Sutra Navigation: Nandisutra ( नन्दीसूत्र )

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Sr No : 1023650
Scripture Name( English ): Nandisutra Translated Scripture Name : नन्दीसूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

नन्दीसूत्र

Translated Chapter :

नन्दीसूत्र

Section : Translated Section :
Sutra Number : 150 Category : Chulika-01
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] से किं तं दिट्ठिवाए? दिट्ठिवाए णं सव्वभावपरूवणा आघविज्जइ। से समासओ पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. परिकम्मे २. सुत्ताइं ३. पुव्वगए ४. अनुओगे ५. चूलिया। से किं तं परिकम्मे? परिकम्मे सत्तविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. सिद्धसेणियापरिकम्मे २. मनुस्ससेणियापरिकम्मे, ३. पुट्ठसेणियापरिकम्मे ४. ओगाढसेणियापरिकम्मे ५. उवसंपज्जसेणियापरिकम्मे ६. विप्पजहण-सेणियापरिकम्मे ७. चुयाचुयसेणियापरिकम्मे। से किं तं सिद्धसेणियापरिकम्मे? सिद्धसेणियापरिकम्मे चउद्दसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. माउगापयाइं २. एगट्ठियपयाइं ३. अट्ठापयाइं ४. पाढो ५. आगासपयाइं ६. केउभूयं ७. रासिबद्धं ८. एगगुणं ९. दुगुणं १०. तिगुणं ११. केउभूयपडिग्गहो १२. संसारपडिग्गहो १३. नंदावत्तं १४. सिद्धावत्तं। से त्तं सिद्धसेणियापरिकम्मे। से किं तं मनुस्ससेणियापरिकम्मे? मनुस्ससेणियापरिकम्मे चउद्दसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. माउगापयाइं २. एगट्ठियपयाइं ३. अट्ठापयाइं ४. पाढो ५. आगासपयाइं ६. केउभूयं ७. रासिबद्धं ८. एगगुणं ९. दुगुणं १०. तिगुणं ११. केउभूयपडिग्गहो १२. संसारपडिग्गहो १३. नंदावत्तं १४. मनुस्सावत्तं। से त्तं मनुस्ससेणियापरिकम्मे। से किं तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे? पुट्ठसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाइं ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. पुट्ठावत्तं। से त्तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे। से किं तं ओगाढसेणियापरिकम्मे? ओगाढसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाइं ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. ओगाढावत्तं। से त्तं ओगाढसेणियापरिकम्मे। से किं तं उवसंपज्जणसेणियापरिकम्मे? उवसंपज्जणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाइं ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. उवसंपज्जणावत्तं। से त्तं उवसंपज्जणसेणियापरिकम्मे। से किं तं विप्पजहणसेणियापरिकम्मे? विप्पजहणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाइं ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. विप्पजहणावत्तं। से त्तं विप्पजहणसेणियापरिकम्मे। से किं तं चुयअचुयसेणियापरिकम्मे? चुयअचुयसेणियापरिकम्मे एक्कारसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. पाढो २. आगासपयाइं ३. केउभूयं ४. रासिबद्धं ५. एगगुणं ६. दुगुणं ७. तिगुणं ८. केउभूयपडिग्गहो ९. संसारपडिग्गहो १०. नंदावत्तं ११. चुयअचुयावत्तं। से त्तं चुयअचुयसेणियापरिकम्मे। इच्चेयाइं सत्त परिकम्माइं छ ससमइयाणि सत्त आजीवियाणि छ चउक्कणइयाइं, सत्त तेरासियाइं से त्तं परिकम्मे। से किं तं सुत्ताइं? सुत्ताइं बावीसं पन्नत्ताइं, तं जहा–१. उज्जुसुयं २. परिणयापरिणयं ३. बहुभंगियं ४. विजय-चरियं ५. अनंतरं ६. परंपरं ७. सामाणं ८. संजूहं ९. संभिन्नं १०. आहच्चायं ११. सोवत्थियं घंटं १२. नंदावत्तं १३. बहुलं १४. पुट्ठापुट्ठं १५. वियावत्तं १६. एवंभूयं १७. दुयावत्तं १८. वत्तमानुप्पयं १९. समभिरूढं २०. सव्वओभद्दं २१. पण्णासं २२. दुप्पडिग्गहं। