Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002289 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-४ |
Translated Chapter : |
स्थान-४ |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 289 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] चत्तारि कूडागारा पन्नत्ता, तं जहा– गुत्ते नामं एगे गुत्ते, गुत्ते नामं एगे अगुत्ते, अगुत्ते नामं एगे गुत्ते, अगुत्ते नामं एगे अगुत्ते। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा– गुत्ते नामं एगं गुत्ते, गुत्ते नामं एगे अगुत्ते, अगुत्ते नामं एगे गुत्ते, अगुत्ते नामं एगे अगुत्ते। चत्तारि कूडागारसालाओ पन्नत्ताओ, तं जहा– गुत्ता नाममेगा गुत्तदुवारा, गुत्ता नाममेगा अगुत्तदुवारा, अगुत्ता नाममेगा गुत्तदुवारा, अगुत्ता नाममेगा अगुत्तदुवारा। एवामेव चत्तारित्थीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–गुत्ता नाममेगा गुत्तिंदिया, गुत्ता नाममेगा अगुत्तिंदिया, अगुत्ता नाममेगा गुत्तिंदिया, अगुत्ता नाममेगा अगुत्तिंदिया। | ||
Sutra Meaning : | कूटागार गृह चार प्रकार के हैं – गुप्त प्राकार से आवृत्त और गुप्त द्वार वाला, गुप्त – प्राकार से आवृत्त किन्तु अगुप्त द्वार वाला, अगुप्त – प्राकार रहित किन्तु गुप्त द्वार वाला है। अगुप्त – प्राकार रहित है और अगुप्त द्वार वाला है। इसी प्रकार पुरुष वर्ग भी चार प्रकार का है। एक पुरुष गुप्त (वस्त्रावृत) है और गुप्तेन्द्रिय भी है। एक पुरुष गुप्त है किन्तु अगुप्तेन्द्रिय है। एक पुरुष अगुप्त है किन्तु गुप्तेन्द्रिय है। और एक पुरुष अगुप्त भी है और अगुप्तेन्द्रिय भी है। कूटागारशाला चार प्रकार की है। वे इस प्रकार है – गुप्त है और गुप्त द्वारवाली है। गुप्त है किन्तु गुप्त द्वार वाली नहीं है। अगुप्त है किन्तु गुप्त द्वारवाली है। अगुप्त भी है और गुप्त द्वारवाली भी नहीं है। इसी प्रकार स्त्री समुदाय चार प्रकार का है। एक गुप्ता है – वस्त्रावृता है और गुप्तेन्द्रिया है। एक गुप्ता है – वस्त्रावृता है किन्तु गुप्तेन्द्रिया नहीं है। एक अगुप्ता है – वस्त्रादि से अनावृत है किन्तु गुप्तेन्द्रिया है। एक अगुप्ता भी है और अगुप्तेन्द्रिया भी है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] chattari kudagara pannatta, tam jaha– gutte namam ege gutte, gutte namam ege agutte, agutte namam ege gutte, agutte namam ege agutte. Evameva chattari purisajaya pannatta, tam jaha– gutte namam egam gutte, gutte namam ege agutte, agutte namam ege gutte, agutte namam ege agutte. Chattari kudagarasalao pannattao, tam jaha– gutta namamega guttaduvara, gutta namamega aguttaduvara, agutta namamega guttaduvara, agutta namamega aguttaduvara. Evameva chattaritthio pannattao, tam jaha–gutta namamega guttimdiya, gutta namamega aguttimdiya, agutta namamega guttimdiya, agutta namamega aguttimdiya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Kutagara griha chara prakara ke haim – gupta prakara se avritta aura gupta dvara vala, gupta – prakara se avritta kintu agupta dvara vala, agupta – prakara rahita kintu gupta dvara vala hai. Agupta – prakara rahita hai aura agupta dvara vala hai. Isi prakara purusha varga bhi chara prakara ka hai. Eka purusha gupta (vastravrita) hai aura guptendriya bhi hai. Eka purusha gupta hai kintu aguptendriya hai. Eka purusha agupta hai kintu guptendriya hai. Aura eka purusha agupta bhi hai aura aguptendriya bhi hai. Kutagarashala chara prakara ki hai. Ve isa prakara hai – gupta hai aura gupta dvaravali hai. Gupta hai kintu gupta dvara vali nahim hai. Agupta hai kintu gupta dvaravali hai. Agupta bhi hai aura gupta dvaravali bhi nahim hai. Isi prakara stri samudaya chara prakara ka hai. Eka gupta hai – vastravrita hai aura guptendriya hai. Eka gupta hai – vastravrita hai kintu guptendriya nahim hai. Eka agupta hai – vastradi se anavrita hai kintu guptendriya hai. Eka agupta bhi hai aura aguptendriya bhi hai. |