, छह, सात, आठ, नौ, दस यावत् संख्यात, असंख्यात और अनन्त द्रव्यों के विषय में कहना। द्विकसंयोग से, त्रिक – संयोग से, यावत् दस के संयोग से, बारह के संयोग से, जहाँ जिसके जितने संयोगी भंग बनते हों, उतने सब भंग उपयोगपूर्वक कहना। ये सभी संयोगी भंग आगे नौवें शतक के बत्तीसवें उद्देशकमें जिस प्रकार हम कहेंगे, उसी प्रकार उपयोग लगाकर यहाँ भी कहना; यावत् अथवा अनन्त द्रव्य परिमण्डलसंस्थानरूप से परिणत होते हैं, यावत् अनन्त द्रव्य आयतसंस्थानरूप से परिणत होते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] do bhamte davva! Kim payogaparinaya? Misaparinaya? Visasaparinaya? Goyama! 1. Payogaparinaya va 2. Misaparinaya va 3. Visasaparinaya va 4. Ahavege payoga-parinae, ege misaparinae 5. Ahavege payogaparinae, ege visasaparinae 6. Ahavege misaparinae, ege visasaparinae. Jai payogaparinaya kim manapayogaparinaya? Vaipayogaparinaya? Kayapayogaparinaya? Goyama! 1. Manapayogaparinaya va 2. Vaipayogaparinaya va 3. Kayapayogaparinaya va 4. Ahavege manapayogaparinae, ege vaipayogaparinae 5. Ahavege manapayogaparinae, ege kayapayogaparinae 6. Ahavege vaipayogaparinae, ege kayapayogaparinae. Jai manapayogaparinaya kim sachchamanapayogaparinaya? Asachchamanapayogaparinaya? Sachchamosamanapayogaparinaya? Asachchamosamanapayogaparinaya? Goyama! 1. Sachchamanapayogaparinaya va java asachchamosamanapayogaparinaya va 5. Ahavege sachchamanapayogaparinae, ege mosa-manapayogaparinae 6. Ahavege sachchamanapayogaparinae, ege sachchamosamanapayogaparinae 7. Ahavege sachchamanapayogaparinae, ege asachchamosamanapayogaparinae 8. Ahavege mosamanapayogaparinae, ege sachchamosamanapayogaparinae 9. Ahavege mosamanapayoga-parinae, ege asachchamosamanapayogaparinae, 1. Ahavege sachchamosamanapayogaparinae, ege asachcha-mosamana-payogaparinae. Jai sachchamanapayogaparinaya kim arambhasachchamanapayogaparinaya? Java asamarambha-sachchamana payoga-parinaya? Goyama! Arambhasachchamanapayogaparinaya va java asamarambhasachchamanapayogaparinaya va, ahavege arambhasachchamanapayogaparinae, ege anarambhasachchamanapayogaparinae. Evam eenam gamenam duya-samjoenam neyavvam, savve samjoga jattha jattiya utthemti te bhaniyavva java savvatthasiddhagati. Jai misaparinaya kim manamisaparinaya? Evam misaparinaya vi. Jai visasaparinaya kim vannaparinaya? Gamdhaparinaya? Evam visasaparinaya vi java ahavege chauramsasamthanaparinae, ege ayatasamthanaparinae. Tinni bhamte! Davva kim payogaparinaya? Misaparinaya? Visasaparinaya? Goyama! 1. Payogaparinaya va 2. Misaparinaya va 3. Visasaparinaya va 4. Ahavege payogaparinae, do misaparinaya 5. Ahavege payogaparinae, do visasaparinaya 6. Ahava do payogaparinaya, ege misaparinae 7. Ahava do payogaparinaya, ege visasaparinae 8. Ahavege misaparinae, do visasaparinaya 9. Ahava do misaparinaya, ege visasaparinae 1. Ahavege payogaparinae, ege misaparinae, ege visasaparinae. Jai payogaparinaya kim manapayogaparinaya? Vaipayogaparinaya? Kayapayogaparinaya? Goyama! Manapayogaparinaya va, evam ekkasamyogo, duyasamyogo, tiyasamyogo ya bhaniyavvo. Jai manapayogaparinaya kim sachchamanapayogaparinaya? Asachchamanapayogaparinaya? Sachchamosa-manapayogaparinaya? Asachchamosamanapayogaparinaya? Goyama! Sachchamanapayogaparinaya va java asachchamosamanapayogaparinaya va, ahavege sachchamanapayogaparinae, do mosamanapa-yogaparinaya. Evam duyasamyogo, tiyasamyogo bhaniyavvo ettha vi taheva java ahavege tamsasamthanaparinae, ege chauramsasamthanaparinae, ege ayatasamthanaparinae. Chattari bhamte! Davva kim payogaparinaya? Misaparinaya? Visasaparinaya? Goyama! 