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं छिण्णच्छेयनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं अच्छिण्णच्छेयनइयाणि आजीवियसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं तिगनइयाणि तेरासियसुत्तपरिवाडीए। इच्चेयाइं बावीसं सुत्ताइं चउक्कनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए। एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठासीइं सुत्ताइं भवंतीति मक्खायं। से त्तं सुत्ताइं। से किं तं पुव्वगए? पुव्वगए चउद्दसविहे पन्नत्ते, तं जहा–१. उप्पायपुव्वं २. अग्गेणीयं ३. वीरियं ४. अत्थिन-त्थिप्पवायं ५. नाणप्पवायं ६. सच्चप्पवायं ७. आयप्पवायं ८. कम्मप्पवायं ९. पच्चक्खाणं १०. विज्जाणुप्पवायं ११. अवंज्झं १२. पाणाउं १३. किरियाविसालं १४. लोकबिंदुसारं। उप्पायपुव्वस्स णं पुव्वस्स दस वत्थू, चत्तारि चूलियावत्थू पन्नत्ता। अग्गेणीयपुव्वस्स णं चोद्दस वत्थू, दुवालस चूलियावत्थू पन्नत्ता। वीरियपुव्वस्स णं अट्ठ वत्थू, अट्ठ चूलियावत्थू पन्नत्ता। अत्थिनत्थिप्पवायपुव्वस्स णं अट्ठारस वत्थू, दस चूलियावत्थू पन्नत्ता। नाणप्पवायपुव्वस्स णं बारस वत्थू पन्नत्ता। सच्चप्पवायपुव्वस्स णं दोन्नि वत्थू पन्नत्ता। आयप्पवायपुव्वस्स णं सोलस वत्थू पन्नत्ता। कम्मप्पवायपुव्वस्स णं तीसं वत्थू पन्नत्ता। पच्चक्खाणपुव्वस्स णं वीसं वत्थू पन्नत्ता। विज्जाणुप्पवायपुव्वस्स णं पन्नरस वत्थू पन्नत्ता। अवंजपुव्वस्स णं बारस वत्थू पन्नत्ता। पाणाउपुव्वस्स णं तेरस वत्थू पन्नत्ता। किरियाविसालपुव्वस्स णं तीसं वत्थू पन्नत्ता। लोकबिंदुसारपुव्वस्स णं पणुवीसं वत्थू पन्नत्ता।
Sutra Meaning : दृष्टिवाद क्या है ? दृष्टिवाद – सब नयदृष्टियों का कथन करने वाले श्रुत में समस्त भावों की प्ररूपणा है। संक्षेप में पाँच प्रकार का है। परिकर्म, सूत्र, पूर्वगत, अनुयोग और चूलिका। परिकर्म सात प्रकार का है, सिद्ध – श्रेणिकापरिकर्म, मनुष्य – श्रेणिकापरिकर्म, पुष्ट – श्रेणिकापरिकर्म, अवगाढ – श्रेणिका – परिकर्म, उपसम्पादन – श्रेणिकापरिकर्म, विप्रजहत्‌ श्रेणिकापरिकर्म और च्युताच्युतश्रेणिका – परिकर्म। सिद्धश्रेणिका परिकर्म चौदह प्रकार का है। यथा – मातृकापद, एकार्थपद, अर्थपद, पृथगाकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एकगुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसारप्रतिग्रह, नन्दावर्त्त, सिद्धावर्त। मनुष्यश्रेणिका परिकर्म चौदह प्रकार का है, जैसे – मातृकापद, एकार्थक पद, अर्थपद, पृथगाकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एक गुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसारप्रतिग्रह, नन्दावर्त्त और मनुष्यावर्त। पृष्टश्रेणिका परिकर्म ग्यारह प्रकार का है, पृथगाकाशपद, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसारप्रतिग्रह, नन्दावर्त्त और अवगाढावर्त्त। उपसम्पादन श्रेणिका परिकर्म ग्यारह प्रकार का है। पृथगाकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एकगुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसार प्रतिग्रह, नन्दावर्त्त और उपसम्पादनावर्त। विप्रजहत्‌श्रेणिका परिकर्म ग्यारह प्रकार का है। पृथकाकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एकगुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसारप्रतिग्रह, नंदावर्त्त, विप्रजहदावर्त्त। च्युताच्युत श्रेणिका परिकर्म ग्यारह प्रकार का