Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003704 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-३ |
Translated Chapter : |
शतक-३ |
Section : | उद्देशक-८ देवाधिपति | Translated Section : | उद्देशक-८ देवाधिपति |
Sutra Number : | 204 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एते वाणमंतराणं देवाणं। जोइसियाणं देवाणं दो देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा–चंदे य, सूरे य। सोहम्मीसाणेसु णं भंते! कप्पेसु कइ देवा आहेवच्चं जाव विहरंति? गोयमा! दस देवा आहेवच्चं जाव विहरंति, तं जहा–सक्के देविंदे देवराया, सोमे, जमे, वरुणे, वेसमणे। ईसाने देविंदे देव-राया, सोमे, जमे, वेसमणे, वरुणे। एसा वत्तव्वया सव्वेसु वि कप्पेसु एए चेव भाणियव्वा। जे य इंदा ते य भाणियव्वा। सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति। | ||
Sutra Meaning : | ज्योतिष्क देवों पर आधिपत्य करते हुए दो देव यावत् विचरण करते हैं। यथा – चन्द्र और सूर्य। भगवन् ! सौधर्म और ईशानकल्प में आधिपत्य करते हुए कितने देव विचरण करते हैं ? गौतम ! उन पर आधिपत्य करते हुए यावत् दस देव विचरण करते हैं। यथा – देवेन्द्र देवराज शक्र, सोम, यम, वरुण और वैश्रमण, देवेन्द्र देवराज ईशान, सोम, यम, वरुण और वैश्रमण। यह सारी वक्तव्यता सभी कल्पों (देवलोकों) के विषय में कहनी चाहिए और जिस देवलोक का जो इन्द्र है, वह कहना चाहिए। ‘हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है।’ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ete vanamamtaranam devanam. Joisiyanam devanam do deva ahevachcham java viharamti, tam jaha–chamde ya, sure ya. Sohammisanesu nam bhamte! Kappesu kai deva ahevachcham java viharamti? Goyama! Dasa deva ahevachcham java viharamti, tam jaha–sakke devimde devaraya, some, jame, varune, vesamane. Isane devimde deva-raya, some, jame, vesamane, varune. Esa vattavvaya savvesu vi kappesu ee cheva bhaniyavva. Je ya imda te ya bhaniyavva. Sevam bhamte! Sevam bhamte! Tti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jyotishka devom para adhipatya karate hue do deva yavat vicharana karate haim. Yatha – chandra aura surya. Bhagavan ! Saudharma aura ishanakalpa mem adhipatya karate hue kitane deva vicharana karate haim\? Gautama ! Una para adhipatya karate hue yavat dasa deva vicharana karate haim. Yatha – devendra devaraja shakra, soma, yama, varuna aura vaishramana, devendra devaraja ishana, soma, yama, varuna aura vaishramana. Yaha sari vaktavyata sabhi kalpom (devalokom) ke vishaya mem kahani chahie aura jisa devaloka ka jo indra hai, vaha kahana chahie. ‘he bhagavan ! Yaha isi prakara hai.’ |