Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003328 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 228 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं दिट्ठिवाए? दिट्ठिवाए णं सव्वभावपरूवणया आघविज्जति। से समासओ पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–परिकम्मं सुत्ताइं पुव्वगयं अनुओगे चूलिया। से किं तं परिकम्मे? परिकम्मे सत्तविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. सिद्धसेणियापरिकम्मे २. मनुस्ससेणियापरिकम्मे ३. पुट्ठसेणियापरिकम्मे ४. ओगाहणसेणियापरिकम्मे ५. उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे ६. विप्पजहण-सेणियापरिकम्मे ७. चुयाचुयसेणियापरिकम्मे। से किं तं सिद्धसेणियापरिकम्मे? सिद्धसेणियापरिकम्मे चोद्दसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. माउयापयाणि २. एगट्ठियपयाणि ३. अट्ठपयाणि ४. पाढो ५. आगासपयाणि ६. केउभूयं ७. रासिबद्धं ८. एगगुणं ९. दुगुणं १०. तिगुणं ११. केउभूयपडिग्गहो १२. संसारपडिग्गहो १३. नदावत्तं १४. सिद्धावत्तं। सेत्तं सिद्धसेणिया-परिकम्मे। से किं तं मनुस्ससेणियापरिकम्मे? मनुस्ससेणियापरिकम्मे चोद्दस्सविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. माउयापयाणि २. एगट्ठियपयाणि ३. अट्ठपयाणि ४. पाढो ५. आगासपयाणि ६. केउभूयं ७. रासिबद्धं ८. एगगुणं ९. दुगुणं १. तिगुणं ११. केउभूयपडिग्गहो १२. संसारपडिग्गहो १३. नदावत्तं १४. मनुस्सावत्तं। सेत्तं मनुस्ससेणियापरिकम्मे। से किं तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे? पुट्ठसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाणि ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. पुट्ठावत्तं। सेत्तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे। से किं तं ओगाहणसेणियापरिकम्मे? ओगाहणसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाणि ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. ओगाहणावत्तं। सेत्तं ओगाहणसेणियापरिकम्मे। से किं तं उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे? उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाणि ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. उवसंपज्जणावत्तं। सेत्तं उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे। से किं तं विप्पजहणसेणियापरिकम्मे? विप्पजहणसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाणि ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं, ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १. नंदावत्तं ११. विप्पजहणावत्तं। सेत्तं विप्पजहणसेणियापरिकम्मे। से किं तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे? चुयाचुयसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाणि ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. चुयाचुयवत्तं। सेत्तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे। इच्चेयाइं सत्त परिकम्माइं छ ससमइयाणि सत्त आजीवियाणि, छ चउक्कणइयाणि सत्त तेरासियाणि। एवामेव सपुव्वावरेणं सत्त परिकम्माइं तेसीति भवंतीति मक्खायाइं। सेत्तं परिकम्मे। से किं तं सुत्ताइं? सुत्ताइं अट्ठासीतिभवंतीति मक्खायाइं, तं जहा–१. उज्जुगं २. परिणयापरिणयं ३. बहुभंगियं ४. विजयचरियं ५. अणंतरं ६. परंपरं ७. सामाणं ८. संजूहं ९. भिन्नं १०. आहच्चायं ११. सोवत्थियं घंटं १२. नंदावत्तं १३. बहुलं १४. पुट्ठापुट्ठं १५. वियावत्तं १६. एवंभूयं १७. दुआवत्तं १८. वत्तमाणुप्पयं १९. समभिरूढं २. सव्वओभद्दं २१. पन्नासं २२. दुपडिग्गहं। