Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011566 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
4. सम्यग्दर्शन अधिकार - (जागृति योग) |
Translated Chapter : |
4. सम्यग्दर्शन अधिकार - (जागृति योग) |
Section : | 10. उपवृंहणत्व (अदम्भित्व) | Translated Section : | 10. उपवृंहणत्व (अदम्भित्व) |
Sutra Number : | 65 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सूत्र कृतांग । १.८.१.२४; तुलना: रा. वा. ९.१९.१६। | ||
Mool Sutra : | तेषामपि तपो न शुद्धं, निष्क्रान्ता ये महाकुलाः। यन्नैवाऽन्ये विजानन्ति, न श्लोकं प्रवेदयेत् ।। | ||
Sutra Meaning : | उनका तप शुद्ध नहीं है जो इक्ष्वाकु आदि बड़े कुलों में उत्पन्न होकर दीक्षित होने के कारण अभिमान करते हैं और लोक-सम्मान के लिए तप करते हैं। अतएव साधु को ऐसा तप करना चाहिए कि दूसरों को उसका पता ही न चले, जिसमें इहलोक व परलोक की आशंसा न हो। उसे अपनी प्रशंसा भी नहीं करनी चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Teshamapi tapo na shuddham, nishkranta ye mahakulah. Yannaivanye vijananti, na shlokam pravedayet\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Unaka tapa shuddha nahim hai jo ikshvaku adi bare kulom mem utpanna hokara dikshita hone ke karana abhimana karate haim aura loka-sammana ke lie tapa karate haim. Ataeva sadhu ko aisa tapa karana chahie ki dusarom ko usaka pata hi na chale, jisamem ihaloka va paraloka ki ashamsa na ho. Use apani prashamsa bhi nahim karani chahie. |