Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000127 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-३ शीतोष्णीय |
Section : | उद्देशक-३ अक्रिया | Translated Section : | उद्देशक-३ अक्रिया |
Sutra Number : | 127 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] आगतिं गतिं परिण्णाय, दोहिं वि अंतेहिं अदिस्समाणे । से ण छिज्जइ ण भिज्जइ न डज्झइ, न हम्मइ कंचणं सव्वलोए ॥ | ||
Sutra Meaning : | समस्त प्राणियों की गति और आगति को भलीभाँति जानकर जो दोनों अन्तों (राग और द्वेष) से दूर रहता है, वह समस्त लोक में किसी से (कहीं भी) छेदा नहीं जाता, भेदा नहीं जाता, जलाया नहीं जाता और मारा नहीं जाता। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] agatim gatim parinnaya, dohim vi amtehim adissamane. Se na chhijjai na bhijjai na dajjhai, na hammai kamchanam savvaloe. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Samasta praniyom ki gati aura agati ko bhalibhamti janakara jo donom antom (raga aura dvesha) se dura rahata hai, vaha samasta loka mem kisi se (kahim bhi) chheda nahim jata, bheda nahim jata, jalaya nahim jata aura mara nahim jata. |