Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000664 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र | Translated Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र |
Sutra Number : | 664 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | प्रवचनसार 2/9 (101) | ||
Mool Sutra : | उप्पादट्ठिदिभंगा, विज्जंते पज्जएसु पज्जाया। दव्वं हि संति नियदं, तम्हा दव्वं हवदि सव्वं।।५।। | ||
Sutra Meaning : | उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य (उत्पत्ति, विनाश और स्थिति) ये तीनों द्रव्य में नहीं होते, अपितु द्रव्य की नित्य परिवर्तनशील पर्यायों में होते हैं। परन्तु पर्यायों का समूह द्रव्य है, अतः सब द्रव्य ही है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Uppadatthidibhamga, vijjamte pajjaesu pajjaya. Davvam hi samti niyadam, tamha davvam havadi savvam..5.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Utpada, vyaya aura dhrauvya (utpatti, vinasha aura sthiti) ye tinom dravya mem nahim hote, apitu dravya ki nitya parivartanashila paryayom mem hote haim. Parantu paryayom ka samuha dravya hai, atah saba dravya hi hai. |