Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000312 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-९ उपधान श्रुत |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-९ उपधान श्रुत |
Section : | उद्देशक-३ परीषह | Translated Section : | उद्देशक-३ परीषह |
Sutra Number : | 312 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] उवसंकमंतमपडिण्णं, गामंतियं पि अप्पत्तं । पडिणिक्खमित्तु लूसिंसु, एत्तो परं पलेहित्ति ॥ | ||
Sutra Meaning : | आवश्यकतावश निवास या आहार के लिए वे ग्राम की ओर जाते थे। वे ग्राम के निकट पहुँचते, न पहुँचते, तब तक तो कुछ लोग उस गाँव से नीकलकर भगवान को रोक लेते, उन पर प्रहार करते और कहते – ‘यहाँ से आगे कहीं दूर चले जाओ।’ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] uvasamkamamtamapadinnam, gamamtiyam pi appattam. Padinikkhamittu lusimsu, etto param palehitti. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Avashyakatavasha nivasa ya ahara ke lie ve grama ki ora jate the. Ve grama ke nikata pahumchate, na pahumchate, taba taka to kuchha loga usa gamva se nikalakara bhagavana ko roka lete, una para prahara karate aura kahate – ‘yaham se age kahim dura chale jao.’ |