Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000136 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन | Translated Section : | उद्देशक-४ कषाय वमन |
Sutra Number : | 136 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] सव्वतो पमत्तस्स भयं, सव्वतो अप्पमत्तस्स नत्थि भयं। ‘जे एगं नामे, से बहुं नामे, जे बहुं नामे, से एगं नामे’। दुक्खं लोयस्स जाणित्ता। वंता लोगस्स संजोगं, जंति वीरा महाजाणं । परेण परं जंति, नावकंखंति जीवियं ॥ | ||
Sutra Meaning : | प्रमत्त को सब ओर से भय होता है, अप्रमत्त को कहीं से भी भय नहीं होता। जो एक को झुकाता है, वह बहुतों को झुकाता है, जो बहुतों को झुकाता है, वह एक को झुकाता है। साधक लोक के दुःख को जानकर (उसके हेतु कषाय का त्याग करे) वीर साधक लोक के संयोग का परित्याग कर महायान को प्राप्त करते हैं। वे आगे से आगे बढ़ते जाते हैं, उन्हें फिर जीवन की आकांक्षा नहीं रहती। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] savvato pamattassa bhayam, savvato appamattassa natthi bhayam. ‘je egam name, se bahum name, je bahum name, se egam name’. Dukkham loyassa janitta. Vamta logassa samjogam, jamti vira mahajanam. Parena param jamti, navakamkhamti jiviyam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Pramatta ko saba ora se bhaya hota hai, apramatta ko kahim se bhi bhaya nahim hota. Jo eka ko jhukata hai, vaha bahutom ko jhukata hai, jo bahutom ko jhukata hai, vaha eka ko jhukata hai. Sadhaka loka ke duhkha ko janakara (usake hetu kashaya ka tyaga kare) Vira sadhaka loka ke samyoga ka parityaga kara mahayana ko prapta karate haim. Ve age se age barhate jate haim, unhem phira jivana ki akamksha nahim rahati. |