Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2000678 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३८. प्रमाणसूत्र | Translated Section : | ३८. प्रमाणसूत्र |
Sutra Number : | 678 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | पंचसंग्रह 1/122; गोम्मटसार जीवकाण्ड | ||
Mool Sutra : | अत्थाओ अत्थंतर-मुवलंभे तं भणंति सुयणाणं। आभिणिबोहियपुव्वं, णियमेण य सद्दयं मूलं।।५।। | ||
Sutra Meaning : | (अनुमान या लिंगज्ञान की भाँति) अर्थ (शब्द) को जानकर उस पर से अर्थान्तर (वाच्यार्थ) को ग्रहण करना श्रुतज्ञान कहलाता है। यह ज्ञान नियमतः आभिनिबोधिक ज्ञानपूर्वक होता है। इसके दो भेद हैं--लिंगजन्य और शब्दजन्य। (धुआँ देखकर होनेवाला अग्नि का ज्ञान लिंगज है और वाचकशब्द सून या पढ़कर होनेवाला ज्ञान शब्दज है।) आगम में शब्दज श्रुतज्ञान का प्राधान्य है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Atthao atthamtara-muvalambhe tam bhanamti suyananam. Abhinibohiyapuvvam, niyamena ya saddayam mulam..5.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (anumana ya limgajnyana ki bhamti) artha (shabda) ko janakara usa para se arthantara (vachyartha) ko grahana karana shrutajnyana kahalata hai. Yaha jnyana niyamatah abhinibodhika jnyanapurvaka hota hai. Isake do bheda haim--limgajanya aura shabdajanya. (dhuam dekhakara honevala agni ka jnyana limgaja hai aura vachakashabda suna ya parhakara honevala jnyana shabdaja hai.) agama mem shabdaja shrutajnyana ka pradhanya hai. |