Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003368 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 268 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए चउवीसं तित्थगराणं मायरो होत्था, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में इस अवसर्पिणी में चौबीस तीर्थंकरों की चौबीस माताएं हुई हैं। जैसे – १. मरु – देवी, २. विजया, ३. सेना, ४. सिद्धार्था, ५. मंगला, ६. सुसीमा, ७. पृथ्वी, ८. लक्ष्मणा, ९. रामा, १०. नन्दा, ११. विष्णु, १२. जया, १३. श्यामा, १४. सुयशा, १५. सुव्रता, १६. अचिरा, १७. श्री, १८. देवी, १९. प्रभावती, २०. पद्मा, २१. वप्रा, २२. शिवा, २३. वामा और २४. त्रिशला देवी। ये चौबीस जिन – माताएं हैं। सूत्र – २६८–२७० | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jambuddive nam dive bharahe vase imise osappinie chauvisam titthagaranam mayaro hottha, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isa jambudvipa ke bharatavarsha mem isa avasarpini mem chaubisa tirthamkarom ki chaubisa mataem hui haim. Jaise – 1. Maru – devi, 2. Vijaya, 3. Sena, 4. Siddhartha, 5. Mamgala, 6. Susima, 7. Prithvi, 8. Lakshmana, 9. Rama, 10. Nanda, 11. Vishnu, 12. Jaya, 13. Shyama, 14. Suyasha, 15. Suvrata, 16. Achira, 17. Shri, 18. Devi, 19. Prabhavati, 20. Padma, 21. Vapra, 22. Shiva, 23. Vama aura 24. Trishala devi. Ye chaubisa jina – mataem haim. Sutra – 268–270 |