Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000689 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३८. प्रमाणसूत्र | Translated Section : | ३८. प्रमाणसूत्र |
Sutra Number : | 689 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | विशेषावश्यकभाष्य 95 | ||
Mool Sutra : | एगंतेण परोक्खं, लिंगियमोहाइयं च पच्चक्खं। इंदियमणोभवं जं, तं संववहारपच्चक्खं।।१६।। | ||
Sutra Meaning : | धूम आदि लिंग से होनेवाला श्रुतज्ञान तो एकान्तरूप से परोक्ष ही है। अवधि, मनःपर्यय और केवल ये तीनों ज्ञान एकान्तरूप से प्रत्यक्ष ही हैं। किन्तु इन्द्रिय और मन से होनेवाला मतिज्ञान लोकव्यवहार में प्रत्यक्ष माना जाता है। इसलिए वह सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष कहलाता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Egamtena parokkham, limgiyamohaiyam cha pachchakkham. Imdiyamanobhavam jam, tam samvavaharapachchakkham..16.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Dhuma adi limga se honevala shrutajnyana to ekantarupa se paroksha hi hai. Avadhi, manahparyaya aura kevala ye tinom jnyana ekantarupa se pratyaksha hi haim. Kintu indriya aura mana se honevala matijnyana lokavyavahara mem pratyaksha mana jata hai. Isalie vaha samvyavaharika pratyaksha kahalata hai. |