Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1002286 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-४ |
Translated Chapter : |
स्थान-४ |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 286 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–संपागडपडिसेवी नामेगे नो पच्छन्नपडिसेवी, पच्छन्नपडिसेवी नामेगे नो संपागडपडिसेवी, एगे संपागडपडिसेवी वि पच्छन्नपडिसेवी वि, एगे नो संपागडपडिसेवी नो पच्छन्नपडिसेवी। | ||
Sutra Meaning : | चार प्रकार के पुरुष कहे गए हैं, यथा – कितनेक प्रकट रूप से दोष का सेवन करते हैं किन्तु गुप्त रूप से नहीं, कितनेक गुप्त रूप से दोष का सेवन करते हैं किन्तु प्रकट रूप से नहीं, कितनेक प्रकट रूप से भी और गुप्त रूप से भी दोष सेवन करते हैं, कितनेक न तो प्रकट रूप से और न गुप्त रूप में दोष का सेवन करते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] chattari purisajaya pannatta, tam jaha–sampagadapadisevi namege no pachchhannapadisevi, pachchhannapadisevi namege no sampagadapadisevi, ege sampagadapadisevi vi pachchhannapadisevi vi, ege no sampagadapadisevi no pachchhannapadisevi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Chara prakara ke purusha kahe gae haim, yatha – kitaneka prakata rupa se dosha ka sevana karate haim kintu gupta rupa se nahim, kitaneka gupta rupa se dosha ka sevana karate haim kintu prakata rupa se nahim, kitaneka prakata rupa se bhi aura gupta rupa se bhi dosha sevana karate haim, kitaneka na to prakata rupa se aura na gupta rupa mem dosha ka sevana karate haim. |