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं छिन्नछेयनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं अछिन्नछेयनइयाणि आजीवियसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं तिकनयाणि तेरासियसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं चउक्कनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए। एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठासीति सुत्ताइं भवंतीति मक्खायाणि। सेत्तं सुत्ताइं। से किं तं पुव्वगए? पुव्वगए चउद्दसविहे पन्नत्ते, तं जहा– १. उप्पायपुव्वं, २. अग्गेणीयं, ३. वीरियं, ४. अत्थि-नत्थिप्पवायं, ५. नाणप्पवायं, ६. सच्चप्पवायं, ७. आयप्पवायं, ८. कम्मप्पवायं, ९. पच्चक्खाणं, १०. विज्जाणुप्पवायं, ११. अवंज्झं, १२. पाणाउं, १३. किरियाविसालं, १४. लोगबिंदुसारं। उप्पायपुव्वस्स णं दस वत्थू, चत्तारि चुलियावत्थू पन्नत्ता। अग्गेणियस्स णं पुव्वस्स चोद्दस वत्थू, बारस चूलियावत्थू पन्नत्ता। वीरियस्स णं पुव्वस्स अट्ठ वत्थू, अट्ठं चूलियावत्थू पन्नत्ता। अत्थिणत्थिप्पवायस्स णं पुव्वस्स अट्ठारस वत्थू, दस चूलिया वत्थू पन्नत्ता। नाणप्पवायस्स णं पुव्वस्स बारस वत्थू पन्नत्ता। सच्चप्पवायस्स णं पुव्वस्स दो वत्थू पन्नत्ता। आयप्पवायस्स णं पुव्वस्स सोलस वत्थू पन्नत्ता। कम्मप्पवायस्स णं पुव्वस्स तीसं वत्थू पन्नत्ता। पच्चक्खाणस्स णं पुव्वस्स वीसं वत्थू पन्नत्ता। विज्जाणुप्पवायस्स णं पुव्वस्स पनरस वत्थू पन्नत्ता। अवंज्झस्स णं पुव्वस्स बारस वत्थू पन्नत्ता। पाणाउस्स णं पुव्वस्स तेरस वत्थू पन्नत्ता। किरियाविसालस्स णं पुव्वस्स तीसं वत्थू पन्नत्ता। लोयबिंदुसारस्स णं पुव्वस्स पणुवीसं वत्थू पन्नत्ता। | ||
Sutra Meaning : | यह दृष्टिवाद अंग क्या है – इसमें क्या वर्णन है ? दृष्टिवाद अंग में सर्व भावों की प्ररूपणा की जाती है। वह संक्षेप से पाँच प्रकार का कहा गया है। जैसे – परिकर्म, सूत्र, पूर्वगत, अनुयोग और चूलिका। परिकर्म क्या है ? परिकर्म सात प्रकार का कहा गया है। जैसे – सिद्धश्रेणीका परिकर्म, मनुष्यश्रेणिका परि – कर्म, पृष्टश्रेणिका परिकर्म, अवगाहनश्रेणिका परिकर्म, उपसंपद्यश्रेणिका परिकर्म, विप्रजहतश्रेणिका परिकर्म और च्युताच्युतश्रेणिका परिकर्म। सिद्धश्रेणिका परिकर्म क्या है ? सिद्धश्रेणिका परिकर्म चौदह प्रकार का कहा गया है। जैसे – मातृकापद, एकार्थकपद, अर्थपद, पाठ, आकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एकगुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूतप्रतिग्रह, संसार – प्रतिग्रह, नन्द्यावर्त और सिद्धबद्ध। यह सब सिद्ध श्रेणिका परिकर्म हैं। मनुष्यश्रेणिका – परिकर्म क्या है ? मनुष्यश्रेणिका – परिकर्म चौदह प्रकार का कहा गया है। जैसे – मातृकापद से लेकर वे ही पूर्वोक्त नन्द्यावर्त तक और मनुष्यबद्ध। यह सब मनुष्यश्रेणिका परिकर्म हैं। पृष्ठश्रेणिका परिकर्म से लेकर शेष परिकर्म ग्यारह – ग्यारह प्रकार के कहे गए हैं। पूर्वोक्त सातों परिकर्म स्व – सामयिक (जैनमतानुसारी) हैं, सात आजीविकामतानुसारी हैं, छह परिकर्म चतुष्कनय वालों के मतानुसारी हैं और सात त्रैराशिक मतानुसारी हैं। इस प्रकार ये सातों परिकर्म पूर्वापर भेदों की अपेक्षा तिरासी होते हैं, यह सब परिकर्म हैं सूत्र का स्वरूप क्या है ? सूत्र अठासी होते हैं, ऐसा कहा गया है। जैसे – १. ऋजुक, २. परिणतापरिणत, ३. बहुभंगिक, ४. विजयचर्या, ५. अनन्तर, ६. परम्पर, ७. समान (समानस), ८. संजूह – संयूथ, ९. संभिन्न, १०. अहाच्चय, ११. सौवस्तिक, १२. नन्द्यावर्त, १३. बहुल, १४. पृष्टापृष्ट, १५. व्यावृत्त, १६. एवंभूत, १७. द्वयावर्त, १८. वर्तमानात्मक, १९. समभिरूढ, २०. सर्वतोभद्र, २१. पणाम (पण्णास) और २२. दुष्प्रतिग्रह। ये बाईस सूत्र स्वसमयसूत्र परिपाटी से छिन्नच्छेद – नयिक हैं। ये ही बाईस सूत्र आजीविकसूत्रपरिपाटी से अच्छिन्नच्छेदनयिक हैं। ये ही बाईस सूत्र त्रैराशिकसूत्रपरिपाटी से त्रिकनयिक हैं और ये ही बाईस सूत्र स्वसमय सूत्रपरिपाटी से चतुष्क – नयिक हैं। इस प्रकार ये सब पूर्वापर भेद मिलकर अठासी सूत्र होते हैं, ऐसा कहा गया है। यह सूत्र नाम का दूसरा भेद है। यह पूर्वगत क्या है – इसमें क्या वर्णन है ? पूर्वगत चौदह प्रकार के कहे गए हैं। जैसे – उत्पादपूर्व, अग्रायणीयपूर्व, वीर्यप्रवादपूर्व, अस्तिनास्तिप्रवाद – पूर्व, ज्ञानप्रवादपूर्व, सत्यप्रवादपूर्व, आत्मप्रवादपूर्व, कर्मप्रवादपूर्व, प्रत्याख्यानप्रवादपूर्व, विद्यानुप्रवादपूर्व, अबन्ध्य – पूर्व, प्राणायुपूर्व, क्रियाविशालपूर्व और लोकबिन्दुसारपूर्व। उत्पादपूर्व की दश वस्तु (अधिकार) हैं और चार चूलिकावस्तु है। अग्रायणीय पूर्व की चौदह वस्तु और बारह चूलिकावस्तु है। वीर्यप्रवादपूर्व की आठ वस्तु और आठ चूलिकावस्तु है। अस्तिनास्तिप्रवाद पूर्व की अठारह वस्तु और दश चूलिकावस्तु है। ज्ञानप्रवाद पूर्व की बारह वस्तु हैं। सत्यप्रवादपूर्व की दो वस्तु हैं। आत्मप्रवाद पूर्व की सोलह वस्तु हैं। कर्मप्रवाद पूर्व की तीस वस्तु हैं। प्रत्याख्यान पूर्व की बीस वस्तु हैं। विद्यानुप्रवादपूर्व की पन्द्रह वस्तु है। क्रियाविशाल पूर्व की तीस वस्तु है। लोकबिन्दुसारपूर्व की पच्चीस वस्तु कही गई हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam ditthivae? Ditthivae nam savvabhavaparuvanaya aghavijjati. Se samasao pamchavihe pannatte, tam jaha–parikammam suttaim puvvagayam anuoge chuliya. Se kim tam parikamme? Parikamme sattavihe pannatte, tam jaha–1. Siddhaseniyaparikamme 2. Manussaseniyaparikamme 3. Putthaseniyaparikamme 4. Ogahanaseniyaparikamme 5. Uvasampajjaseniyaparikamme 6. Vippajahana-seniyaparikamme 7. Chuyachuyaseniyaparikamme. Se kim tam siddhaseniyaparikamme? Siddhaseniyaparikamme choddasavihe pannatte, tam jaha–1. Mauyapayani 2. Egatthiyapayani 3. Atthapayani 4. Padho 5. Agasapayani 6. Keubhuyam 7. Rasibaddham 8. Egagunam 9. Dugunam 10. Tigunam 11. Keubhuyapadiggaho 12. Samsarapadiggaho 13. Nadavattam 14. Siddhavattam. Settam siddhaseniya-parikamme. Se kim tam manussaseniyaparikamme? Manussaseniyaparikamme choddassavihe pannatte, tam jaha–1. Mauyapayani 2. Egatthiyapayani 3. Atthapayani 4. Padho 5. Agasapayani 6. Keubhuyam 7. Rasibaddham 8. Egagunam 9. Dugunam 1. Tigunam 11. Keubhuyapadiggaho 12. Samsarapadiggaho 13. Nadavattam 14. Manussavattam. Settam manussaseniyaparikamme. Se kim tam putthaseniyaparikamme? Putthaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayani 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Putthavattam. Settam putthaseniyaparikamme. Se kim tam ogahanaseniyaparikamme? Ogahanaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayani 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Ogahanavattam. Settam ogahanaseniyaparikamme. Se kim tam uvasampajjaseniyaparikamme? Uvasampajjaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayani 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Uvasampajjanavattam. Settam