Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004387 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र | Translated Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र |
Sutra Number : | 387 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | बृहद्कल्पभाष्य 4450 | ||
Mool Sutra : | यथा गुप्तस्य ईर्यादि (जन्या) न भवन्ति दोषाः, तथैव समितस्य। गुप्तिस्थितो प्रमादं, रुणद्धि समिति (स्थितः) सचेष्टस्य।।४।। | ||
Sutra Meaning : | जैसे गुप्ति का पालन करनेवाले को अनुचित गमनागमनमूलक दोष नहीं लगते, वैसे ही समिति का पालन करनेवाले को भी नहीं लगते। इसका कारण यह है कि मुनि जब मनोगुप्ति आदि में स्थित होता है तब वह अगुप्तिमूलक प्रमाद को रोकता है, जो दोषों का कारण है। जब वह समिति में स्थित होता है, तब चेष्टा करते समय होनेवाले प्रमाद को रोकता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Yatha guptasya iryadi (janya) na bhavanti doshah, tathaiva samitasya. Guptisthito pramadam, runaddhi samiti (sthitah) sacheshtasya..4.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaise gupti ka palana karanevale ko anuchita gamanagamanamulaka dosha nahim lagate, vaise hi samiti ka palana karanevale ko bhi nahim lagate. Isaka karana yaha hai ki muni jaba manogupti adi mem sthita hota hai taba vaha aguptimulaka pramada ko rokata hai, jo doshom ka karana hai. Jaba vaha samiti mem sthita hota hai, taba cheshta karate samaya honevale pramada ko rokata hai. |