है, पृथगाकाशपद, केतुभूत, राशिबद्ध, एकगुण, द्विगुण, त्रिगुण, केतुभूत, प्रतिग्रह, संसार – प्रतिग्रह, नन्दावर्त्त और च्युताच्युतावर्त। इन ग्यारह भेदों में से प्रारम्भ के छह परिकर्म चार नयों के आश्रित हैं और अंतिम सात में त्रैराशिक मत का दिग्दर्शन कराया गया है। सूत्र रूप दृष्टिवाद बाईस प्रकार से है। ऋजुसूत्र, परिणतापरिणत, बहुभंगिक, विजयचरित, अनन्तर, परम्पर, आसान, संयूथ, सम्भिन्न, यथावाद, स्वस्तिकावर्त, नन्दावर्त, बहुल, पृष्टापृष्ट, व्यावर्त्त, एवंभूत, द्विकावर्त्त, वर्तमानपद, समभिरूढ़, सर्वतोभद्र, प्रशिष्य, दुष्प्रतिग्रह। ये बाईस सूत्र छिन्नच्छेदनयवाले, स्वसमय सूत्र परिपाटी के आश्रित हैं। यह ही बाईस सूत्र आजीविक गोशालक के दर्शन की दृष्टि से अच्छिन्नच्छेद नय वाले हैं। इसी प्रकार से ये ही सूत्र त्रैराशिक सूत्र परिपाटी से तीन नय वाले हैं, स्वसमयसिद्धान्त की दृष्टि से चतुष्क नय वाले हैं। इस प्रकार पूर्वापर सर्व मिलकर ८८ सूत्र हो जाते हैं। यह कथन तीर्थंकर और गणधरों ने किया है। पूर्वगत – दृष्टिवाद चौदह प्रकार का है, उत्पादपूर्व, अग्रायणीयपूर्व, वीर्यप्रवादपूर्व, अस्तिनास्ति प्रवादपूर्व, ज्ञानप्रवादपूर्व, सत्यप्रवादपूर्व, आत्मप्रवादपूर्व, कर्मप्रवादपूर्व, प्रत्याख्यानप्रवादपूर्व, विद्यानुवादप्रवादपूर्व, अबध्य – पूर्व, प्राणायुपूर्व, क्रियाविशाल – पूर्व, और लोकबिन्दुसारपूर्व। उत्पादपूर्व में दस वस्तु और चार चूलिका वस्तु, अग्रायणीय में चौदह वस्तु और बारह चूलिका वस्तु, वीर्यप्रवाद में आठ वस्तु और आठ चूलिका वस्तु, अस्तिनास्तिप्रवाद में अठारह वस्तु और दस चूलिका वस्तु, ज्ञानप्रवाद में बारह वस्तु, सत्यप्रवाद में दो वस्तु हैं, आत्मप्रवाद में सोलह वस्तु, कर्मप्रवाद में तीस वस्तु, प्रत्याख्यान में बीस वस्तु, विद्यानुवाद में पन्द्रह वस्तु, अबध्य में बारह वस्तु, प्राणायु में तेरह वस्तु, क्रियाविशाल में तीस वस्तु और लोकबिन्दुसारपूर्व में पच्चीस वस्तु है।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] se kim tam ditthivae? Ditthivae nam savvabhavaparuvana aghavijjai. Se samasao pamchavihe pannatte, tam jaha–1. Parikamme 2. Suttaim 3. Puvvagae 4. Anuoge 5. Chuliya. Se kim tam parikamme? Parikamme sattavihe pannatte, tam jaha–1. Siddhaseniyaparikamme 2. Manussaseniyaparikamme, 3. Putthaseniyaparikamme 4. Ogadhaseniyaparikamme 5. Uvasampajjaseniyaparikamme 6. Vippajahana-seniyaparikamme 7. Chuyachuyaseniyaparikamme. Se kim tam siddhaseniyaparikamme? Siddhaseniyaparikamme chauddasavihe pannatte, tam jaha–1. Maugapayaim 2. Egatthiyapayaim 3. Atthapayaim 4. Padho 5. Agasapayaim 6. Keubhuyam 7. Rasibaddham 8. Egagunam 9. Dugunam 10. Tigunam 11. Keubhuyapadiggaho 12. Samsarapadiggaho 13. Namdavattam 14. Siddhavattam. Se ttam siddhaseniyaparikamme. Se kim tam manussaseniyaparikamme? Manussaseniyaparikamme chauddasavihe pannatte, tam jaha–1. Maugapayaim 2. Egatthiyapayaim 3. Atthapayaim 4. Padho 5. Agasapayaim 6. Keubhuyam 7. Rasibaddham 8. Egagunam 9. Dugunam 10. Tigunam 11. Keubhuyapadiggaho 12. Samsarapadiggaho 13. Namdavattam 14. Manussavattam. Se ttam manussaseniyaparikamme. Se kim tam putthaseniyaparikamme? Putthaseniyaparikamme ikkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayaim 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Putthavattam. Se ttam