Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003738 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-५ |
Translated Chapter : |
शतक-५ |
Section : | उद्देशक-४ शब्द | Translated Section : | उद्देशक-४ शब्द |
Sutra Number : | 238 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] केवली णं भंते! आयाणेहिं जाणइ-पासइ? गोयमा! नो तिणट्ठे समट्ठे। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–केवली णं आयाणेहिं न जाणइ, न पासइ? गोयमा! केवली णं पुरत्थिमे णं मियं पि जाणइ, अमियं पि जाणइ। एवं दाहिणे णं, पच्चत्थिमे णं, उत्तरे णं, उड्ढं, अहे मियं पि जाणइ, अमियं पि जाणइ। सव्वं जाणइ केवली, सव्वं पासइ केवली। सव्वओ जाणइ केवली, सव्वओ पासइ केवली। सव्वकालं जाणइ केवली, सव्वकालं पासइ केवली। सव्वभावे जाणइ केवली, सव्वभावे पासइ केवली। अनंते नाणे केवलिस्स, अनंते दंसणे केवलिस्स। निव्वुडे नाणे केवलिस्स निव्वुडे दंसणे केवलिस्स। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चइ–केवली णं आयाणेहिं न जाणइ, न पासइ। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! क्या केवली भगवान आदानों (इन्द्रियों) से जानते और देखते हैं ? गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है। भगवन् ! किस कारण से केवली भगवान इन्द्रियों से नहीं जानते – देखते ? गौतम ! केवली भगवान पूर्वदिशा में सीमित भी जानते – देखते हैं, अमित (असीम) भी जानते – देखते हैं, यावत् केवली भगवान का (ज्ञान और) दर्शन निरावरण है। इस कारण से कहा गया है कि वे इन्द्रियों से नहीं जानते – देखते। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kevali nam bhamte! Ayanehim janai-pasai? Goyama! No tinatthe samatthe. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–kevali nam ayanehim na janai, na pasai? Goyama! Kevali nam puratthime nam miyam pi janai, amiyam pi janai. Evam dahine nam, pachchatthime nam, uttare nam, uddham, ahe miyam pi janai, amiyam pi janai. Savvam janai kevali, savvam pasai kevali. Savvao janai kevali, savvao pasai kevali. Savvakalam janai kevali, savvakalam pasai kevali. Savvabhave janai kevali, savvabhave pasai kevali. Anamte nane kevalissa, anamte damsane kevalissa. Nivvude nane kevalissa nivvude damsane kevalissa. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchai–kevali nam ayanehim na janai, na pasai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Kya kevali bhagavana adanom (indriyom) se janate aura dekhate haim\? Gautama ! Yaha artha samartha nahim hai. Bhagavan ! Kisa karana se kevali bhagavana indriyom se nahim janate – dekhate\? Gautama ! Kevali bhagavana purvadisha mem simita bhi janate – dekhate haim, amita (asima) bhi janate – dekhate haim, yavat kevali bhagavana ka (jnyana aura) darshana niravarana hai. Isa karana se kaha gaya hai ki ve indriyom se nahim janate – dekhate. |