Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001707 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ अध्ययन-५ आचार श्रुत |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ अध्ययन-५ आचार श्रुत |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 707 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] एएहिं दोहिं ठाणेहिं ववहारो न विज्जई । एएहिं दोहिं ठाणेहिं अणायारं विजाणए ॥ | ||
Sutra Meaning : | इन दोनों (एकान्त नित्य और एकान्त अनित्य) पक्षों से व्यवहार चल नहीं सकता। अतः इन दोनों एकान्त पक्षों के आश्रय को अनाचार जानना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] eehim dohim thanehim vavaharo na vijjai. Eehim dohim thanehim anayaram vijanae. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Ina donom (ekanta nitya aura ekanta anitya) pakshom se vyavahara chala nahim sakata. Atah ina donom ekanta pakshom ke ashraya ko anachara janana chahie. |