1. Payogaparinaya va 2. Misaparinaya va 3. Visasaparinaya va 4. Ahavege payogaparinae, tinni misaparinaya 5. Ahavege payogaparinae, tinni visasaparinaya 6. Ahava do payogaparinaya, do misaparinaya 7. Ahava do payogaparinaya, do visasaparinaya 8. Ahava tinni payogaparinaya, ege misaparinae 9. Ahava tinni payogaparinaya, ege visasaparinae 1. Ahavege misaparinae, tinni visasaparinaya 11. Ahava do misaparinaya, do visasaparinaya 12. Ahava tinni misaparinaya ege visasaparinae 13. Ahavege payogaparinae, ege misaparinae, do visasaparinaya 14. Ahavege payogaparinae, do misapari-naya, ege visasaparinae 15. Ahava do payogaparinaya, ege misaparinae, ege visasaparinae. Jai payogaparinaya kim manapayogaparinaya? Vaipayogaparinaya? Kayapayogaparinaya? Evam eenam kamenam pamcha chha satta java dasa samkhejja asamkhejja anamta ya davva bhaniyavva–duyasamjoenam tiyasamjoenam java dasasamjoenam barasasamjoenam uvajumjiunam jattha jattiya samjoga utthemti te savve bhaniyavva; Ee puna jaha navamasae pavesanae bhanihamo taha uvajumjiuna bhaniyavva java asamkhejja anamta evam cheva, navaram–ekkam padam abbhahiyam java ahava anamta parimamdala samthanaparinaya java anamta ayatasamthanaparinaya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Do dravya kya prayogaparinata hote haim, mishraparinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim\? Gautama ! Ve prayogaparinata hote haim, ya mishraparinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim, athava eka dravyaprayogaparinata hote haim aura dusara mishraparinata hota hai; ya eka dravyaprayogaparinata hota hai aura dusara dravya visrasaparinata hota hai, athava eka dravya mishraparinata hota hai aura dusara visrasaparinata hota hai. Isa prakara chhaha bhamga hote haim. Yadi ve do dravya prayogaparinata hote haim, to kya manahprayogaparinata hote haim, ya vachanaprayogaparinata hote haim athava kayaprayoga – parinata hote haim\? Gautama ! Ve (do dravya) ya to manahprayogaparinata hote haim, ya vachanaprayoga – parinata hote haim, athava kayaprayogaparinata hote haim, athava unamem se eka dravyamanahprayogaparinata hota hai aura dusara vachanaprayogaparinata hota hai, athava eka dravya manahprayogaparinata hota hai aura dusara kayaprayogaparinata hota hai ya eka dravya vachanaprayoga – parinata hota hai aura dusara kayaprayogaparinata hota hai. Bhagavan ! Yadi ve (do dravya) manahprayogaparinata hote haim, to kya satyamanahprayogaparinata hote haim, ya asatya – manahprayogaparinata hote haim, athava satyamrishamanahprayoga – parinata hote haim, ya asatyamrisha – manahprayogaparinata hote haim\? Gautama ! Ve (do dravya) satyamanahprayogaparinata hote haim, yavat asatya mrishamanahprayogaparinata hote haim; ya unamem se eka dravya satyamanahprayogaparinata hota hai aura dusara mrishamanahprayoga – parinata hota hai, athava eka dravya satyamanahprayogaparinata hota hai aura dusara satyamrishamanahprayogaparinata hota hai, ya eka dravya satyamanahprayoga – parinata hota hai aura dusara asatyamrishamanah – prayogaparinata hota hai; athava eka dravya mrishamanahprayogaparinata hota hai aura dusara satyamrishamanahprayogaparinata hota hai, ya eka dravya mrishamanahprayogaparinata hota hai aura dusara asatyamrishamanahprayogaparinata hota hai athava eka dravya satyamrishamanahprayogaparinata hota hai aura dusara asatyamrishamanahprayogaparinata hota hai. Bhagavan ! Yadi ve satyamanahprayogaparinata hote haim to kya ve arambha – satyamanahprayogaparinata hote haim ya yavat asamarambhasatyamanahprayogaparinata hote haim\? Gautama ! Ve dravya arambha – satyamanahprayogaparinata hote haim, athava yavat asamarambhasatyamanahprayogaparinata hote haim; athava eka dravya arambha – satyamanahprayogaparinata hota hai aura dusara anarambhasatya – manahprayogaparinata hota hai; isi prakara isa patha ke anusara dvikasamyogi bhamga karana. Jaham jitane bhi dvikasamyoga ho sakem, utane sabhi vaham sarvarthasiddhavaimanika paryanta kahana. Bhagavan ! Yadi ve (do dravya) mishraparinata hote haim to manomishraparinata hote haim\? Prayogaparinata ke anusara mishraparinata ke sambandha mem bhi kahana. Bhagavan ! Yadi do dravya visrasa – parinata hote haim, to kya ve varnarupa se parinata hote haim, gamdharupa se parinata hote haim, (athava yavat samsthanarupa se parinata hote haim\?) gautama ! Jisa prakara pahale kaha gaya hai, usi prakara visrasaparinata ke vishaya mem kahana chahie ki athava eka dravya chaturasrasamsthanarupa se parinata hota hai, yavat eka dravya ayatasamsthana rupa se parinata hota hai. Bhagavan ! Tina dravya kya