Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1001013 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-१ समय |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 13 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] कुव्वं च कारयं चेव सव्वं कुव्वं न विज्जइ । एवं अकारओ अप्पा ‘ते उ एवं’ पगब्भिया ॥ | ||
Sutra Meaning : | आत्मा समस्त कार्य करती है, कराती है, किन्तु वह कर्ता नहीं है। अतः आत्मा अकर्ता है। ऐसा वे (अक्रियावादी) कहते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] kuvvam cha karayam cheva savvam kuvvam na vijjai. Evam akarao appa ‘te u evam’ pagabbhiya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Atma samasta karya karati hai, karati hai, kintu vaha karta nahim hai. Atah atma akarta hai. Aisa ve (akriyavadi) kahate haim. |