Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000135 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन | Translated Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन |
Sutra Number : | 135 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जे एगं जाणइ, से सव्वं जाणइ, जे सव्वं जाणइ, से एगं जाणइ। | ||
Sutra Meaning : | जो एक को जानता है, वह सब को जानता है। जो सबको जानता है, वह एक को जानता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] je egam janai, se savvam janai, Je savvam janai, se egam janai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo eka ko janata hai, vaha saba ko janata hai. Jo sabako janata hai, vaha eka ko janata hai. |