prayogaparinata hote haim, mishraparinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim\? Gautama! Tina dravya ya to 1. Prayogaparinata hote haim, ya mishraparinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim, ya 2. Eka dravya prayogaparinata hota hai aura do dravya mishraparinata hote haim, ya eka dravya prayogaparinata hota hai aura do dravya visrasaparinata hote haim, athava do dravya prayogaparinata hote haim aura eka dravya mishraparinata hota hai, athava do dravya prayoga – parinata hote haim, aura eka dravya visrasaparinata hota hai; athava eka dravya mishraparinata hota hai aura do dravya visrasa – parinata hote haim, athava do dravya mishraparinata hote haim aura eka dravya visrasa – parinata hota hai; ya eka dravya prayogaparinata hota hai, eka dravya mishraparinata hota hai aura eka dravya visrasaparinata hota hai. Bhagavan ! Yadi ve tinom dravya prayogaparinata hote haim, to kya manahprayogaparinata hote haim, ya vachanaprayogaparinata hote haim athava ve kaya – prayogaparinata hote haim\? Gautama ! Ve ya to manahprayogaparinata hote haim, ya vachanaprayogaparinata hote haim, athava kaya – prayogaparinata hote haim. Isa prakara ekasamyogi, dvikasamyogi aura trikasamyogi bhamga kahana. Bhagavan ! Yadi tina dravya manahprayoga – parinata hote haim, to kya ve satyamanahprayogaparinata hote haim, ityadi prashna hai. Gautama ! Ve (tridravya) satya – manahprayogaparinata hote haim, athava yavat asatyamrishamanahprayogaparinata hote haim, athava unamem se eka dravya satyamanah prayogaparinata hota hai aura do dravya mrishamanahprayogaparinata hote haim; ityadi prakara se yaham bhi dvikasamyogi bhamga kahane. Tina dravyom ke prayogaparinata ki taraha hi yaham bhi purvavat mishraparinata aura visrasaparinata ke bhamga athava eka tryamsa samsthanarupa se parinata ho, eka samachaturasrasamsthanarupa se parinata ho aura eka ayatasamsthanarupa se parinata ho taka kahana. Bhagavan ! Chara dravya prayogaparinata hote haim, ya mishraparinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim\? Gautama! Ve ya to prayogaparinata hote haim, ya mishra – parinata hote haim, athava visrasaparinata hote haim, athava eka dravya prayoga – parinata hota hai, tina mishraparinata hote haim, ya eka dravya prayogaparinata hota hai aura tina visrasaparinata hote haim, athava do dravya prayogaparinata hote haim aura do mishraparinata hote haim, ya do dravya prayogaparinata hote haim aura do visrasa parinata hote haim; athava tina dravya prayoga – parinata hote haim aura eka dravya mishraparinata hota hai; athava tina dravya prayogaparinata hote haim aura eka dravya visrasaparinata hota hai; athava eka dravya mishra – parinata hota hai aura tina dravya visrasaparinata hote haim, athava do dravya mishraparinata hote haim aura do dravya visrasaparinata hote haim, athava tina dravya mishraparinata hote haim aura eka dravya visrasaparinata hota hai, athava eka prayogaparinata hota hai, eka mishraparinata hota hai aura do visrasaparinata hote haim, athava eka prayogaparinata hota hai, do dravya mishraparinata hote haim aura eka dravya visrasaparinata hota hai, athava do dravya prayogaparinata hote haim, eka mishraparinata hota hai aura eka visrasa – parinata hota hai. Bhagavan ! Yadi chara dravya prayogaparinata hote haim to kya ve manahprayogaparinata hote haim, ya vachana – prayogaparinata hote haim, athava kayaprayogaparinata hote haim\? Gautama ! Ye saba purvavat kahana tatha isi krama se pamcha, chhaha, sata, atha, nau, dasa yavat samkhyata, asamkhyata aura ananta dravyom ke vishaya mem kahana. Dvikasamyoga se, trika – samyoga se, yavat dasa ke samyoga se, baraha ke samyoga se, jaham jisake jitane samyogi bhamga banate hom, utane saba bhamga upayogapurvaka kahana. Ye sabhi samyogi bhamga age nauvem shataka ke battisavem uddeshakamem jisa prakara hama kahemge, usi prakara upayoga lagakara yaham bhi kahana; yavat athava ananta dravya parimandalasamsthanarupa se parinata hote haim, yavat ananta dravya ayatasamsthanarupa se parinata hote haim. |