Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004690 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३९. नयसूत्र | Translated Section : | ३९. नयसूत्र |
Sutra Number : | 690 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | लघुनयचक्र 2 | ||
Mool Sutra : | यो ज्ञानिनां विकल्पः, श्रुतभेदो वस्त्वंशसंग्रहणम्। स इह नयः प्रयुक्तः, ज्ञानी पुनस्तेन ज्ञानेन।।१।। | ||
Sutra Meaning : | श्रुतज्ञान के आश्रय से युक्त वस्तु के अंश को ग्रहण करनेवाले ज्ञानी के विकल्प को `नय' कहते हैं। उस ज्ञान से जो युक्त है, वही ज्ञानी है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Yo jnyaninam vikalpah, shrutabhedo vastvamshasamgrahanam. Sa iha nayah prayuktah, jnyani punastena jnyanena..1.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Shrutajnyana ke ashraya se yukta vastu ke amsha ko grahana karanevale jnyani ke vikalpa ko `naya kahate haim. Usa jnyana se jo yukta hai, vahi jnyani hai. |