Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004671 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र | Translated Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र |
Sutra Number : | 671 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सन्मतितर्क 1/35 | ||
Mool Sutra : | सविकल्प-निर्विकल्पं इति पुरुषं यो भणेद् अविकल्पम्। सविकल्पमेव वा निश्चयेन न स निश्चितः समये।।१२।। | ||
Sutra Meaning : | निर्विकल्प तथा सविकल्प उभयरूप पुरुष को जो केवल निर्विकल्प अथवा सविकल्प (एक ही) कहता है, उसकी मति निश्चय ही शास्त्र में स्थिर नहीं है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Savikalpa-nirvikalpam iti purusham yo bhaned avikalpam. Savikalpameva va nishchayena na sa nishchitah samaye..12.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Nirvikalpa tatha savikalpa ubhayarupa purusha ko jo kevala nirvikalpa athava savikalpa (eka hi) kahata hai, usaki mati nishchaya hi shastra mem sthira nahim hai. |