Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003474 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 374 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जंबुद्दीवे णं दीवे एरवए वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउवीसं तित्थकरा भविस्संति, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | इसी जम्बूद्वीप के ऐरवत वर्ष में आगामी उत्सर्पिणी काल में चौबीस तीर्थंकर होंगे। जैसे – १. सुमंगल, २. सिद्धार्थ, ३. निर्वाण, ४. महायश, ५. धर्मध्वज, ये अरहन्त भगवंत आगामी काल में होंगे, पुनः ६. श्रीचन्द्र, ७. पुष्पकेतु, ८. महाचन्द्र केवली और ९. श्रुतसागर अर्हत् होंगे, पुनः १०. सिद्धार्थ, ११. पूर्णघोष, १२. महाघोष केवली और १३. सत्यसेन अर्हन् होंगे, तत्पश्चात् १४. सूरसेन अर्हन्, १५. महासेन केवली, १६. सर्वानन्द और १७. देवपुत्र अर्हन् होंगे। तदनन्तर, १८. सुपार्श्व, १९. सुव्रत अर्हन्, २०. सुकोशल अर्हन् और २१. अनन्तविजय अर्हन् आगामी काल में होंगे। तदनन्तर, २२. विमल अर्हन्, उनके पश्चात् २३. महाबल अर्हन् और फिर, २४. देवानन्द अर्हन् आगामी काल में होंगे। ये ऊपर कहे हुए चौबीस तीर्थंकर केवली रवत वर्ष में आगामी उत्सर्पिणी काल में धर्म – तीर्थ की देशना करने वाले होंगे सूत्र – ३७४–३८१ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jambuddive nam dive eravae vase agamissae ussappinie chauvisam titthakara bhavissamti, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isi jambudvipa ke airavata varsha mem agami utsarpini kala mem chaubisa tirthamkara homge. Jaise – 1. Sumamgala, 2. Siddhartha, 3. Nirvana, 4. Mahayasha, 5. Dharmadhvaja, ye arahanta bhagavamta agami kala mem homge, punah 6. Shrichandra, 7. Pushpaketu, 8. Mahachandra kevali aura 9. Shrutasagara arhat homge, punah 10. Siddhartha, 11. Purnaghosha, 12. Mahaghosha kevali aura 13. Satyasena arhan homge, tatpashchat 14. Surasena arhan, 15. Mahasena kevali, 16. Sarvananda aura 17. Devaputra arhan homge. Tadanantara, 18. Suparshva, 19. Suvrata arhan, 20. Sukoshala arhan aura 21. Anantavijaya arhan agami kala mem homge. Tadanantara, 22. Vimala arhan, unake pashchat 23. Mahabala arhan aura phira, 24. Devananda arhan agami kala mem homge. Ye upara kahe hue chaubisa tirthamkara kevali ravata varsha mem agami utsarpini kala mem dharma – tirtha ki deshana karane vale homge Sutra – 374–381 |