Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000365 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २५. व्रतसूत्र | Translated Section : | २५. व्रतसूत्र |
Sutra Number : | 365 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | भगवतीआराधना 1208 | ||
Mool Sutra : | णिस्सल्लस्सेव पुणो, महव्वदाइं हवंति सव्वाइं। वदमुवहम्मदि तीहिं दु, णिदाणमिच्छत्तमायाहिं।।२।। | ||
Sutra Meaning : | निःशल्य व्रती के ही ये सब महाव्रत होते हैं। क्योंकि निदान, मिथ्यात्व और माया--इन तीन शल्यों से व्रतों का घात होता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Nissallasseva puno, mahavvadaim havamti savvaim. Vadamuvahammadi tihim du, nidanamichchhattamayahim..2.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Nihshalya vrati ke hi ye saba mahavrata hote haim. Kyomki nidana, mithyatva aura maya--ina tina shalyom se vratom ka ghata hota hai. |