putthaseniyaparikamme. Se kim tam ogadhaseniyaparikamme? Ogadhaseniyaparikamme ikkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayaim 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Ogadhavattam. Se ttam ogadhaseniyaparikamme. Se kim tam uvasampajjanaseniyaparikamme? Uvasampajjanaseniyaparikamme ikkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayaim 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Uvasampajjanavattam. Se ttam uvasampajjanaseniyaparikamme. Se kim tam vippajahanaseniyaparikamme? Vippajahanaseniyaparikamme ikkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayaim 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Vippajahanavattam. Se ttam vippajahanaseniyaparikamme. Se kim tam chuyaachuyaseniyaparikamme? Chuyaachuyaseniyaparikamme ekkarasavihe pannatte, tam jaha–1. Padho 2. Agasapayaim 3. Keubhuyam 4. Rasibaddham 5. Egagunam 6. Dugunam 7. Tigunam 8. Keubhuyapadiggaho 9. Samsarapadiggaho 10. Namdavattam 11. Chuyaachuyavattam. Se ttam chuyaachuyaseniyaparikamme. Ichcheyaim satta parikammaim chha sasamaiyani satta ajiviyani chha chaukkanaiyaim, satta terasiyaim se ttam parikamme. Se kim tam suttaim? Suttaim bavisam pannattaim, tam jaha–1. Ujjusuyam 2. Parinayaparinayam 3. Bahubhamgiyam 4. Vijaya-chariyam 5. Anamtaram 6. Paramparam 7. Samanam 8. Samjuham 9. Sambhinnam 10. Ahachchayam 11. Sovatthiyam ghamtam 12. Namdavattam 13. Bahulam 14. Putthaputtham 15. Viyavattam 16. Evambhuyam 17. Duyavattam 18. Vattamanuppayam 19. Samabhirudham 20. Savvaobhaddam 21. Pannasam 22. Duppadiggaham. Ichcheyaim bavisam suttaim chhinnachchheyanaiyani sasamayasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim achchhinnachchheyanaiyani ajiviyasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim tiganaiyani terasiyasuttaparivadie. Ichcheyaim bavisam suttaim chaukkanaiyani sasamayasuttaparivadie. Evameva sapuvvavarenam atthasiim suttaim bhavamtiti makkhayam. Se ttam suttaim. Se kim tam puvvagae? Puvvagae chauddasavihe pannatte, tam jaha–1. Uppayapuvvam 2. Aggeniyam 3. Viriyam 4. Atthina-tthippavayam 5. Nanappavayam 6. Sachchappavayam 7. Ayappavayam 8. Kammappavayam 9. Pachchakkhanam 10. Vijjanuppavayam 11. Avamjjham 12. Panaum 13. Kiriyavisalam 14. Lokabimdusaram. Uppayapuvvassa nam puvvassa dasa vatthu, chattari chuliyavatthu pannatta. Aggeniyapuvvassa nam choddasa vatthu, duvalasa chuliyavatthu pannatta. Viriyapuvvassa nam attha vatthu, attha chuliyavatthu pannatta. Atthinatthippavayapuvvassa nam attharasa vatthu, dasa chuliyavatthu pannatta. Nanappavayapuvvassa nam barasa vatthu pannatta. Sachchappavayapuvvassa nam donni vatthu pannatta. Ayappavayapuvvassa nam solasa vatthu pannatta. Kammappavayapuvvassa nam tisam vatthu pannatta. Pachchakkhanapuvvassa nam visam vatthu pannatta. Vijjanuppavayapuvvassa nam pannarasa vatthu pannatta. Avamjapuvvassa nam barasa vatthu pannatta. Panaupuvvassa nam terasa vatthu pannatta. Kiriyavisalapuvvassa nam tisam vatthu pannatta. Lokabimdusarapuvvassa nam panuvisam vatthu pannatta.
