Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002232 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-३ |
Translated Chapter : |
स्थान-३ |
Section : | उद्देशक-४ | Translated Section : | उद्देशक-४ |
Sutra Number : | 232 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] तिविधा वावत्ती पन्नत्ता, तं जहा–जाणू, अजाणू, वितिगिच्छा। तिविधा अज्झोववज्जणा पन्नत्ता, तं जहा–जाणू, अजाणू, वितिगिच्छा। तिविधा परियावज्जणा पन्नत्ता, तं जहा–जाणू, अजाणू, वितिगिच्छा। | ||
Sutra Meaning : | व्यावृत्ति ‘हिंसादि से निवृत्ति’ तीन प्रकार की कही गई है, यथा – ज्ञानयुक्त की जाने वाली व्यावृत्ति, अज्ञान से की जाने वाली व्यावृत्ति, संशय से की जाने वाली व्यावृत्ति। इसी तरह पदार्थों में आसक्ति और पदार्थों का ग्रहण भी तीन तीन प्रकार का है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] tividha vavatti pannatta, tam jaha–janu, ajanu, vitigichchha. Tividha ajjhovavajjana pannatta, tam jaha–janu, ajanu, vitigichchha. Tividha pariyavajjana pannatta, tam jaha–janu, ajanu, vitigichchha. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vyavritti ‘himsadi se nivritti’ tina prakara ki kahi gai hai, yatha – jnyanayukta ki jane vali vyavritti, ajnyana se ki jane vali vyavritti, samshaya se ki jane vali vyavritti. Isi taraha padarthom mem asakti aura padarthom ka grahana bhi tina tina prakara ka hai. |