uvasampajjaseniyaparikamme. Se kim tam vippajahanaseniyaparikamme? Vippajahanaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayani 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam, 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 1. Namdavattam 11. Vippajahanavattam. Settam vippajahanaseniyaparikamme. Se kim tam chuyachuyaseniyaparikamme? Chuyachuyaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayani 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Chuyachuyavattam. Settam chuyachuyaseniyaparikamme. Ichcheyaim satta parikammaim chha sasamaiyani satta ajiviyani, chha chaukkanaiyani satta terasiyani. Evameva sapuvvavarenam satta parikammaim tesiti bhavamtiti makkhayaim. Settam parikamme. Se kim tam suttaim? Suttaim atthasitibhavamtiti makkhayaim, tam jaha–1. Ujjugam 2. Parinayaparinayam 3. Bahubhamgiyam 4. Vijayachariyam 5. Anamtaram 6. Paramparam 7. Samanam 8. Samjuham 9. Bhinnam 10. Ahachchayam 11. Sovatthiyam ghamtam 12. Namdavattam 13. Bahulam 14. Putthaputtham 15. Viyavattam 16. Evambhuyam 17. Duavattam 18. Vattamanuppayam 19. Samabhirudham 2. Savvaobhaddam 21. Pannasam 22. Dupadiggaham. Ichcheyaim bavisam suttaim chhinnachheyanaiyani sasamayasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim achhinnachheyanaiyani ajiviyasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim tikanayani terasiyasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim chaukkanaiyani sasamayasuttaparivadie. Evameva sapuvvavarenam atthasiti suttaim bhavamtiti makkhayani. Settam suttaim. Se kim tam puvvagae? Puvvagae chauddasavihe pannatte, tam jaha– 1. Uppayapuvvam, 2. Aggeniyam, 3. Viriyam, 4. Atthi-natthippavayam, 5. Nanappavayam, 6. Sachchappavayam, 7. Ayappavayam, 8. Kammappavayam, 9. Pachchakkhanam, 10. Vijjanuppavayam, 11. Avamjjham, 12. Panaum, 13. Kiriyavisalam, 14. Logabimdusaram. Uppayapuvvassa nam dasa vatthu, chattari chuliyavatthu pannatta. Aggeniyassa nam puvvassa choddasa vatthu, barasa chuliyavatthu pannatta. Viriyassa nam puvvassa attha vatthu, attham chuliyavatthu pannatta. Atthinatthippavayassa nam puvvassa attharasa vatthu, dasa chuliya vatthu pannatta. Nanappavayassa nam puvvassa barasa vatthu pannatta. Sachchappavayassa nam puvvassa do vatthu pannatta. Ayappavayassa nam puvvassa solasa vatthu pannatta. Kammappavayassa nam puvvassa tisam vatthu pannatta. Pachchakkhanassa nam puvvassa visam vatthu pannatta. Vijjanuppavayassa nam puvvassa panarasa vatthu pannatta. Avamjjhassa nam puvvassa barasa vatthu pannatta. Panaussa nam puvvassa terasa vatthu pannatta. Kiriyavisalassa nam puvvassa tisam vatthu pannatta. Loyabimdusarassa nam puvvassa panuvisam vatthu pannatta. