Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001314 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-५ नरक विभक्ति |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-५ नरक विभक्ति |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 314 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] रुहिरे पुणो वच्च-समुस्सियंगे भिण्णुत्तिमंगे परिवत्तयंता । पयंति णं णेरइए फुरंते सजीवमच्छे व अयो-कवल्ले ॥ | ||
Sutra Meaning : | रुधिर से लिप्त, मल से लतपथ, भिन्नांग एवं परिवर्तमान नैरयिकों को कड़ाही में जीवित मछलियों की तरह उलट – पलट कर पकाते हैं।वे वहाँ राख नहीं होते हैं और न ही तीव्र वेदना से मरते हैं। वे अपने कृतकर्म का वेदन करते हैं और वे दुःख दुष्कृत से और अधिक दुःखी होते हैं।वहाँ शीत से सन्त्रस्त होकर प्रगाढ़ सुतप्त अग्नि की ओर जाते हैं। वहाँ उस दुर्गम स्थान में वे साता प्राप्त नहीं कर पाते। निरन्तर अभितप्त स्थान में तपाये जाते हैं वहाँ दुःखोपनीत शब्द नगरवध की तरह सूनाई देते हैं। उदीर्णकर्मी उदीर्णकर्मियों को पुनः पुनः दुःख देते हैं। सूत्र – ३१४–३१७ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] ruhire puno vachcha-samussiyamge bhinnuttimamge parivattayamta. Payamti nam neraie phuramte sajivamachchhe va ayo-kavalle. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Rudhira se lipta, mala se latapatha, bhinnamga evam parivartamana nairayikom ko karahi mem jivita machhaliyom ki taraha ulata – palata kara pakate haiM.Ve vaham rakha nahim hote haim aura na hi tivra vedana se marate haim. Ve apane kritakarma ka vedana karate haim aura ve duhkha dushkrita se aura adhika duhkhi hote haiM.Vaham shita se santrasta hokara pragarha sutapta agni ki ora jate haim. Vaham usa durgama sthana mem ve sata prapta nahim kara pate. Nirantara abhitapta sthana mem tapaye jate haim Vaham duhkhopanita shabda nagaravadha ki taraha sunai dete haim. Udirnakarmi udirnakarmiyom ko punah punah duhkha dete haim. Sutra – 314–317 |