Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004691 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३९. नयसूत्र | Translated Section : | ३९. नयसूत्र |
Sutra Number : | 691 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | लघुनयचक्र 3; नयचक्र 174 | ||
Mool Sutra : | यस्मात् न नयेन विना, भवति नरस्य स्याद्वादप्रतिपत्तिः। तस्मात् स बोद्धव्यः, एकान्तं हन्तुकामेन।।२।। | ||
Sutra Meaning : | नय के बिना मनुष्य को स्याद्वाद का बोध नहीं होता। अतः जो एकान्त का या एकान्त आग्रह का परिहार करना चाहता है, उसे नय को अवश्य जानना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Yasmat na nayena vina, bhavati narasya syadvadapratipattih. Tasmat sa boddhavyah, ekantam hantukamena..2.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Naya ke bina manushya ko syadvada ka bodha nahim hota. Atah jo ekanta ka ya ekanta agraha ka parihara karana chahata hai, use naya ko avashya janana chahie. |