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Yaha drishtivada amga kya hai – isamem kya varnana hai\? Drishtivada amga mem sarva bhavom ki prarupana ki jati hai. Vaha samkshepa se pamcha prakara ka kaha gaya hai. Jaise – parikarma, sutra, purvagata, anuyoga aura chulika. Parikarma kya hai\? Parikarma sata prakara ka kaha gaya hai. Jaise – siddhashrenika parikarma, manushyashrenika pari – karma, prishtashrenika parikarma, avagahanashrenika parikarma, upasampadyashrenika parikarma, viprajahatashrenika parikarma aura chyutachyutashrenika parikarma. Siddhashrenika parikarma kya hai\? Siddhashrenika parikarma chaudaha prakara ka kaha gaya hai. Jaise – matrikapada, ekarthakapada, arthapada, patha, akashapada, ketubhuta, rashibaddha, ekaguna, dviguna, triguna, ketubhutapratigraha, samsara – pratigraha, nandyavarta aura siddhabaddha. Yaha saba siddha shrenika parikarma haim. Manushyashrenika – parikarma kya hai\? Manushyashrenika – parikarma chaudaha prakara ka kaha gaya hai. Jaise – matrikapada se lekara ve hi purvokta nandyavarta taka aura manushyabaddha. Yaha saba manushyashrenika parikarma haim. Prishthashrenika parikarma se lekara shesha parikarma gyaraha – gyaraha prakara ke kahe gae haim. Purvokta satom parikarma sva – samayika (jainamatanusari) haim, sata ajivikamatanusari haim, chhaha parikarma chatushkanaya valom ke matanusari haim aura sata trairashika matanusari haim. Isa prakara ye satom parikarma purvapara bhedom ki apeksha tirasi hote haim, yaha saba parikarma haim Sutra ka svarupa kya hai\? Sutra athasi hote haim, aisa kaha gaya hai. Jaise – 1. Rijuka, 2. Parinataparinata, 3. Bahubhamgika, 4. Vijayacharya, 5. Anantara, 6. Parampara, 7. Samana (samanasa), 8. Samjuha – samyutha, 9. Sambhinna, 10. Ahachchaya, 11. Sauvastika, 12. Nandyavarta, 13. Bahula, 14. Prishtaprishta, 15. Vyavritta, 16. Evambhuta, 17. Dvayavarta, 18. Vartamanatmaka, 19. Samabhirudha, 20. Sarvatobhadra, 21. Panama (pannasa) aura 22. Dushpratigraha. Ye baisa sutra svasamayasutra paripati se chhinnachchheda – nayika haim. Ye hi baisa sutra ajivikasutraparipati se achchhinnachchhedanayika haim. Ye hi baisa sutra trairashikasutraparipati se trikanayika haim aura ye hi baisa sutra svasamaya sutraparipati se chatushka – nayika haim. Isa prakara ye saba purvapara bheda milakara athasi sutra hote haim, aisa kaha gaya hai. Yaha sutra nama ka dusara bheda hai. Yaha purvagata kya hai – isamem kya varnana hai\? Purvagata chaudaha prakara ke kahe gae haim. Jaise – utpadapurva, agrayaniyapurva, viryapravadapurva, astinastipravada – purva, jnyanapravadapurva, satyapravadapurva, atmapravadapurva, karmapravadapurva, pratyakhyanapravadapurva, vidyanupravadapurva, abandhya – purva, pranayupurva, kriyavishalapurva aura lokabindusarapurva. Utpadapurva ki dasha vastu (adhikara) haim aura chara chulikavastu hai. Agrayaniya purva ki chaudaha vastu aura baraha chulikavastu hai. Viryapravadapurva ki atha vastu aura atha chulikavastu hai. Astinastipravada purva ki atharaha vastu aura dasha chulikavastu hai. Jnyanapravada purva ki baraha vastu haim. Satyapravadapurva ki do vastu haim. Atmapravada purva ki solaha vastu haim. Karmapravada purva ki tisa vastu haim. Pratyakhyana purva ki bisa vastu haim. Vidyanupravadapurva ki pandraha vastu hai. Kriyavishala purva ki tisa vastu hai. Lokabindusarapurva ki pachchisa vastu kahi gai haim. |