Sutra Meaning Transliteration : Drishtivada kya hai\? Drishtivada – saba nayadrishtiyom ka kathana karane vale shruta mem samasta bhavom ki prarupana hai. Samkshepa mem pamcha prakara ka hai. Parikarma, sutra, purvagata, anuyoga aura chulika. Parikarma sata prakara ka hai, siddha – shrenikaparikarma, manushya – shrenikaparikarma, pushta – shrenikaparikarma, avagadha – shrenika – parikarma, upasampadana – shrenikaparikarma, viprajahat shrenikaparikarma aura chyutachyutashrenika – parikarma. Siddhashrenika parikarma chaudaha prakara ka hai. Yatha – matrikapada, ekarthapada, arthapada, prithagakashapada, ketubhuta, rashibaddha, ekaguna, dviguna, triguna, ketubhuta, pratigraha, samsarapratigraha, nandavartta, siddhavarta. Manushyashrenika parikarma chaudaha prakara ka hai, jaise – matrikapada, ekarthaka pada, arthapada, prithagakashapada, ketubhuta, rashibaddha, eka guna, dviguna, triguna, ketubhuta, pratigraha, samsarapratigraha, nandavartta aura manushyavarta. Prishtashrenika parikarma gyaraha prakara ka hai, prithagakashapada, ketubhuta, pratigraha, samsarapratigraha, nandavartta aura avagadhavartta. Upasampadana shrenika parikarma gyaraha prakara ka hai. Prithagakashapada, ketubhuta, rashibaddha, ekaguna, dviguna, triguna, ketubhuta, pratigraha, samsara pratigraha, nandavartta aura upasampadanavarta. Viprajahatshrenika parikarma gyaraha prakara ka hai. Prithakakashapada, ketubhuta, rashibaddha, ekaguna, dviguna, triguna, ketubhuta, pratigraha, samsarapratigraha, namdavartta, viprajahadavartta. Chyutachyuta shrenika parikarma gyaraha prakara ka hai, prithagakashapada, ketubhuta, rashibaddha, ekaguna, dviguna, triguna, ketubhuta, pratigraha, samsara – pratigraha, nandavartta aura chyutachyutavarta. Ina gyaraha bhedom mem se prarambha ke chhaha parikarma chara nayom ke ashrita haim aura amtima sata mem trairashika mata ka digdarshana karaya gaya hai. Sutra rupa drishtivada baisa prakara se hai. Rijusutra, parinataparinata, bahubhamgika, vijayacharita, anantara, parampara, asana, samyutha, sambhinna, yathavada, svastikavarta, nandavarta, bahula, prishtaprishta, vyavartta, evambhuta, dvikavartta, vartamanapada, samabhirurha, sarvatobhadra, prashishya, dushpratigraha. Ye baisa sutra chhinnachchhedanayavale, svasamaya sutra paripati ke ashrita haim. Yaha hi baisa sutra ajivika goshalaka ke darshana ki drishti se achchhinnachchheda naya vale haim. Isi prakara se ye hi sutra trairashika sutra paripati se tina naya vale haim, svasamayasiddhanta ki drishti se chatushka naya vale haim. Isa prakara purvapara sarva milakara 88 sutra ho jate haim. Yaha kathana tirthamkara aura ganadharom ne kiya hai. Purvagata – drishtivada chaudaha prakara ka hai, utpadapurva, agrayaniyapurva, viryapravadapurva, astinasti pravadapurva, jnyanapravadapurva, satyapravadapurva, atmapravadapurva, karmapravadapurva, pratyakhyanapravadapurva, vidyanuvadapravadapurva, abadhya – purva, pranayupurva, kriyavishala – purva, aura lokabindusarapurva. Utpadapurva mem dasa vastu aura chara chulika vastu, agrayaniya mem chaudaha vastu aura baraha chulika vastu, viryapravada mem atha vastu aura atha chulika vastu, astinastipravada mem atharaha vastu aura dasa chulika vastu, jnyanapravada mem baraha vastu, satyapravada mem do vastu haim, atmapravada mem solaha vastu, karmapravada mem tisa vastu, pratyakhyana mem bisa vastu, vidyanuvada mem pandraha vastu, abadhya mem baraha vastu, pranayu mem teraha vastu, kriyavishala mem tisa vastu aura lokabindusarapurva mem pachchisa vastu hai.